लखनऊ : यूपी में अंग प्रत्यारोपण की राह देख रहे आयुष्मान कार्ड धारकों(Ayushman Card Holder) को अभी इंतजार करना पड़ सकता है. इस योजना में अंग प्रत्यारोपण(Organ Transplant) को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से अभी तक हरी झंडी नहीं मिल सकी है जिसके चलते मरीज बीमारी से जूझने को मजबूर हैं. कम आय वर्ग के ये मरीज प्रत्यारोपण के खर्च को वहन करने में असहाय हैं. आयुष्मान योजना में अंग प्रत्यारोपण(Organ Transplant) भी शामिल होने से मरीजों को सहूलियत मिलेगी.
यूपी में 1.18 करोड़ परिवार आयुष्मान योजना से जुड़े हुए हैं. इन परिवारों में करीब 6 करोड़ सदस्य हैं. योजना के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में 5 लाख तक का इलाज मुफ्त है. मगर, असाध्य रोग (किडनी, लिवर, कैंसर, ह्रदय) में कई बार लंबा इलाज चलता है. वहीं किडनी ट्रांसप्लांट में एक झटके में ही 5 लाख रुपये का खर्च हो जाता है. लिवर ट्रांसप्लांट सरकारी संस्थानों में ही 12 लाख से ऊपर है. ऐसे में आयुष्मान कार्ड धारक अपना ट्रांसप्लांट नहीं करा पाते थे.
आयुष्मान योजना से जुड़े होने के कारण उन्हें दूसरी योजना से मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं मिल पाती थी. ऐसे में राज्य सरकार ने चार माह पहले केंद्र सरकार को पत्र लिखा. आयुष्मान रोगियों के लिए किडनी, आई ट्रांसप्लांट की सुविधा की मांग की है. वहीं आयुष्मान योजना में अब श्रमिक और अंत्योदय कार्डधारकों को भी जोड़ लिया गया है. ऐसे में माह भर अभियान चलाया गया इसमें एक करोड़ गोल्डन कार्ड बनाए गए.
आयुष्मान में नहीं है ट्रांसप्लांट
बता दें, आयुष्मान योजना में करीब 1574 पैकेज हैं. इसमें ट्रांसप्लांट योजना अभी शामिल नहीं है. ऐसे में आरोग्य निधि से अब ऐसे रोगियों को भी राहत मिलेगी. यह अब किडनी, लिवर ट्रांसप्लान्ट भी करा सकेंगे. आयुष्मान योजना के अलावा अंत्योदय कार्ड धारक को भी यह लाभ मिलेगा. अभी तक बीपीएल कार्ड धारक को आरोग्य निधि से इलाज के लिए धन मिलता था. ऐसे में राज्य के 40.94 परिवार को लाभ मिलेगा.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
स्टेट हेल्थ एजेंसी की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक आयुष्मान योजना में किडनी और नेत्र प्रत्यारोपण जोड़ने के लिए पत्र भेजा गया था. अभी अनुमति नहीं मिली है. केंद्र सरकार से अनुमति मिलते ही मरीजों को मुफ्त प्रत्यारोपण की सुविधा का लाभ मिलने लगेगा.
आयुष्मान योजना
-23 सितम्बर 2018 में यूपी में शुरू हुई
-1004 सरकारी अस्पताल योजना से जुड़े
-1504 निजी अस्पताल योजना में शामिल
-1 लाख 26 हजार बेड आयुष्मान अस्पतालों में
क्या है आयुष्मान भारत योजना
आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते तमाम लोग समुचित ढंग से अपना इलाज नहीं करा पाते हैं और बीमारी से जूझते रहते हैं. ऐसे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य मिल सके इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनने थे. इस कार्ड के जरिये आयुष्मान योजना के तहत चुने गए देश के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कार्ड धारक लाभार्थी पांच लाख रुपये तक अपना इलाज नि:शुल्क करा सकते हैं.
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