लखनऊ: अगर आप किसी भी लेन देन या जरूरत पड़ने पर एटीएम मशीन से रुपए निकाल रहे हैं, तो जरा सावधानी से अपने कार्ड का इस्तेमाल करें. कहीं रुपये निकालने की जल्दबाजी में आप के एटीएम या क्रेडिट कार्ड का क्लोन न बन जाए. दरअसल, पिछले कुछ समय से कार्ड क्लोनिंग के मामले सामने आ रहे हैं. ठग बहुत ही टेक्निकल तरीके से आपके कार्ड की जानकारी लेकर मिनटों में क्लोन कार्ड तैयार करते हैं. इस क्लोन से ठग लाखों रुपये का चूना लगा देते हैं. पीड़ित को इसका पता खाते से रुपये निकलने के बाद लगता है. ताजा उदाहरण सूबे की राजधानी में बीते गुरुवार को सरोजनीनगर व गाजीपुर थाना क्षेत्र में एटीएम कार्ड क्लोन कर रुपए उड़ाने के तीन मामले सामने आए. तीनों ही मामलों में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की है.
तीन मामले आए सामने
एलडीए कॉलोनी निवासी जितेंद्र कुमार मिश्र का बैंक ऑफ बड़ौदा नाका ब्रांच में अकाउंट है. उनके डेबिट कार्ड का क्लोन बना कर 40 हजार रुपये निकाल लिए गए. ट्रांजेक्शन मैसेज आने पर पीड़ित को ठगी का पता चला. इसी तरह इन्दिरानगर सी-ब्लाक निवासी यशवेंद्र सिंह के कार्ड का क्लोन बना कर खाते से 15 हजार और सर्वोदयनगर निवासी प्रथम सिंह के अकाउंट से ढाई हजार रुपये निकाल गए. तीनों में खास बात यह रही कि एटीएम कार्ड पर्स में रखा रहा. कार्ड धारकों ने किसी को OTP और CVV नंबर भी नहीं दिया. फिर उनके अकॉउंट से रकम निकल गए.
ऐसे होती है डेबिट और क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग
पूर्व डीएसपी श्यामाकांत त्रिपाठी के मुताबिक, साइबर ठग बहुत ही खुफिया तरीके से एटीएम और क्रेडिट कार्ड का क्लोन करते हैं. इसके लिए वह स्कीमर मशीन का इस्तेमाल करते हैं. स्कीमर मशीन में कार्ड के स्वाइप करते ही आपके कार्ड की सारी डिटेल इस मशीन में काॅपी हो जाती है. इसके बाद आरोपी कंप्यूटर और अन्य तरीकों इस डेटा को एक खाली कार्ड में डालकर क्लोन तैयार करते हैं. ठग इसी क्लोन का इस्तेमाल कर दूर दराज के इलाकों से आपके खाते से लाखों रुपये निकालने का काम करते हैं. शहर में ठग लाखों रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं.
एटीएम मशीन में बटन जैसा कैमरा
एक निजी बैंक में तैनात बैंक अधिकारी अनुराग शर्मा का कहना है कि इसी तरह ठग कई एटीएम मशीनों में एक किट लगाते हैं. इसमें कीपेड पर एक मेट के तरीके का उपकरण, स्वाइप की जगह काॅपी मशीन और पासवर्ड को देखने के लिए एक बटन जैसा कैमरा लगाया जाता है. यह कैमरा आपके पासवर्ड और स्वाइप की जगह लगी मशीन आपके डेटा को सेव करती है. इस मशीन में जितने भी एटीएम स्वाइप होते हैं. उनका डेटा इस डिवाइस में चला जाता है. इसे मौका पाकर ठग निकाल लेते हैं, जिसके बाद उसी प्रक्रिया के तहत कार्ड का क्लाेन तैयार कर पीड़ित की जेब में उसका कार्ड होने के बाद भी क्लोन के जरिये खाते से रुपये निकाल लेते हैं.
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ये बरतें सावधानियां
- उपभोक्ता उस एटीएम से पैसे कभी न निकाले जहां पर गार्ड तैनात न हो.
- अपना एटीएम वह स्वयं ही प्रयोग करें किसी और को इस्तेमाल के लिए न दें.
- एटीएम केबिन में यदि कोई और है तो उसके बाहर निकलने पर ही मशीन का प्रयोग करें.
- सबसे विशेष एटीएम की मशीन में जहां पर कार्ड डाला जाता है वहां पर उसे खिंचकर देखें, यदि क्लोनिंग मशीन फिट की गई होगी तो वह हाथ लगाने पर पता लग जाएगी.
- इसी तरह एटीएम प्रयोग करते समय जहां पर एटीएम कार्ड लगाया जाता है, वहां पर हरी लाइट जलने लगेगी. यह लाइट तब तक नहीं रुकेगी जब तक उपभोक्ता पैसे निकासी का कार्य कर कार्ड वापिस निकालकर आगे की ट्रांजेक्शन के लिए कैंसिल नहीं कर देता.
- हरी लाइट नहीं जलती है तो इसका सीधा सा मतलब है कि मशीन के साथ किसी ने छेड़छाड़ कर उसे हैंग किया है. ऐसे में उस मशीन का प्रयोग न करें.