लखनऊ: यूपी सरकार में मंत्री रहीं स्वाति सिंह एक बार फिर अपने पति व बलिया से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक दयाशंकर सिंह से अलग होने के लिए के फैमिली कोर्ट पहुंची. जहां उन्होंने तलाक की अर्जी दाखिल दी है. मालूम हो कि फैमिली कोर्ट में पहले से ही तलाक का केस दर्ज है. मंत्री बनने के बाद स्वाति और दयाशंकर की गैरहाजिरी की वजह से कोर्ट ने केस को खारिज किया था. वहीं, अपर पारिवारिक न्यायाधीश श्रुति श्रीवास्तव ने स्वाति की अर्जी को पत्रावली पर लेते हुए अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है. यह केस 2012 का है. इसलिए इसे सोमवार की तारीख में दर्ज न कर पुराने केस को ही जिसे खारिज कर दिया गया था, को रिओपन कराने की अर्जी कोर्ट में पेश की गई.
2012 में दी गई थी तलाक की अर्जी
पारिवारिक न्यायालय की पूर्व पत्रावली के अनुसार स्वाति सिंह ने पारिवारिक विवादों के चलते 2012 में दयाशंकर सिंह से तलाक के लिए लखनऊ में पारिवारिक न्यायालय में मुकदमा दाखिल किया था. इस मामले को अदालत ने विचारार्थ स्वीकार करते हुए दयाशंकर सिंह को अपना पक्ष रखने और आपत्ति दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था. मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही 2017 में भाजपा ने स्वाति सिंह को विधानसभा चुनाव का टिकट दे दिया. स्वाति चुनाव जीतीं और सरकार में उन्हें मंत्री पद मिला. इसके बाद वे अदालत में सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं हुईं.
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स्वाति की लगातार गैरहाजिरी के चलते फैमिली कोर्ट के अपर प्रधान न्यायाधीश प्रथम ने 2018 में उनके मुकदमे को पैरवी के अभाव में खारिज कर दिया था. स्वाति सिंह इसी आदेश को वापस लेने के लिए सोमवार को वकील के साथ कोर्ट में पहुंची और आदेश वापसी का प्रार्थना पत्र देकर अपना पक्ष रखा. कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है.
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