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राजधानी में सर्राफा कारोबार में 40 करोड़ की बिक्री का अनुमान, गाड़ियों की बुकिंग हुई पर डिलीवरी कम - 40 करोड़ रुपया का कारोबार

धनतेरस के दिन सर्राफा बाजारों में खूब रौनक रही. पिछले दो वर्षों की तुलना में इस बार धनतेरस के अवसर पर सर्राफा बाजार ने तेजी पकड़ी है. कारोबारियों का कहना है कि इस बार लखनऊ में ही करीब 40 करोड़ रुपया का कारोबार (40 crore turnover) हुआ है. वहीं इस बार धनतेरस पर दो पहिया व चार पहिया गाड़ियों की बुकिंग तो हुई, लेकिन डिलीवरी काफी कम हुई.

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Published : Oct 22, 2022, 11:23 PM IST

Updated : Oct 25, 2022, 4:39 PM IST

लखनऊ : धनतेरस के दिन सर्राफा बाजारों में खूब रौनक रही. पिछले दो वर्षों की तुलना में इस बार धनतेरस के अवसर पर सर्राफा बाजार ने तेजी पकड़ी है. कारोबारियों का कहना है कि इस बार लखनऊ में ही करीब 40 करोड़ रुपया का कारोबार (40 crore turnover) हुआ है. वहीं धनतेरस पर हर बार गाड़ियों की जमकर बिक्री होती है फिर चाहे दो पहिया गाड़ियां हो या फिर चार पहिया, लेकिन इस बार धनतेरस पर गाड़ियों की बुकिंग तो हुई, लेकिन डिलीवरी काफी कम हुई. इसकी वजह थी कि धनतेरस पर्व पर शनिवार का दिन पड़ना. शनिवार को लोग अपने घरों में लोहा खरीद कर ले जाना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि यह अपशकुन होता है, इसलिए गाड़ियों की बुकिंग के बाद लोगों ने धनतेरस पर डिलीवरी नहीं ली. हालांकि फिर भी शहर में दोपहिया वाहनों की खूब बिक्री हुई, चार पहिया वाहन काफी कम लोगों ने लिए.

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी ने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस बार लोगों ने धनतेरस पर सोने और चांदी के आभूषणों की खूब खरीदारी की है. उन्होंने बताया कि इस बार 40 करोड़ के सोने चांदी से बने हुए अभूषणों की बिक्री हुई है. जिसमें करीब सोने से बने 30 करोड़ के आभूषण, चांदी, डायमंड और हीरे के करीब 10 करोड़ के आभूषण बेचे गए हैं.

धनतेरस के दिन सर्राफा बाजारों में खूब रौनक रही

चौक सर्राफा एसोसिएशन के आदेश जैन ने बताया कि इस बार कारोबार में बंपर बिक्री हुई है. लोगों के बजट के हिसाब से आभूषण बनाए गए थे. जिनकी कीमत 12 हजार से लेकर तीन लाख तक रखी गई थी. इन आभूषणों को खरीदने के लिए भारी भीड़ बाजार में उतरी और जमकर खरीदारी की.

वहीं लखनऊ के दोपहिया गाड़ियों के शोरूम पर खरीदारों की भीड़ रही. बाइक के शौकीन एक लाख कीमत से ऊपर के वाहनों को खरीदने में लोगों ने ज्यादा दिलचस्पी दिखाई. हीरो एक्सपल्स 200 मॉडल में एक लाख 12 हजार रुपये से लेकर टीवीएस अपाचे आरटीआर 200 मॉडल में एक लाख 24 हजार रुपए कीमत की बिक्री ज्यादा रही. ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में शनिवार को एक लाख कीमत से ऊपर के 136 से ज्यादा वाहनों के पंजीकरण हुए. इससे विभाग को साढ़े 10 लाख से ज्यादा का राजस्व हासिल हुआ. आरटीओ कार्यालय में वाहनों के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर तैनात कर्मचारियों के मुताबिक, धनतेरस पर वाहनों की बिक्री का पूरा ब्यौरा देर रात तक दर्ज नहीं हो पाया है. हर शोरूम से एक दो वाहनों का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज किया गया है.

20 लाख की कीमत वाली 45 गाड़ियों के हुए पंजीकरण : धनतेरस पर सबसे ज्यादा मारूति सुजुकी कंपनी की कारों की मांग रही. ग्रांड विटारा ब्रीजा मॉडल की कार साढ़े 15 लाख से साढ़े 19 लाख में बिक्री होकर रजिस्टर्ड हुई. खरीदारों ने इस वाहन को सबसे ज्यादा पंसद किया. आरटीओ कार्यालय में शनिवार को ऐसे 45 चार पहिया वाहन पंजीकृत हुए. अधिकांश चार पहिया वाहनों की कीमत 20 लाख तक थी. स्कोडा कुशाक, टोयोटा, किया कैरंस, टाटा सफारी, होंडा सिटी और फॉक्सवैगन की कारों का पंजीकरण हुआ. आरटीओ में 21 लाख रुपये कीमत वाली टाटा सफारी पंजीकृत हुई. हालांकि बहुत ज्यादा महंगी गाड़ियों की बिक्री इस बार नहीं हुई है. धनतेरस पर जिन गाड़ियों की लोगों ने बुकिंग कराई थी, उन्होंने अपनी डिलीवरी नहीं ली, वहीं जिन्हें नई गाड़ी खरीदनी थी वह भी शनिवार को लोहा न खरीदने के चलते गाड़ी खरीदने नहीं गए, इसलिए ऑटोमोबाइल सेक्टर तो घाटा भी झेलना पड़ा.

