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Bribery case in bank : पंजाब एंड सिंध बैंक के मैनेजर समेत दो दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई चार-चार साल की सजा

सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने पंजाब एंड सिंध बैंक में रिश्वतखोरी मामले में बैंक मैनेजर समेत दोनों दोषियों को चार-चार साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने मैनेजर पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

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Published : Jan 17, 2023, 9:27 PM IST

लखनऊ : पंजाब एंड सिंह बैंक में सात साल पहले हुए रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने बैंक की शाखा पुरनुपर, पीलीभीत के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर सुधीर कुमार मेहरा व दूसरे अभियुक्त जगदीश कुमार सक्सेना को दोषी करार दिया है. सजा के बिन्दु पर सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने दोनों को चार-चार साल की सजा सुनाई है. वहीं कोर्ट ने मैनेजर पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जबकि जगदीश कुमार सक्सेना उर्फ राजू पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.


अभियोजन पक्ष के अनुसार चार फरवरी 2014 सीबीआई ने दोनों अभियुक्तों को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. अभियोजन का कहना था कि इनके खिलाफ सरवतउल्ला उर्फ अकरम नाम के व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि अकरम के किसान क्रेडिट कार्ड का लोन पास करने के एवज में मैनेजर सुधीर ने 15 हजार रुपये की रिश्वत अभियुक्त जगदीश के माध्यम से लिया था. वहीं बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्तों को साजिशन मामले में फंसाया गया और तय मानकों का उल्लंघन करते हुए, उन्हें गिरफ्तार किया गया था. हालांकि कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को अपर्याप्त माना.

गैंगेस्टर के अभियुक्तों को सजा : वहीं एक अन्य मामले में विशेष जज मोहम्मद गजाली ने गैंगेस्टर अधिनियम के तहत दोषी करार दिए गए अभियुक्तों चुन्नीलाल व दिनेश वनमानुष को 27-27 माह की कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्तों पर अलग-अलग पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वर्ष 2020 में थाना नगराम में अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगेस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसके मुताबिक अभियुक्तों ने आर्थिक व भौतिक लाभ के लिए संगठित गिरोह बना रखा था और चोरी की वारदातों को अंजाम दिया करते थे.

यह भी पढ़ें : UPPCL in loss : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन को एडीबी देगा वित्तीय सहयोग, जानिए किसलिए

लखनऊ : पंजाब एंड सिंह बैंक में सात साल पहले हुए रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने बैंक की शाखा पुरनुपर, पीलीभीत के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर सुधीर कुमार मेहरा व दूसरे अभियुक्त जगदीश कुमार सक्सेना को दोषी करार दिया है. सजा के बिन्दु पर सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने दोनों को चार-चार साल की सजा सुनाई है. वहीं कोर्ट ने मैनेजर पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जबकि जगदीश कुमार सक्सेना उर्फ राजू पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.


अभियोजन पक्ष के अनुसार चार फरवरी 2014 सीबीआई ने दोनों अभियुक्तों को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. अभियोजन का कहना था कि इनके खिलाफ सरवतउल्ला उर्फ अकरम नाम के व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि अकरम के किसान क्रेडिट कार्ड का लोन पास करने के एवज में मैनेजर सुधीर ने 15 हजार रुपये की रिश्वत अभियुक्त जगदीश के माध्यम से लिया था. वहीं बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्तों को साजिशन मामले में फंसाया गया और तय मानकों का उल्लंघन करते हुए, उन्हें गिरफ्तार किया गया था. हालांकि कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को अपर्याप्त माना.

गैंगेस्टर के अभियुक्तों को सजा : वहीं एक अन्य मामले में विशेष जज मोहम्मद गजाली ने गैंगेस्टर अधिनियम के तहत दोषी करार दिए गए अभियुक्तों चुन्नीलाल व दिनेश वनमानुष को 27-27 माह की कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्तों पर अलग-अलग पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वर्ष 2020 में थाना नगराम में अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगेस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसके मुताबिक अभियुक्तों ने आर्थिक व भौतिक लाभ के लिए संगठित गिरोह बना रखा था और चोरी की वारदातों को अंजाम दिया करते थे.

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