लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित (Hriday Narayan Dixit) ने नाग पंचमी (Nag Panchami) पर्व पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं. गुरुवार को जारी एक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में जीव-जन्तु, वृक्ष-वनस्पति सभी के साथ आत्मीय सम्बन्ध जोड़ने की समृद्ध एवं प्राचीन परम्परा है. नाग पंचमी का पर्व प्रकृति के साथ हमारे इस जुड़ाव का प्रतीक है. हमारी संस्कृति में प्रकृति में पाए जाने वाले समस्त जीवों से मनुष्य का एक खास आत्मीय संबंध रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाग पूजा का प्रचलन प्राचीन काल से चला आ रहा है. सावन में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व माना जाता है. श्रावण मास में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. भगवान शिव के गले का आभूषण नाग देवता हैं. नागों का भारतीय संस्कृति में अहम स्थान रहा है. नागदेव का पूजन भी उसी परम्परा की कड़ी है. मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों से नाग पंचमी का पर्व कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करते हुए ही मनाए जाने की अपील की है.
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उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने नाग पंचमी के पावन पर्व के पूर्व संध्या पर प्रदेश-वासियों को हार्दिक बधाई देते हुए सुख-समृद्धि की कामना की है. दीक्षित ने अपने संदेश में कहा है कि नाग वेदों से पहले के देवता हैं. नाग देवता का उल्लेख ऋगवेद में भी मिलता है. नाग पूजा का प्रचलन प्राचीन काल से चला आ रहा है. मोहनजोदड़ो, हड़प्पा और सिंधु सभ्यता की खुदाई में प्राप्त प्रमाण से पता चलता है कि उस काल में भी नाग की पूजा होती थी. भगवान शिव के गले का आभूषण नाग देवता ही हैं. वहीं, श्रीहरि विष्णु शेष शैया पर विराजमान हुए, श्रीकृष्ण कालिया नाग की कथा हम बचपन से सुनते आए हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने कोविड-19 टो काल के तहत नाग पंचमी मनाने की अपील की.