लखनऊ: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को राजधानी के काकोरी स्थित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया. उत्तर प्रदेश में 5 लाख से भी अधिक टीबी मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की कमी न हो. साथ ही समय समय पर मरीजों की जांच होती रहे. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं. जिससे टीबी समेत सभी गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सके. पीएम मोदी के उस लक्ष्य को पूरा करते हुए 2025 तक टीबी को खत्म किया जाएगा.
प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी गई कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने काकोरी स्थित रायपुर दशहरी के आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का औचक निरीक्षण किया. यही नहीं टीबी संबंधी सेवाओं के सुदृढीकरण के लिए चलाए जा रहे 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान का भी जायजा लिया. डिप्टी सीएम ने इस दौरान कहा कि समय पर टीबी को खत्म करने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है. हर गली, मोहल्लों में टीबी के लक्षण वाले मरीजों की जांच हो. टीबी की पुष्टि होने के तत्काल मुफ्त इलाज कराया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि हर मरीजों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जानी चाहिए.
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में करीब 5 लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं. जिसमें करीब 8 हजार गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण हैं. 1 अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं. जो अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में कुल 4 करोड़ 20 लाख की रकम भेजी जा चुकी है. डिप्टी सीएम ने कहा कि अधिकारी व जनप्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लें. जिससे टीबी मरीजों को जरूरी दवाएं और पोषण सामग्री उपलब्ध कराने में मदद की जा सके. जिससे मरीज जल्द से जल्द टीबी को मात दें.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि यूपी में मरीजों की सुविधाओं के लिए 2500 केंद्रों में टीबी जांच व इलाज की सुविधा है. इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल संस्थान तक शामिल हैं. सरकारी अस्पतालों में टीबी मरीजों का मुफ्त में इलाज किया जा रहा है. टीबी की सटीक जांच के लिए 150 सीबी नॉट मशीनें स्थापित की गई हैं. 448 ट्रूनेट मशीन भी लगाई गई हैं. 19 हजार 800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में निक्षय दिवस मनाया जा रहा है. टीबी को हरा चुके लोगों को जागरूकता फैलाने के अभियान में लगाया गया है. जिन्हें टीबी चैंपियन का नाम दिया गया है.
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