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अब्बास अंसारी के मित्र की शिकायत करने वाला बीजेपी नेता गायब, पुलिस टीम कर रही तलाश

भाजपा मऊ ईकाई का सदस्य बताने वाले शिकायतकर्ता सर्वेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (MLA Abbas Ansari) के करीबी मित्र के खिलाफ मुख्यमंत्री से शिकायत की थी. जिसके बाद बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस शिकायतकर्ता को ढूंढ रही है.

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Published : Jan 10, 2023, 1:25 PM IST

Updated : Jan 10, 2023, 2:55 PM IST

लखनऊ : मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे विधायक अब्बास अंसारी (MLA Abbas Ansari) के करीबी मित्र के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करने वाला बीजेपी नेता लखनऊ पुलिस को मिल नहीं रहा है. उसे लखनऊ पुलिस अब ढूंढ रही है, हालांकि शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत गलत पाई गई है. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर ऑफिस भेज दी है.

दरअसल, सर्वेश सिंह उर्फ गप्पू ने खुद को भारतीय जनता पार्टी मऊ इकाई का सदस्य बताया था. उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायती पत्र भेजते हुए कहा था कि 'सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक व बांदा जेल में बंद अब्बास अंसारी को जब लखनऊ पुलिस गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही थी, उस दौरान उनके करीबी मित्र तबरेज उर्फ राशिद फारूकी ने उन्हें अपने ठिकाने में शरण दी थी. शिकायतकर्ता ने सीएम योगी से तबरेज के खिलाफ कार्रवाई कर उसका शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की मांग की थी.' मुख्यमंत्री कार्यालय से इस शिकायत की जांच करने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नर को निर्देशित किया गया था, जिसके बाद कमिश्नर ने इसकी जांच अपर पुलिस आयुक्त मध्य राजेश कुमार श्रीवास्तव को सौंपी थी.

डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि 'इस प्रकरण की जांच अपर पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में एसीपी हजरतगंज अरविंद कुमार वर्मा, एसएचओ गौतमपल्ली सुधीर कुमार अवस्थी, वरिष्ठ उप निरीक्षक हजरतगंज दयाशंकर द्विवेदी कर रहे हैं. जांच के दौरान जब शिकायतकर्ता से बयान के लिए सम्पर्क साधने का प्रयास किया गया तो उनसे पुलिस का संपर्क नहीं हो पा रहा है. पुलिस की टीम अब शिकायतकर्ता को तलाश रही है. फिलहाल जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौंप दी है.'

बता दें, अब्बास अंसारी के खिलाफ साल 2019 को महानगर पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस को लेकर एक मामला दर्ज किया था. आरोप था कि अब्बास ने लखनऊ पुलिस को बगैर बताए शस्त्र लाइसेंस नई दिल्ली ट्रांसफर करा लिया था. इसकी जांच के बाद पुलिस ने धारा 467, 468, 471, 420 और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से अब्बास अंसारी को भगोड़ा घोषित करने के बाद लखनऊ पुलिस ने अब्बास के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया था. इसके बाद से ही अब्बास अंसारी की तलाश में छापेमारी की जा रही थी. पुलिस ने अब्बास अंसारी के करीबियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. जिसमें उसके करीबी तबरेज का भी घर शामिल था, हालांकि वहां अब्बास नहीं मिला था.

यह भी पढ़ें : एक ही परिवार के कई लोगों से 45 लाख की ठगी का आरोप, एफआईआर दर्ज

लखनऊ : मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे विधायक अब्बास अंसारी (MLA Abbas Ansari) के करीबी मित्र के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करने वाला बीजेपी नेता लखनऊ पुलिस को मिल नहीं रहा है. उसे लखनऊ पुलिस अब ढूंढ रही है, हालांकि शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत गलत पाई गई है. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर ऑफिस भेज दी है.

दरअसल, सर्वेश सिंह उर्फ गप्पू ने खुद को भारतीय जनता पार्टी मऊ इकाई का सदस्य बताया था. उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायती पत्र भेजते हुए कहा था कि 'सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक व बांदा जेल में बंद अब्बास अंसारी को जब लखनऊ पुलिस गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही थी, उस दौरान उनके करीबी मित्र तबरेज उर्फ राशिद फारूकी ने उन्हें अपने ठिकाने में शरण दी थी. शिकायतकर्ता ने सीएम योगी से तबरेज के खिलाफ कार्रवाई कर उसका शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की मांग की थी.' मुख्यमंत्री कार्यालय से इस शिकायत की जांच करने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नर को निर्देशित किया गया था, जिसके बाद कमिश्नर ने इसकी जांच अपर पुलिस आयुक्त मध्य राजेश कुमार श्रीवास्तव को सौंपी थी.

डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि 'इस प्रकरण की जांच अपर पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में एसीपी हजरतगंज अरविंद कुमार वर्मा, एसएचओ गौतमपल्ली सुधीर कुमार अवस्थी, वरिष्ठ उप निरीक्षक हजरतगंज दयाशंकर द्विवेदी कर रहे हैं. जांच के दौरान जब शिकायतकर्ता से बयान के लिए सम्पर्क साधने का प्रयास किया गया तो उनसे पुलिस का संपर्क नहीं हो पा रहा है. पुलिस की टीम अब शिकायतकर्ता को तलाश रही है. फिलहाल जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौंप दी है.'

बता दें, अब्बास अंसारी के खिलाफ साल 2019 को महानगर पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस को लेकर एक मामला दर्ज किया था. आरोप था कि अब्बास ने लखनऊ पुलिस को बगैर बताए शस्त्र लाइसेंस नई दिल्ली ट्रांसफर करा लिया था. इसकी जांच के बाद पुलिस ने धारा 467, 468, 471, 420 और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से अब्बास अंसारी को भगोड़ा घोषित करने के बाद लखनऊ पुलिस ने अब्बास के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया था. इसके बाद से ही अब्बास अंसारी की तलाश में छापेमारी की जा रही थी. पुलिस ने अब्बास अंसारी के करीबियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. जिसमें उसके करीबी तबरेज का भी घर शामिल था, हालांकि वहां अब्बास नहीं मिला था.

यह भी पढ़ें : एक ही परिवार के कई लोगों से 45 लाख की ठगी का आरोप, एफआईआर दर्ज

Last Updated : Jan 10, 2023, 2:55 PM IST
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