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शपथ ग्रहण में हुई अव्यवस्था से नाराज चीफ सेक्रेटरी ने बुलाई बैठक, अफसरों पर गिर सकती है गाज - लखनऊ लेटेस्ट न्यूज

सीएम योगी व उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हुई अव्यवस्थाओं को लेकर शासन ने नाराजगी जताई है. सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने रविवार को एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. इस मामले में जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई भी हो सकती है.

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Published : Mar 27, 2022, 1:36 PM IST

Updated : Mar 27, 2022, 1:55 PM IST

लखनऊ: सीएम योगी व उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हुई अव्यवस्थाओं को लेकर शासन ने नाराजगी जताई है. सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने रविवार को एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. इस मामले में जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई भी हो सकती है. बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण के दिन समारोह स्थल में तो अव्यवस्था थी ही, इसके साथ ही पूरा शहर भारी ट्रैफिक जाम जूझता रहा. यह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी ट्रैफिक जाम के शिकार रहे. इसके चलते शासन कार्रवाई के मूड में है.

सूत्रों की मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह को पूरी तरह से व्यवस्थित करने, वीवीआईपी को कोई परेशानी न होने और ट्रैफिक जाम सुचारू रूप से चलाए जाने को लेकर कई बार मीटिंग्स हुई थी. इसके बावजूद समारोह के दौरान भारी अव्यवस्था देखने को मिली. एक तरफ समारोह स्थल में ही अव्यवस्था रही, तो दूसरी तरफ पूरे शहर में भारी ट्रैफिक जाम से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी. समारोह स्थल के आसपास ऐसी अफरा-तफरी रही कि बड़े-बड़े वीवीआइपी भी परेशान हुए. इस दौरान उन्हें पैदल समारोह स्थल तक पहुंचना पड़ा. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को इस परेशानी का सामना करना पड़ा.

इस लेकर शासन ने नाराजगी जताई है और खुद मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. बैठक में इस बिंदु पर बातचीत किए जाने के संकेत हैं कि शपथ ग्रहण को लेकर सभी व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी. फिर यह चूक कैसे हुई? जिसको जो जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उस पर अमल क्यों नहीं हुआ? इन सबका जवाब आज की बैठक में अफसरों से पूछा जाएगा.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सवाल उठ रहे हैं कि इकाना स्टेडियम की क्षमता 50 हजार है तो 70 हजार से ज्यादा पास कैसे जारी किए गए? समारोह में 6 हजार से ज्यादा कुर्सियां मैदान पर लगाई गई थी, लेकिन पास 70 हजार से अधिक जारी कर दिए गए. सूत्र बताते हैं कि शुरुआत में सिर्फ 1 हजार वीआईपी पास जारी करने की बात थी, लेकिन धीरे-धीरे पास की संख्या बढ़ती गई. सभी वीआईपी का गेट नंबर 3 से प्रवेश के लिए पास जारी हुआ था, अव्यवस्था इसलिए हुई कि गेट पर लिखा नंबर दिख नहीं रहा था.

यह भी पढ़ें- संगीत सोम के खिलाफ अभद्र टिप्‍पणी के बाद सांप्रदायिक तनाव, 4 गिरफ्तार

गेट नंबर 3 से ही केंद्रीय मंत्री, दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य मेहमानों के प्रवेश की व्यवस्था थी. दिन में 2:30 बजे तक वीआईपी गाड़ी को पास देखकर प्रवेश दिया जा रहा था. लेकिन उसके बाद स्थिति बिगड़ती गई और सारी व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई. समारोह स्तर पर तमाम तरह की अव्यवस्थाएं हुई. जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ा. यही नहीं पार्किंग में 15 हजार की जगह थी और पार्किंग में करीब 25,000 से अधिक गाड़ियां पहुंच गई.

भीड़ इतनी बढ़ती चली गई की संभालना मुश्किल हो गया. इसको लेकर नाराजगी जताई गई है. अब इन सभी बिंदुओं पर बातचीत करते हुए संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई या फिर कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है. चीफ सेक्रेटरी की तरफ से नाराजगी जताने और बैठक बुलाने के बाद डीजीपी ने भी लखनऊ कमिश्नर को तलब किया है. डीजीपी मुकुल गोयल ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से अव्यवस्था को लेकर रिपोर्ट मांगी है. शाम को चीफ सेक्रेटरी के साथ डीजीपी की मीटिंग भी है.

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लखनऊ: सीएम योगी व उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हुई अव्यवस्थाओं को लेकर शासन ने नाराजगी जताई है. सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने रविवार को एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. इस मामले में जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई भी हो सकती है. बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण के दिन समारोह स्थल में तो अव्यवस्था थी ही, इसके साथ ही पूरा शहर भारी ट्रैफिक जाम जूझता रहा. यह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी ट्रैफिक जाम के शिकार रहे. इसके चलते शासन कार्रवाई के मूड में है.

सूत्रों की मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह को पूरी तरह से व्यवस्थित करने, वीवीआईपी को कोई परेशानी न होने और ट्रैफिक जाम सुचारू रूप से चलाए जाने को लेकर कई बार मीटिंग्स हुई थी. इसके बावजूद समारोह के दौरान भारी अव्यवस्था देखने को मिली. एक तरफ समारोह स्थल में ही अव्यवस्था रही, तो दूसरी तरफ पूरे शहर में भारी ट्रैफिक जाम से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी. समारोह स्थल के आसपास ऐसी अफरा-तफरी रही कि बड़े-बड़े वीवीआइपी भी परेशान हुए. इस दौरान उन्हें पैदल समारोह स्थल तक पहुंचना पड़ा. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को इस परेशानी का सामना करना पड़ा.

इस लेकर शासन ने नाराजगी जताई है और खुद मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. बैठक में इस बिंदु पर बातचीत किए जाने के संकेत हैं कि शपथ ग्रहण को लेकर सभी व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी. फिर यह चूक कैसे हुई? जिसको जो जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उस पर अमल क्यों नहीं हुआ? इन सबका जवाब आज की बैठक में अफसरों से पूछा जाएगा.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सवाल उठ रहे हैं कि इकाना स्टेडियम की क्षमता 50 हजार है तो 70 हजार से ज्यादा पास कैसे जारी किए गए? समारोह में 6 हजार से ज्यादा कुर्सियां मैदान पर लगाई गई थी, लेकिन पास 70 हजार से अधिक जारी कर दिए गए. सूत्र बताते हैं कि शुरुआत में सिर्फ 1 हजार वीआईपी पास जारी करने की बात थी, लेकिन धीरे-धीरे पास की संख्या बढ़ती गई. सभी वीआईपी का गेट नंबर 3 से प्रवेश के लिए पास जारी हुआ था, अव्यवस्था इसलिए हुई कि गेट पर लिखा नंबर दिख नहीं रहा था.

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गेट नंबर 3 से ही केंद्रीय मंत्री, दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य मेहमानों के प्रवेश की व्यवस्था थी. दिन में 2:30 बजे तक वीआईपी गाड़ी को पास देखकर प्रवेश दिया जा रहा था. लेकिन उसके बाद स्थिति बिगड़ती गई और सारी व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई. समारोह स्तर पर तमाम तरह की अव्यवस्थाएं हुई. जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ा. यही नहीं पार्किंग में 15 हजार की जगह थी और पार्किंग में करीब 25,000 से अधिक गाड़ियां पहुंच गई.

भीड़ इतनी बढ़ती चली गई की संभालना मुश्किल हो गया. इसको लेकर नाराजगी जताई गई है. अब इन सभी बिंदुओं पर बातचीत करते हुए संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई या फिर कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है. चीफ सेक्रेटरी की तरफ से नाराजगी जताने और बैठक बुलाने के बाद डीजीपी ने भी लखनऊ कमिश्नर को तलब किया है. डीजीपी मुकुल गोयल ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से अव्यवस्था को लेकर रिपोर्ट मांगी है. शाम को चीफ सेक्रेटरी के साथ डीजीपी की मीटिंग भी है.

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Last Updated : Mar 27, 2022, 1:55 PM IST
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