लखनऊ: सरकारी विभागों और कार्यालयों में अपनी सेवा का संपूर्ण योगदान न देने वाले कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की जाएगी. 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने को लेकर चीफ सेक्रेटरी दुर्गाशंकर मिश्र ने आदेश जारी किया है. जारी आदेश में कहा गया है कि सभी विभागों के विभागाध्यक्ष व प्रमुख सचिव के स्तर पर 31 जुलाई तक 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करके रिपोर्ट शासन को भेजी जाए. स्क्रीनिंग में कर्मचारियों के खिलाफ पूर्व में हुई कार्यवाही सहित अन्य प्रविष्टियों की जानकारी में गलत कार्य किए जाने का विवरण है तो स्क्रीनिंग रिपोर्ट में वह सभी जानकारी देते हुए रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए.
जारी शासनादेश में कहा गया है कि राजकीय सेवा नियमावली के तहत नियुक्ति अधिकारी किसी भी समय किसी भी कर्मचारी को 50 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद बिना कोई कारण बताए 3 महीने का नोटिस देकर सेवानिवृत्त कर सकता है. मुख्य सचिव ने जारी आदेश में कहा है कि 31 जुलाई तक स्क्रीनिंग करके रिपोर्ट शासन को दी जाए. ऐसे कर्मचारी जिनकी आयु 31 मार्च 2022 को 50 वर्ष या इससे अधिक होगी, वह स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे. इसके बाद 15 अगस्त तक कार्मिक विभाग को अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने वाले कर्मचारियों की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं.
इसे भी पढ़े-पुलिसकर्मियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
जारी आदेश में यह भी प्रमुखता से कहा गया है कि पूर्व में यदि किसी कर्मचारी के मामले में पहले स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव रखा गया था और उसे सेवा में बनाए रखने का निर्णय किया जा चुका है तो अब उस कर्मचारी को फिर से स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखने की आवश्यकता नहीं है. यह भी कहा गया है कि अगर नियुक्ति प्राधिकारी के सामने कोई महत्वपूर्ण तथ्य संबंधित कर्मचारी को लेकर आता है तो किसी भी समय कर्मचारी को अनिवार्य सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया जा सकता है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप