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CM योगी का निर्देश, गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लाएं तेजी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर यूपीडा द्वारा गंगा एक्सप्रेस-वे के संबंध में दिए गए प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए अनुभवी और कुशल प्रोफेशनल नियुक्त किए जाएं.

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Published : Jun 20, 2020, 9:53 AM IST

गंगा एक्सप्रेस-वे का तेजी से निर्माण के लिए सीएम योगी ने दिए निर्देश
गंगा एक्सप्रेस-वे का तेजी से निर्माण के लिए सीएम योगी ने दिए निर्देश

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जाए. एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाए. उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे को भविष्य में वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल से जोड़ने की संभावनाओं का अध्ययन कर आवश्यक कार्यवाही की जाए. मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए ट्रांजेक्शन एडवाइजर की नियुक्ति के संबंध में सभी विकल्पों पर विचार करते हुए एक सप्ताह के अंतर्गत ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए.

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश शुक्रवार को यहां अपने सरकारी आवास पर यूपीडा द्वारा गंगा एक्सप्रेस-वे के संबंध में दिए गए प्रस्तुतीकरण का अवलोकन के दौरान दिए. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए अनुभवी और कुशल प्रोफेशनल नियुक्त किए जाएं. एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्रों को औद्योगिक विकास और व्यावसायिक उपयोग के रूप में पहले से ही चिन्हित कर लिया जाए. एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं को न्यूनतम रखने के लिए प्रारंभ से ही उपाय किए जाएं.

डीपीआर भी हुआ तैयार
यूपीडा के कार्यपालक अधिकारी और अपर मुख्य सचिव सूचना व गृह अवनीश अवस्थी ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए कैबिनेट की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो चुकी है. इसका डीपीआर भी तैयार कर लिया गया है. यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रारंभ होकर प्रयागराज में एनएच-19 के बाईपास पर सोरांव तक जाएगा. इसकी कुल अनुमानित लंबाई 602.13 किलोमीटर होगी. उन्होंने कहा कि प्रारंभ में छह लेन का एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा, जिसका आठ दिन में विस्तार किया जा सकेगा. एक्सप्रेस-वे के सभी स्ट्रक्चर आठ लेन के बनाए जाएंगे.

एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर अनुमानित लागत 37,350 करोड़
अवनीश अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर लगभग 37,350 करोड़ रुपये अनुमानित हैं. भूमि अधिग्रहण की अनुमानित लागत 9,500 करोड़ रुपये है. एक्सप्रेस-वे का निर्माण 12 पैकेज में किया जाएगा. एक्सप्रेस वे के निर्माण से दिल्ली-प्रयागराज की सड़क मार्ग से यात्रा छह घंटे में की जा सकेगी, जिसमें वर्तमान में 11 से 12 घंटे लगते हैं. एक्सप्रेस-वे संरेखण में मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले पड़ेंगे. अपने संरेखण पर गंगा एक्सप्रेस-वे दो एक्सप्रेस-वे, आठ राष्ट्रीय राजमार्ग, 15 राजमार्ग, छह मुख्य जिला मार्ग आठ अन्य जिला मार्ग और 276 ग्रामीण मार्ग को क्रॉस करेगा.

एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कुल 8 रेलवे ओवरब्रिज
एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कुल आठ रेलवे ओवरब्रिज, 15 दीर्घ सेतु, मुख्य मार्गों की क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर, अंडरपास और आवश्यकतानुसार लघु सेतु व पुलिया का निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना के लिए लगभग 7,200 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी. सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत एक्सप्रेस-वे पर 15 मीटर चौड़ाई का डिस्प्रेड मीडियम भी प्रस्तावित है. यात्रियों की सुविधा और सड़क सुरक्षा के लिए एक्सप्रेस-वे पर प्रति 50 किलोमीटर पर वे साइड एमेनिटीज/टॉयलेट ब्लॉक का प्रावधान किया गया है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जाए. एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाए. उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे को भविष्य में वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल से जोड़ने की संभावनाओं का अध्ययन कर आवश्यक कार्यवाही की जाए. मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए ट्रांजेक्शन एडवाइजर की नियुक्ति के संबंध में सभी विकल्पों पर विचार करते हुए एक सप्ताह के अंतर्गत ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए.

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश शुक्रवार को यहां अपने सरकारी आवास पर यूपीडा द्वारा गंगा एक्सप्रेस-वे के संबंध में दिए गए प्रस्तुतीकरण का अवलोकन के दौरान दिए. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए अनुभवी और कुशल प्रोफेशनल नियुक्त किए जाएं. एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्रों को औद्योगिक विकास और व्यावसायिक उपयोग के रूप में पहले से ही चिन्हित कर लिया जाए. एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं को न्यूनतम रखने के लिए प्रारंभ से ही उपाय किए जाएं.

डीपीआर भी हुआ तैयार
यूपीडा के कार्यपालक अधिकारी और अपर मुख्य सचिव सूचना व गृह अवनीश अवस्थी ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए कैबिनेट की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो चुकी है. इसका डीपीआर भी तैयार कर लिया गया है. यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रारंभ होकर प्रयागराज में एनएच-19 के बाईपास पर सोरांव तक जाएगा. इसकी कुल अनुमानित लंबाई 602.13 किलोमीटर होगी. उन्होंने कहा कि प्रारंभ में छह लेन का एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा, जिसका आठ दिन में विस्तार किया जा सकेगा. एक्सप्रेस-वे के सभी स्ट्रक्चर आठ लेन के बनाए जाएंगे.

एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर अनुमानित लागत 37,350 करोड़
अवनीश अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर लगभग 37,350 करोड़ रुपये अनुमानित हैं. भूमि अधिग्रहण की अनुमानित लागत 9,500 करोड़ रुपये है. एक्सप्रेस-वे का निर्माण 12 पैकेज में किया जाएगा. एक्सप्रेस वे के निर्माण से दिल्ली-प्रयागराज की सड़क मार्ग से यात्रा छह घंटे में की जा सकेगी, जिसमें वर्तमान में 11 से 12 घंटे लगते हैं. एक्सप्रेस-वे संरेखण में मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले पड़ेंगे. अपने संरेखण पर गंगा एक्सप्रेस-वे दो एक्सप्रेस-वे, आठ राष्ट्रीय राजमार्ग, 15 राजमार्ग, छह मुख्य जिला मार्ग आठ अन्य जिला मार्ग और 276 ग्रामीण मार्ग को क्रॉस करेगा.

एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कुल 8 रेलवे ओवरब्रिज
एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कुल आठ रेलवे ओवरब्रिज, 15 दीर्घ सेतु, मुख्य मार्गों की क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर, अंडरपास और आवश्यकतानुसार लघु सेतु व पुलिया का निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना के लिए लगभग 7,200 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी. सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत एक्सप्रेस-वे पर 15 मीटर चौड़ाई का डिस्प्रेड मीडियम भी प्रस्तावित है. यात्रियों की सुविधा और सड़क सुरक्षा के लिए एक्सप्रेस-वे पर प्रति 50 किलोमीटर पर वे साइड एमेनिटीज/टॉयलेट ब्लॉक का प्रावधान किया गया है.

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