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Balrampur Hospital में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के साथ कैथ लैब की भी होगी शुरुआत

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Published : Feb 2, 2023, 5:38 PM IST

प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार गंभीर है. एक ओर जहां अस्पतालों (Balrampur Hospital) में बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर तमाम तरह की नई तकनीक की जांच मशीनें भी स्थापित की जा रही हैं.

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लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल का 154वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. बलरामपुर अस्पताल लगातार तरक्की के शिखर पर जा रहा है. मौजूदा समय में 756 बेड पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. सभी मरीजों को मुफ्त इलाज व दवा की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. यह जानकारी मंगलवार को बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने पत्रकार वार्ता में दी.


सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि 'जल्द ही प्लास्टिक सर्जरी विभाग फिर से शुरू कराया जाएगा. दिल के मरीजों के लिए कैथ लैब स्थापित की जाएगी. अभी कॉर्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी का संचालन किया जा रहा है. भर्ती कर मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है. एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी जैसी सुविधा नहीं है.'

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशू चतुर्वेदी ने बताया कि 'अभी आठ ऑपरेशन थिएटर हैं. प्रतिदिन 40 से अधिक मरीजों के ऑपरेशन हो रहे हैं. मरीजों को और बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर तैयार किया जाएगा. 300 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया जाएगा, ताकि बिजली का उत्पादन किया जा सके.'


डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि 'लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा. सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा होगी. इसके अलावा कैंसर विभाग का विस्तार किया जाएगा. त्वचा रोग विभाग में लेजर की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.'

12 बेड से हुई थी शुरूआत : अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश गोयल ने बताया कि 'पहले 12 बेड की डिस्पेंसरी थी. जिसमें सिर्फ सैनिकों को इलाज मिलता था. जरूरत पड़ने पर अंग्रेज व सैनिकों को भर्ती किया जाता था. धीरे-धीरे ब्रिटिश डॉक्टर यहां आम जनता का भी इलाज करने लगे. राजा बलरामपुर ने जब इसका विस्तार किया. 36 बेड पर मरीजों का इलाज शुरू हुआ. उपकरण भी लगाए गए. वर्ष 1948 में बलरामपुर अस्पताल सरकार के अधीन कर दिया गया. उस वक्त 20 बेड और बढ़ाए गए. एक विशेषज्ञ व तीन एमबीबीएस डॉक्टर तैनात किए गए. साथ ही तीन कम्पाउंडर, 20 नर्स और 50 कर्मचारी रखे गए. उस वक्त यहां रोजाना करीब 200 मरीज देखे जाते थे.

यह भी पढ़ें : Ayodhya में राम जन्मभूमि को बम से उड़ाने की धमकी

लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल का 154वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. बलरामपुर अस्पताल लगातार तरक्की के शिखर पर जा रहा है. मौजूदा समय में 756 बेड पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. सभी मरीजों को मुफ्त इलाज व दवा की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. यह जानकारी मंगलवार को बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने पत्रकार वार्ता में दी.


सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि 'जल्द ही प्लास्टिक सर्जरी विभाग फिर से शुरू कराया जाएगा. दिल के मरीजों के लिए कैथ लैब स्थापित की जाएगी. अभी कॉर्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी का संचालन किया जा रहा है. भर्ती कर मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है. एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी जैसी सुविधा नहीं है.'

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशू चतुर्वेदी ने बताया कि 'अभी आठ ऑपरेशन थिएटर हैं. प्रतिदिन 40 से अधिक मरीजों के ऑपरेशन हो रहे हैं. मरीजों को और बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर तैयार किया जाएगा. 300 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया जाएगा, ताकि बिजली का उत्पादन किया जा सके.'


डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि 'लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा. सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा होगी. इसके अलावा कैंसर विभाग का विस्तार किया जाएगा. त्वचा रोग विभाग में लेजर की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.'

12 बेड से हुई थी शुरूआत : अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश गोयल ने बताया कि 'पहले 12 बेड की डिस्पेंसरी थी. जिसमें सिर्फ सैनिकों को इलाज मिलता था. जरूरत पड़ने पर अंग्रेज व सैनिकों को भर्ती किया जाता था. धीरे-धीरे ब्रिटिश डॉक्टर यहां आम जनता का भी इलाज करने लगे. राजा बलरामपुर ने जब इसका विस्तार किया. 36 बेड पर मरीजों का इलाज शुरू हुआ. उपकरण भी लगाए गए. वर्ष 1948 में बलरामपुर अस्पताल सरकार के अधीन कर दिया गया. उस वक्त 20 बेड और बढ़ाए गए. एक विशेषज्ञ व तीन एमबीबीएस डॉक्टर तैनात किए गए. साथ ही तीन कम्पाउंडर, 20 नर्स और 50 कर्मचारी रखे गए. उस वक्त यहां रोजाना करीब 200 मरीज देखे जाते थे.

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