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कानपुर में ग्रीन फील्ड मेगा लेदर पार्क की स्थापना को मिली सैद्धांतिक मंजूरी - घरेलू चर्म उद्योग

भारत सरकार ने कानपुर में ग्रीन फील्ड मेगा लेदर पार्क की स्थापना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना से 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 1.50 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर सुलभ होंगे. 250 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित इस परियोजना में 20 एमएलडी (मिलियन लिटर पर डे) क्षमता का दूषित जल ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित होगा.

green field mega leather park in kanpur
कानपुर में ग्रीन फील्ड मेगा लेदर पार्क की स्थापना को मिली सैद्धांतिक मंजूरी.
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Published : Dec 28, 2020, 11:00 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 7:20 AM IST

लखनऊ : भारत सरकार ने कानपुर में ग्रीन फील्ड मेगा लेदर पार्क की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी प्रदान कर दी है. कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना से लगभग 5 हजार 850 करोड़ रुपये का निवेश होगा. लगभग 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व डेढ़ लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे. क्लस्टर के माध्यम से प्रतिवर्ष लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर भी होगा. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी. उन्होंने भारत सरकार के रेलवे, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया.

उद्यमियों को उपलब्ध होंगी यह सुविधाएं

सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मेगा लेदर पार्क की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 236 करोड़ रुपये व भारत सरकार की तरफ से 125 करोड़ रुपये यानी कुल 451 करोड़ रुपये अवस्थापना सुविधाओं के लिए व्यय किए जाएंगे. इसके तहत सड़क, वाटर सप्लाई, सीवेज, ड्रेनेज, हार्टीकल्चर, बाउंड्रीवाल, स्ट्रीट लाइट, इंटरनल वाटर सप्लाई, इंटरनर स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज, आईटी एण्ड टेलीकम्यूनिकेशन, प्रशासनिक भवन, डिजाइन लैब, टेस्टिंग लैब, वैल्यू एडीशन सेंटर, हास्टल व अन्य सामान्य सुविधाएं उद्यमियों को सुलभ कराई जाएंगी. उन्होंने बताया कि इस परियोजना के पूर्ण हो जाने पर उत्तर प्रदेश के चर्म उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर की अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी. घरेलू चर्म उद्योग को बेहतर उत्पादकता, निर्यात व नये निवेश के संदर्भ में वांछित प्रोत्साहन मिलेगा. इसके अलावा चर्म उद्योग के क्षेत्र में नए निवेश किये जाने से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.

गंगा की भी हो सकेगी सफाई

मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि इसके अलावा परियोजना के तहत क्लस्टर में एक 20 एमएलडी (मिलियन लिटर पर डे) क्षमता के दूषित जल ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जाएगी. 250 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित इस परियोजना से कानपुर की सभी प्रमुख टैनरियां आच्छादित हो सकेंगी. उन्होंने बताया कि इस परियोेजना से गंगा को साफ बनाए रखने की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों को भी बल मिलेगा.

इतने लोगों को वर्तमान में मिल रहा रोजगार

वर्तमान में कानपुर में चर्म उद्योग से संबंधित 2 हजार 125 इकाइयां स्थापित हैं, जिसके माध्यम से 1.20 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है. इन इकाइयों में प्रतिदिन 75000 जोड़े फुटवियर का निर्माण होता है और लगभग 6500 करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात भी किया जाता रहा है. इससे प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ का टर्नओवर भी होता था. प्रदूषण आदि की वजह से इन टैनरियों को 18 नवम्बर, 2018 को बंद कर दिया गया. मंत्री ने बताया कि इस संबंध में कानपुर जाकर टैनरियों की विस्तार से समीक्षा की गई और 20 दिसम्बर 2019 से इनको शुरू करने की स्वीकृति दी गई, लेकिन कुछ कारणों से 19 फरवरी से इन्हें एक बार फिर बंद करना पड़ा है.

लखनऊ : भारत सरकार ने कानपुर में ग्रीन फील्ड मेगा लेदर पार्क की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी प्रदान कर दी है. कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना से लगभग 5 हजार 850 करोड़ रुपये का निवेश होगा. लगभग 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व डेढ़ लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे. क्लस्टर के माध्यम से प्रतिवर्ष लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर भी होगा. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी. उन्होंने भारत सरकार के रेलवे, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया.

उद्यमियों को उपलब्ध होंगी यह सुविधाएं

सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मेगा लेदर पार्क की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 236 करोड़ रुपये व भारत सरकार की तरफ से 125 करोड़ रुपये यानी कुल 451 करोड़ रुपये अवस्थापना सुविधाओं के लिए व्यय किए जाएंगे. इसके तहत सड़क, वाटर सप्लाई, सीवेज, ड्रेनेज, हार्टीकल्चर, बाउंड्रीवाल, स्ट्रीट लाइट, इंटरनल वाटर सप्लाई, इंटरनर स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज, आईटी एण्ड टेलीकम्यूनिकेशन, प्रशासनिक भवन, डिजाइन लैब, टेस्टिंग लैब, वैल्यू एडीशन सेंटर, हास्टल व अन्य सामान्य सुविधाएं उद्यमियों को सुलभ कराई जाएंगी. उन्होंने बताया कि इस परियोजना के पूर्ण हो जाने पर उत्तर प्रदेश के चर्म उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर की अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी. घरेलू चर्म उद्योग को बेहतर उत्पादकता, निर्यात व नये निवेश के संदर्भ में वांछित प्रोत्साहन मिलेगा. इसके अलावा चर्म उद्योग के क्षेत्र में नए निवेश किये जाने से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.

गंगा की भी हो सकेगी सफाई

मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि इसके अलावा परियोजना के तहत क्लस्टर में एक 20 एमएलडी (मिलियन लिटर पर डे) क्षमता के दूषित जल ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जाएगी. 250 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित इस परियोजना से कानपुर की सभी प्रमुख टैनरियां आच्छादित हो सकेंगी. उन्होंने बताया कि इस परियोेजना से गंगा को साफ बनाए रखने की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों को भी बल मिलेगा.

इतने लोगों को वर्तमान में मिल रहा रोजगार

वर्तमान में कानपुर में चर्म उद्योग से संबंधित 2 हजार 125 इकाइयां स्थापित हैं, जिसके माध्यम से 1.20 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है. इन इकाइयों में प्रतिदिन 75000 जोड़े फुटवियर का निर्माण होता है और लगभग 6500 करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात भी किया जाता रहा है. इससे प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ का टर्नओवर भी होता था. प्रदूषण आदि की वजह से इन टैनरियों को 18 नवम्बर, 2018 को बंद कर दिया गया. मंत्री ने बताया कि इस संबंध में कानपुर जाकर टैनरियों की विस्तार से समीक्षा की गई और 20 दिसम्बर 2019 से इनको शुरू करने की स्वीकृति दी गई, लेकिन कुछ कारणों से 19 फरवरी से इन्हें एक बार फिर बंद करना पड़ा है.

Last Updated : Dec 30, 2020, 7:20 AM IST
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