लखनऊ: फर्जी दस्तावेजों के सहारे सहारनपुर के कमेला कॉलोनी में रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. दोनों बांग्लादेशी नागरिकों के विदेशी कनेक्शन की अब एटीएस द्वारा जांच की जा रही है. दोनों बांग्लादेशी मोहम्मद इकबाल और मोहम्मद फारूक पहले भी गिरफ्तार हो चुके थे, लेकिन 2 साल की सजा काटकर रिहा हो गए. फर्जी पासपोर्ट और फर्जी आधार कार्ड के जरिए ये दोनों सहारनपुर में अवैध रूप से रह रहे थे. एटीएस अब इनके पासपोर्ट बनवाने में मददगार लोगों की जांच में जुट गई है.
पकड़े गए दोनों बांग्लादेशी नागरिकों का नकली नोटों के कारोबार से रिश्ता भी जोड़ा जा रहा है. दोनों के पास से फर्जी पासपोर्ट, फर्जी आधार कार्ड से लेकर दर्जनभर पहचान पत्र बरामद हुए हैं. एटीएस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. एटीएस ने दोनों की कस्टडी रिमांड के लिए अदालत से अपील दी है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होनी है.
सहारनपुर के कमेला से पकड़े गए दोनों बांग्लादेशी युवकों के पास से पासपोर्ट भी बरामद हुआ है. पासपोर्ट बनवाने में एलआईयू की रिपोर्ट भी ली जाती है. इस पूरे काम में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन जिस तरीके से इन दोनों बांग्लादेशी युवकों का पासपोर्ट बना है, यह जांच का विषय है. एटीएस अब इस काम में सहयोग करने वाले लोगों की सूची बना रही है. वहीं कस्टडी रिमांड के बाद दोनों बांग्लादेशियों से पूछताछ के बाद इन पर कार्रवाई की सिफारिश हो सकती है.