लखनऊ: सिटी मांटेसरी स्कूल एलडीए शाखा में विश्व के मुख्य न्यायाधीश के 21वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य रूप से राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा तथा उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने अपनी उपस्थिति ऑनलाइन के माध्यम से दर्ज कराई. इस दौरान सुबह के सत्र में सुधांशु त्रिवेदी तथा दोपहर में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा व शाम को 7:30 बजे हृदय नारायण दीक्षित ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करा कर अपने विचार व्यक्त किए.
वैश्विक एकता के लिए प्रेरित कर रहीं वर्तमान स्थिति
ऐतिहासिक सम्मेलन के दूसरे दिन प्रातः कालीन सत्र का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि सुधांशु त्रिवेदी राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इस वर्ष स्थितियां पिछले वर्ष से भिन्न हैं. यह हमें वैश्विक एकता के लिए और अधिक प्रेरित कर रही है. अब समय आ गया है कि हम ग्लोबल गवर्नेंस के बारे में गंभीरता से सोचें पर्यावरणीय समस्याएं और परमाणु बम का खतरा आज पूरी दुनिया में बढ़ा है. यदि भविष्य में दुनिया को महामारी से मुक्त रखना है तो हमें विश्व एकता के बारे में गंभीरता से सोचना होगा. फिलीपींस के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हीलेरियो डेविड ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर में संशोधन आवश्यक है, जिससे बच्चों की अपील को ध्यान में रखते हुए एक विश्व सरकार और प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय कानून व्यवस्था का गठन किया जा सके.
कार्यक्रम में कलराज मिश्र भी पहुंचे
सम्मेलन के दूसरे दिन आज अपरान सत्र का उद्घाटन मुख्य अतिथि कलराज मिश्र ने किया. इस अवसर पर अपने संबोधन में कलराज मिश्र ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें अपनी पिछली गलतियों को दोहराने नहीं चाहिए बल्कि ऐसे उपाय करने चाहिए, जिससे एकता विश्व शांति पर आधारित एक नया समाज गठित हो.
'आतंकवाद ने पसारे पैर'
सीएमएस संस्थापक प्रख्यात शिक्षाविद् एवं अंतर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के संयोजक डॉ जगदीश गांधी ने कहा कि विश्व सरकार, संसद और अंतरराष्ट्रीय कानून व्यवस्था ही एक आदर्श व्यवस्था की धुरी है, जो आतंकवाद अशिक्षा बेरोजगारी और पर्यावरण संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करने में सक्षम है. सायं कालीन सत्र का उद्घाटन प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने किया। दीक्षित ने अपने संबोधन में कहा कि 'वसुदेव कुटुंबकम' की महान संस्कृति एवं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 की भावना को सारे विश्व में पहुंचाने की आज जरूरत है और यही समय की मांग है.
शांति के लिए किया सम्मेलन
विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन कराने का मुख्य आशय यह है कि पूरे संसार में शांति हो. संसार में एक विश्व संसद का निर्माण हो तथा अंतरराष्ट्रीय कानून बनाया जाए, जिनका पालन सभी देश करें. ऐसा करने से विश्व में एकता व शांति आएगी, जो विश्व परमाणु बम के खतरे को झेल रहा है उससे मुक्ति मिल सके.