यह भी पढ़ें : दीपावली पर भीड़ को देखते हुए कंडम बसें भी चलाई जाएंगी, ड्राइवर कंडक्टरों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि

लखनऊ : धनतेरस के दिन सर्राफा बाजारों में खूब रौनक रही. पिछले दो वर्षों की तुलना में इस बार धनतेरस के अवसर पर सर्राफा बाजार ने तेजी पकड़ी है. कारोबारियों का कहना है कि इस बार लखनऊ में ही करीब 40 करोड़ रुपया का कारोबार (40 crore turnover) हुआ है. वहीं धनतेरस पर हर बार गाड़ियों की जमकर बिक्री होती है फिर चाहे दो पहिया गाड़ियां हो या फिर चार पहिया, लेकिन इस बार धनतेरस पर गाड़ियों की बुकिंग तो हुई, लेकिन डिलीवरी काफी कम हुई. इसकी वजह थी कि धनतेरस पर्व पर शनिवार का दिन पड़ना. शनिवार को लोग अपने घरों में लोहा खरीद कर ले जाना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि यह अपशकुन होता है, इसलिए गाड़ियों की बुकिंग के बाद लोगों ने धनतेरस पर डिलीवरी नहीं ली. हालांकि फिर भी शहर में दोपहिया वाहनों की खूब बिक्री हुई, चार पहिया वाहन काफी कम लोगों ने लिए.

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी ने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस बार लोगों ने धनतेरस पर सोने और चांदी के आभूषणों की खूब खरीदारी की है. उन्होंने बताया कि इस बार 40 करोड़ के सोने चांदी से बने हुए अभूषणों की बिक्री हुई है. जिसमें करीब सोने से बने 30 करोड़ के आभूषण, चांदी, डायमंड और हीरे के करीब 10 करोड़ के आभूषण बेचे गए हैं.

धनतेरस के दिन सर्राफा बाजारों में खूब रौनक रही

चौक सर्राफा एसोसिएशन के आदेश जैन ने बताया कि इस बार कारोबार में बंपर बिक्री हुई है. लोगों के बजट के हिसाब से आभूषण बनाए गए थे. जिनकी कीमत 12 हजार से लेकर तीन लाख तक रखी गई थी. इन आभूषणों को खरीदने के लिए भारी भीड़ बाजार में उतरी और जमकर खरीदारी की.

वहीं लखनऊ के दोपहिया गाड़ियों के शोरूम पर खरीदारों की भीड़ रही. बाइक के शौकीन एक लाख कीमत से ऊपर के वाहनों को खरीदने में लोगों ने ज्यादा दिलचस्पी दिखाई. हीरो एक्सपल्स 200 मॉडल में एक लाख 12 हजार रुपये से लेकर टीवीएस अपाचे आरटीआर 200 मॉडल में एक लाख 24 हजार रुपए कीमत की बिक्री ज्यादा रही. ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में शनिवार को एक लाख कीमत से ऊपर के 136 से ज्यादा वाहनों के पंजीकरण हुए. इससे विभाग को साढ़े 10 लाख से ज्यादा का राजस्व हासिल हुआ. आरटीओ कार्यालय में वाहनों के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर तैनात कर्मचारियों के मुताबिक, धनतेरस पर वाहनों की बिक्री का पूरा ब्यौरा देर रात तक दर्ज नहीं हो पाया है. हर शोरूम से एक दो वाहनों का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज किया गया है.

20 लाख की कीमत वाली 45 गाड़ियों के हुए पंजीकरण : धनतेरस पर सबसे ज्यादा मारूति सुजुकी कंपनी की कारों की मांग रही. ग्रांड विटारा ब्रीजा मॉडल की कार साढ़े 15 लाख से साढ़े 19 लाख में बिक्री होकर रजिस्टर्ड हुई. खरीदारों ने इस वाहन को सबसे ज्यादा पंसद किया. आरटीओ कार्यालय में शनिवार को ऐसे 45 चार पहिया वाहन पंजीकृत हुए. अधिकांश चार पहिया वाहनों की कीमत 20 लाख तक थी. स्कोडा कुशाक, टोयोटा, किया कैरंस, टाटा सफारी, होंडा सिटी और फॉक्सवैगन की कारों का पंजीकरण हुआ. आरटीओ में 21 लाख रुपये कीमत वाली टाटा सफारी पंजीकृत हुई. हालांकि बहुत ज्यादा महंगी गाड़ियों की बिक्री इस बार नहीं हुई है. धनतेरस पर जिन गाड़ियों की लोगों ने बुकिंग कराई थी, उन्होंने अपनी डिलीवरी नहीं ली, वहीं जिन्हें नई गाड़ी खरीदनी थी वह भी शनिवार को लोहा न खरीदने के चलते गाड़ी खरीदने नहीं गए, इसलिए ऑटोमोबाइल सेक्टर तो घाटा भी झेलना पड़ा.

यह भी पढ़ें : दीपावली पर भीड़ को देखते हुए कंडम बसें भी चलाई जाएंगी, ड्राइवर कंडक्टरों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि

Last Updated : Oct 25, 2022, 4:39 PM IST
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