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मुख्तार के करीबी बिल्डर के मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स पर चला बुलडोजर, झूठ बोलकर लोगों को बेची थी दुकानें - माफिया मुख्तार अंसारी

लखनऊ में शुक्रवार को मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर के (Bulldozer runs on marketing complex) एफआई मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई. इस दौरान एलडीए और पुलिस के आलाधिकारी मौजूद रहे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 5, 2024, 6:24 PM IST

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लखनऊ : माफिया मुख्तार अंसारी के लखनऊ के गुर्गे बिल्डरों पर बड़ा शिकंजा कसा गया है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कैंट रोड पर मुख्तार के करीबी सिराज अहमद के FI मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स को शुक्रवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. बर्लिंग्टन चौराहे पर बने FI काॅमर्शियल काॅम्पलेक्स व उसमें बनी दुकानों का लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा कभी कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं किया गया था. बिल्डर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कूटरचना करते हुए काॅम्पलेक्स का फर्जी स्वीकृत मानचित्र तैयार कराया और एलडीए से नक्शा पास बताकर लोगों को दुकानें बेच डाली. नोटिस के जवाब में जब दुकान मालिकों ने दस्तावेज प्रस्तुत किये तो पूरा मामला सामने आया. जिसके बाद LDA उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी के आदेश पर बिल्डर व उसके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.

दाखिल किया था शपथ पत्र : सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि एलडीए के विहित प्राधिकारी न्यायालय द्वारा हाल ही में एफआई काॅमर्शियल काॅम्पलेक्स कैंट रोड में रहने वाले लोगों को नोटिस जारी करके निर्माण कार्य से सम्बंधित दस्तावेज दिखाने को कहा गया था. इस पर दुकान मालिक मनीषा सिंह, भूमिका सिंह, सलमा खातून, सैयद मुंतजर जाफरी व जीनत एजाज ने 25 दिसंबर को सक्षम न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया. जिसके अगले दिन दुकान मालिकों ने स्वीकृत मानचित्र व रजिस्ट्री की काॅपी के साथ शपथ पत्र दाखिल किया. लोगों ने बताया कि दुकान की खरीद-फरोख्त के समय बिल्डर व उनके सहयोगियों ने बताया था कि काॅम्पलेक्स का नक्शा लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत है और स्वीकृत मानचित्र की एक फोटोकाॅपी भी दी गई थी. जिस पर परमिट संख्या-1812 अंकित था.

जांच में हुआ मामले का खुलासा : सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि उपलब्ध कराए गए परमिट संख्या-1812 के सम्बंध में जब जांच कराई गई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. पता चला कि प्राधिकरण में मानचित्र स्वीकृत किए जाने के लिए अगस्त वर्ष 1999 में एलडीए पोर्टल संचालित किया गया था, जिसमें कम्प्यूटराइज्ड मानचित्रों के स्वीकृत होने पर परमिट संख्या-10000 से प्रारम्भ की गई थी. जांच में साफ हो गया कि दुकान मालिकों ने प्रस्तुत किए गए मानचित्र में उल्लेखित परमिट संख्या-1812 एलडीए पोर्टल से नहीं है. इससे स्पष्ट है कि एफआई बिल्डर व उनके सहयोगियों ने कूटरचित तरीके से जाली मानचित्र, दस्तावेज तैयार करके अपने अवैध निर्माण को नियमित साबित करने का षडयंत्र रचा. इस सबके बाद एफआई बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई का आगाज शुक्रवार को फिर हो गया. FI मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स फ्लैट को तोड़ा जा रहा है. कार्रवाई के दौरान लखनऊ विकास प्राधिकरण जोन 6 के अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा. शाम तक इस अपार्टमेंट को पूरी तरह से ध्वस्त करने की कार्रवाई चल रही है.

यह भी पढ़ें : माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर पर चला योगी का हथौड़ा, एफआई हॉस्पिटल सील

यह भी पढ़ें : रुंगटा धमकी मामला: माफिया मुख्तार अंसारी दोषी करार, पांच साल 6 महीने की सजा, जुर्माना भी लगा

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लखनऊ : माफिया मुख्तार अंसारी के लखनऊ के गुर्गे बिल्डरों पर बड़ा शिकंजा कसा गया है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कैंट रोड पर मुख्तार के करीबी सिराज अहमद के FI मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स को शुक्रवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. बर्लिंग्टन चौराहे पर बने FI काॅमर्शियल काॅम्पलेक्स व उसमें बनी दुकानों का लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा कभी कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं किया गया था. बिल्डर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कूटरचना करते हुए काॅम्पलेक्स का फर्जी स्वीकृत मानचित्र तैयार कराया और एलडीए से नक्शा पास बताकर लोगों को दुकानें बेच डाली. नोटिस के जवाब में जब दुकान मालिकों ने दस्तावेज प्रस्तुत किये तो पूरा मामला सामने आया. जिसके बाद LDA उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी के आदेश पर बिल्डर व उसके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.

दाखिल किया था शपथ पत्र : सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि एलडीए के विहित प्राधिकारी न्यायालय द्वारा हाल ही में एफआई काॅमर्शियल काॅम्पलेक्स कैंट रोड में रहने वाले लोगों को नोटिस जारी करके निर्माण कार्य से सम्बंधित दस्तावेज दिखाने को कहा गया था. इस पर दुकान मालिक मनीषा सिंह, भूमिका सिंह, सलमा खातून, सैयद मुंतजर जाफरी व जीनत एजाज ने 25 दिसंबर को सक्षम न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया. जिसके अगले दिन दुकान मालिकों ने स्वीकृत मानचित्र व रजिस्ट्री की काॅपी के साथ शपथ पत्र दाखिल किया. लोगों ने बताया कि दुकान की खरीद-फरोख्त के समय बिल्डर व उनके सहयोगियों ने बताया था कि काॅम्पलेक्स का नक्शा लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत है और स्वीकृत मानचित्र की एक फोटोकाॅपी भी दी गई थी. जिस पर परमिट संख्या-1812 अंकित था.

जांच में हुआ मामले का खुलासा : सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि उपलब्ध कराए गए परमिट संख्या-1812 के सम्बंध में जब जांच कराई गई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. पता चला कि प्राधिकरण में मानचित्र स्वीकृत किए जाने के लिए अगस्त वर्ष 1999 में एलडीए पोर्टल संचालित किया गया था, जिसमें कम्प्यूटराइज्ड मानचित्रों के स्वीकृत होने पर परमिट संख्या-10000 से प्रारम्भ की गई थी. जांच में साफ हो गया कि दुकान मालिकों ने प्रस्तुत किए गए मानचित्र में उल्लेखित परमिट संख्या-1812 एलडीए पोर्टल से नहीं है. इससे स्पष्ट है कि एफआई बिल्डर व उनके सहयोगियों ने कूटरचित तरीके से जाली मानचित्र, दस्तावेज तैयार करके अपने अवैध निर्माण को नियमित साबित करने का षडयंत्र रचा. इस सबके बाद एफआई बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई का आगाज शुक्रवार को फिर हो गया. FI मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स फ्लैट को तोड़ा जा रहा है. कार्रवाई के दौरान लखनऊ विकास प्राधिकरण जोन 6 के अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा. शाम तक इस अपार्टमेंट को पूरी तरह से ध्वस्त करने की कार्रवाई चल रही है.

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