ETV Bharat / state

यूपी के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए चल रहा कमीशन का खेल, कॉलेज चुनते समय बरतें ये सावधानी

अगर आप इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं. कॉलेज चुनते समय बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. उत्तर प्रदेश में कई ऐसे इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज हैं, जिनमें हर साल सीटें खाली रह जाती हैं. ऐसे में यह कॉलेज अब दलालों का सहारा लेकर अपनी सीटें भरते हैं. इसलिए आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. पढ़िए ये रिपोर्ट..

etv bharat
इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन
author img

By

Published : Jun 22, 2022, 5:38 PM IST

लखनऊ: प्रवेश के मामले में उत्तर प्रदेश के तकनीकी शिक्षण संस्थानों (इंजीनियरिंग कॉलेज) की हालत खराब है. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के स्तर पर होने वाली काउंसलिंग के बाद भी 70 से 80 फीसदी सीटें खाली रह जाती हैं. ऐसे में सीटें भरने के लिए छात्रों की खरीद-फरोख्त हो रही है. इसके लिए बाकायदा दलालों का गैंग काम कर रहे हैं. वो कॉलेजों में दाखिला दिलाने के नाम पर कमीशन ले रहे हैं. विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस फर्जीवाड़े से बचने के लिए छात्रों को कॉलेज चुनने में सावधानियां बरतनी चाहिए.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से जुड़े इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों की संख्या करीब 750 है. इनमें दाखिले के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से हर बार काउंसलिंग कराई जाती है. करीब एक लाख से ज्यादा सीटों पर दाखिले कराने के लिए काउंसलिंग होती है. लेकिन इन काउंसलिंग के नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे हैं. बीते 5 सालों में काउंसलिंग के जरिए होने वाले दाखिलों की संख्या 15 से 20 हजार तक सिमट कर रह गई है. इसके चलते उत्तर प्रदेश में कई इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में हर साल सीटें खाली रह जाती हैं. ऐसे में यह कॉलेज अब दलालों का सहारा लेकर अपनी सीटें भरते हैं. 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक का कमीशन देकर ये कॉलेज सीटें भर रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
ऐसे किया जा रहा खेल: नाम न छापने की शर्त पर एक निजी स्कूल के प्रबंधक ने बताया कि काउंसलिंग से सीटें न भर पाने के कारण कॉलेजों को एजुकेशन कंसल्टेंट या यूं कहें तो दलालों का सहारा लेना पड़ रहा है. यह दलाल दूरदराज के इलाकों से बच्चों को लाकर कॉलेजों में दाखिला दिलाते हैं. दाखिले के एवज में इनको भुगतान किया जाता है. 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक दलालों का कमीशन होता है. पहले यह दलाल एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के बच्चों का लाकर दाखिला दिलाते थे, लेकिन अब सामान्य वर्ग के बच्चों को भी ले लाने लगे हैं.

यह भी पढ़ें- CUET और लखनऊ यूनिवर्सिटी के Entrance Exam में यह है अंतर, एक्सपर्ट से जानिए कैसे करें तैयारी

इस बार किया गया है बदलाव: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने इस बार प्रवेश की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पवन त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा न करके दूसरी राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से दाखिले लेने का फैसला लिया है. बीटेक में जेईई मेन्स (JEE Main) और बीआर्क में नाटा (National Aptitude Test in Architecture) के माध्यम से प्रवेश लिए जाने हैं. इसके अलावा बचे हुए अन्य पाठ्यक्रमों में CUET के माध्यम से प्रवेश लिए जाएंगे. ऐसे में इस साल कॉलेजों की सीटें भरने की उम्मीद जताई जा रही है.

कॉलेज चुनते समय बरतें सावधानी: इस तरह के फर्जीवाड़े से बचने के लिए छात्रों को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि दाखिले से पहले कॉलेज के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें. यूजीसी की वेबसाइट से लेकर संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर सभी जानकारियां उपलब्ध होती हैं.

