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... तो किसान आंदोलन नहीं, इस वजह से जमीन पर उतरे अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश में सत्ता के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस की मेहनत सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों में रंग लाई. छह सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ी. भले ही पार्टी को एक भी सीट न मिल पाई हो, लेकिन सत्ता से महज साढ़े तीन साल पहले रुखसत हुए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने दो सीटों पर पटखनी दे दी. देखिए यह रिपोर्ट...

assembly election in uttar pradesh
अखिलेश यादव.
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Published : Dec 13, 2020, 4:08 PM IST

लखनऊ : कोरोना के दौर में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जब खुद को महीनों तक घर और दफ्तर के अंदर कैद कर लिया था, तब कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रही थी. कांग्रेस को विधानसभा उपचुनाव में इसी का फायदा हुआ और अखिलेश को नुकसान. प्रियंका की कांग्रेस ने अखिलेश की सपा को दो सीटों पर मात दे दी. कांग्रेसियों का मानना है कि विधानसभा उपचुनाव के नतीजों से ही अखिलेश ने सबक लिया है. कई माह से जमीन पर उतरने से कतरा रहे अखिलेश कांग्रेस की जीत पचा नहीं पाए और इसीलिए अब वापस जमीन पर उतर आए हैं. यूपी में अखिलेश कांग्रेस पार्टी को बहुत हल्के में ले रहे थे, लेकिन अब उन्हें पता चल गया है कि कांग्रेस कितनी मजबूत है.

जानकारी देते कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता.

उपचुनाव में रंग लाई मेहनत
उत्तर प्रदेश में सत्ता के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस की मेहनत सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों में रंग लाई. छह सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ी. भले ही पार्टी को एक भी सीट न मिल पाई हो, लेकिन सत्ता से महज साढ़े तीन साल पहले रुखसत हुए अखिलेश की समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने दो सीटों पर पटखनी दे दी. अखिलेश के लिए यह परिणाम चौंकाने वाले थे. अखिलेश को समझ आ गया कि बिना जमीन पर उतरे कुछ नहीं हो सकता. अगर कांग्रेस समाजवादी पार्टी को हरा देगी तो सत्ता पाने का ख्वाब चकनाचूर हो जाएगा.

... और किसान आंदोलन में शामिल हो गए अखिलेश
अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन को संघर्ष के लिए मुफीद समझते हुए जमीन पर उतरने का फैसला लिया. करीब आठ माह बाद अखिलेश ने सड़क पर उतरकर कार्यकर्ताओं में जोश भरा. हालांकि कांग्रेस का अभी भी यह मानना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी तो दूर भाजपा को हराकर कांग्रेस नंबर वन पार्टी बनेगी. कांग्रेसियों का यह मानना है कि यह कांग्रेस पार्टी के संघर्ष का ही नतीजा है कि जमीन से दूर हुए अखिलेश को वापस जमीन पर आना पड़ा है.

'कांग्रेस की वजह से जमीन पर उतरे अखिलेश'
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता बृजेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि कोरोना के दौर में जब सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने खुद को घर में कैद कर लिया था तो कांग्रेस पार्टी जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रही थी. उन्हीं संघर्षों से पार्टी को मजबूती मिली. उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने दो सीटों पर हरा दिया. कांग्रेस के नए कैंडिडेट थे, जबकि समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंंने कहा कि कांग्रेस की जीत के कारण ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अब सड़क पर उतरे हैं, लेकिन कांग्रेस 2022 में नंबर वन की पार्टी जरूर बनेगी. जल्द ही प्रियंका गांधी सड़कों पर उतरने वाली हैं.

लखनऊ : कोरोना के दौर में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जब खुद को महीनों तक घर और दफ्तर के अंदर कैद कर लिया था, तब कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रही थी. कांग्रेस को विधानसभा उपचुनाव में इसी का फायदा हुआ और अखिलेश को नुकसान. प्रियंका की कांग्रेस ने अखिलेश की सपा को दो सीटों पर मात दे दी. कांग्रेसियों का मानना है कि विधानसभा उपचुनाव के नतीजों से ही अखिलेश ने सबक लिया है. कई माह से जमीन पर उतरने से कतरा रहे अखिलेश कांग्रेस की जीत पचा नहीं पाए और इसीलिए अब वापस जमीन पर उतर आए हैं. यूपी में अखिलेश कांग्रेस पार्टी को बहुत हल्के में ले रहे थे, लेकिन अब उन्हें पता चल गया है कि कांग्रेस कितनी मजबूत है.

जानकारी देते कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता.

उपचुनाव में रंग लाई मेहनत
उत्तर प्रदेश में सत्ता के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस की मेहनत सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों में रंग लाई. छह सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ी. भले ही पार्टी को एक भी सीट न मिल पाई हो, लेकिन सत्ता से महज साढ़े तीन साल पहले रुखसत हुए अखिलेश की समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने दो सीटों पर पटखनी दे दी. अखिलेश के लिए यह परिणाम चौंकाने वाले थे. अखिलेश को समझ आ गया कि बिना जमीन पर उतरे कुछ नहीं हो सकता. अगर कांग्रेस समाजवादी पार्टी को हरा देगी तो सत्ता पाने का ख्वाब चकनाचूर हो जाएगा.

... और किसान आंदोलन में शामिल हो गए अखिलेश
अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन को संघर्ष के लिए मुफीद समझते हुए जमीन पर उतरने का फैसला लिया. करीब आठ माह बाद अखिलेश ने सड़क पर उतरकर कार्यकर्ताओं में जोश भरा. हालांकि कांग्रेस का अभी भी यह मानना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी तो दूर भाजपा को हराकर कांग्रेस नंबर वन पार्टी बनेगी. कांग्रेसियों का यह मानना है कि यह कांग्रेस पार्टी के संघर्ष का ही नतीजा है कि जमीन से दूर हुए अखिलेश को वापस जमीन पर आना पड़ा है.

'कांग्रेस की वजह से जमीन पर उतरे अखिलेश'
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता बृजेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि कोरोना के दौर में जब सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने खुद को घर में कैद कर लिया था तो कांग्रेस पार्टी जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रही थी. उन्हीं संघर्षों से पार्टी को मजबूती मिली. उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने दो सीटों पर हरा दिया. कांग्रेस के नए कैंडिडेट थे, जबकि समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंंने कहा कि कांग्रेस की जीत के कारण ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अब सड़क पर उतरे हैं, लेकिन कांग्रेस 2022 में नंबर वन की पार्टी जरूर बनेगी. जल्द ही प्रियंका गांधी सड़कों पर उतरने वाली हैं.

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