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कोरोना की मार ने छीनी बैंड बाजे की आवाज - कोरोना की मार ने छीनी बैंड बाजे की आवाज

कोरोना वायरस के चलते शादी-विवाह में बैंड बजाने वाले कलाकारों का हाल भी बेहाल है. कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार किसी सार्वजनिक समारोह के लिए केवल 50 लोगों की ही अनुमति प्रशासन की तरफ से दी जा रही है. जिसके चलते ज्यादातर शादियों को लोग कैंसिल कर रहे हैं.

बैंड बजाने वाले कलाकार.
बैंड बजाने वाले कलाकार.
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Published : Apr 20, 2021, 8:44 PM IST

लखनऊ: कोरोना महामारी ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है. जिससे लोगों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति भी खड़ी हो गई है. आगामी 22 तारीख से शादी की शहनाइयां भी बजने शुरू हो जाएंगी. ऐसे में बारात में बैंड बजाने वाले कलाकारों का हाल भी बेहाल है. पिछले साल कोविड-19 के संक्रमण ने इनका धंधा मंदा कर रखा था. इस साल भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों ने शादियां कैंसिल करना शुरू कर दी हैं. जिससे इन कलाकारों का रोजगार छिन गया है.

जानकारी देते कलाकार.

बैंड वालों का कहना है पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई बहुत मुश्किल से हो पाई है, लेकिन इस बार फिर कोरोना ने उनके सामने रोजी का संकट खड़ा कर दिया है. ऐसे में इनकी आर्थिक हालत खराब होती जा रही है. राजधानी में कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार किसी सार्वजनिक समारोह के लिए केवल 50 लोगों की ही अनुमति प्रशासन द्वारा दी गई है. ऐसे में 22 अप्रैल से शुरू होने वाली शादियां ज्यादातर लोग कैंसिल करते जा रहे हैं. बैंड बजाने वालों के साथ-साथ उनके सहयोगी जैसे ट्रॉली खींचने वाले, लाइट उठाने वाले सभी लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.

अगर आंकड़ों की बात की जाए तो राजधानी में लगभग 80 से लेकर 90 बैंड वाले है. जिनमें हजारों लोग काम करते हैं. पिछ्ले वर्ष की बात की जाए तो इन बैंड पार्टियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ था. ऐसे में इन लोगों ने सरकार से मांग की है कि किसी तरह से कोई बीच का रास्ता निकाल कर शादी में बैंड बजाने के लिए कुछ राहत दी जाए. जिससे इनका धंधा चल सके.

इसे भी पढे़ं- कोरोना संकट: बैंकों में कामकाज की बदली टाइमिंग

लखनऊ: कोरोना महामारी ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है. जिससे लोगों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति भी खड़ी हो गई है. आगामी 22 तारीख से शादी की शहनाइयां भी बजने शुरू हो जाएंगी. ऐसे में बारात में बैंड बजाने वाले कलाकारों का हाल भी बेहाल है. पिछले साल कोविड-19 के संक्रमण ने इनका धंधा मंदा कर रखा था. इस साल भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों ने शादियां कैंसिल करना शुरू कर दी हैं. जिससे इन कलाकारों का रोजगार छिन गया है.

जानकारी देते कलाकार.

बैंड वालों का कहना है पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई बहुत मुश्किल से हो पाई है, लेकिन इस बार फिर कोरोना ने उनके सामने रोजी का संकट खड़ा कर दिया है. ऐसे में इनकी आर्थिक हालत खराब होती जा रही है. राजधानी में कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार किसी सार्वजनिक समारोह के लिए केवल 50 लोगों की ही अनुमति प्रशासन द्वारा दी गई है. ऐसे में 22 अप्रैल से शुरू होने वाली शादियां ज्यादातर लोग कैंसिल करते जा रहे हैं. बैंड बजाने वालों के साथ-साथ उनके सहयोगी जैसे ट्रॉली खींचने वाले, लाइट उठाने वाले सभी लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.

अगर आंकड़ों की बात की जाए तो राजधानी में लगभग 80 से लेकर 90 बैंड वाले है. जिनमें हजारों लोग काम करते हैं. पिछ्ले वर्ष की बात की जाए तो इन बैंड पार्टियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ था. ऐसे में इन लोगों ने सरकार से मांग की है कि किसी तरह से कोई बीच का रास्ता निकाल कर शादी में बैंड बजाने के लिए कुछ राहत दी जाए. जिससे इनका धंधा चल सके.

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