  • लखनऊ मोंटेसरी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रशांत मिश्रा का कहना है कि दाखिला लेने से पहले पता कर लें कि संबंधित कॉलेज मान्यता प्राप्त है या नहीं.
  • संबंधित संस्थान के पूर्व छात्रों से संपर्क करने की कोशिश करें, इससे आपको संस्थान की अच्छाइयां और कमियां दोनों बेहतर ढंग से पता चलेंगी.
  • दाखिले से पहले संस्थान के Placement रिकॉर्ड पर जरूर ध्यान दें, किस तरह के संस्थान वहां प्लेसमेंट का मौका देते हैं? इस पर ध्यान दें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: प्रवेश के मामले में उत्तर प्रदेश के तकनीकी शिक्षण संस्थानों (इंजीनियरिंग कॉलेज) की हालत खराब है. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के स्तर पर होने वाली काउंसलिंग के बाद भी 70 से 80 फीसदी सीटें खाली रह जाती हैं. ऐसे में सीटें भरने के लिए छात्रों की खरीद-फरोख्त हो रही है. इसके लिए बाकायदा दलालों का गैंग काम कर रहे हैं. वो कॉलेजों में दाखिला दिलाने के नाम पर कमीशन ले रहे हैं. विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस फर्जीवाड़े से बचने के लिए छात्रों को कॉलेज चुनने में सावधानियां बरतनी चाहिए.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से जुड़े इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों की संख्या करीब 750 है. इनमें दाखिले के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से हर बार काउंसलिंग कराई जाती है. करीब एक लाख से ज्यादा सीटों पर दाखिले कराने के लिए काउंसलिंग होती है. लेकिन इन काउंसलिंग के नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे हैं. बीते 5 सालों में काउंसलिंग के जरिए होने वाले दाखिलों की संख्या 15 से 20 हजार तक सिमट कर रह गई है. इसके चलते उत्तर प्रदेश में कई इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में हर साल सीटें खाली रह जाती हैं. ऐसे में यह कॉलेज अब दलालों का सहारा लेकर अपनी सीटें भरते हैं. 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक का कमीशन देकर ये कॉलेज सीटें भर रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
ऐसे किया जा रहा खेल: नाम न छापने की शर्त पर एक निजी स्कूल के प्रबंधक ने बताया कि काउंसलिंग से सीटें न भर पाने के कारण कॉलेजों को एजुकेशन कंसल्टेंट या यूं कहें तो दलालों का सहारा लेना पड़ रहा है. यह दलाल दूरदराज के इलाकों से बच्चों को लाकर कॉलेजों में दाखिला दिलाते हैं. दाखिले के एवज में इनको भुगतान किया जाता है. 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक दलालों का कमीशन होता है. पहले यह दलाल एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के बच्चों का लाकर दाखिला दिलाते थे, लेकिन अब सामान्य वर्ग के बच्चों को भी ले लाने लगे हैं.

यह भी पढ़ें- CUET और लखनऊ यूनिवर्सिटी के Entrance Exam में यह है अंतर, एक्सपर्ट से जानिए कैसे करें तैयारी

इस बार किया गया है बदलाव: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने इस बार प्रवेश की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पवन त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा न करके दूसरी राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से दाखिले लेने का फैसला लिया है. बीटेक में जेईई मेन्स (JEE Main) और बीआर्क में नाटा (National Aptitude Test in Architecture) के माध्यम से प्रवेश लिए जाने हैं. इसके अलावा बचे हुए अन्य पाठ्यक्रमों में CUET के माध्यम से प्रवेश लिए जाएंगे. ऐसे में इस साल कॉलेजों की सीटें भरने की उम्मीद जताई जा रही है.

कॉलेज चुनते समय बरतें सावधानी: इस तरह के फर्जीवाड़े से बचने के लिए छात्रों को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि दाखिले से पहले कॉलेज के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें. यूजीसी की वेबसाइट से लेकर संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर सभी जानकारियां उपलब्ध होती हैं.

  • लखनऊ मोंटेसरी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रशांत मिश्रा का कहना है कि दाखिला लेने से पहले पता कर लें कि संबंधित कॉलेज मान्यता प्राप्त है या नहीं.
  • संबंधित संस्थान के पूर्व छात्रों से संपर्क करने की कोशिश करें, इससे आपको संस्थान की अच्छाइयां और कमियां दोनों बेहतर ढंग से पता चलेंगी.
  • दाखिले से पहले संस्थान के Placement रिकॉर्ड पर जरूर ध्यान दें, किस तरह के संस्थान वहां प्लेसमेंट का मौका देते हैं? इस पर ध्यान दें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.