लखनऊ: 22 हजार सीटों की मांग कर रहे सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को 1090 चौराहे पर मोमबत्ती जलाकर कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश (Coonoor Helicopter Crash) में शहीद हुए सीडीएस विपिन रावत (CDS Vipin Rawat) सहित अन्य शहीदों को याद किया. अभ्यर्थी एससीईआरटी (SCERT) पर बीते 175 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि 1 लाख 37 हजार सीटों के 22 हजार रिक्त पदों को पूरा किया जाए, ताकि अभ्यर्थियों को रोजगार मिल सके. धरने के दौरान अभ्यर्थियों ने 22 दो, 22 लो यानी कि 2200 सीटों को भरकर भर्ती दीजिए और 2022 लीजिए.
अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जल्द जांच करवाकर चयन से बाहर हो गए पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी थी. यह भी आरोप है कि 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़े अभ्यर्थियों के लगभग 6000 पदों पर घोटाला हुआ है. साल 2019 में आयोजित इस भर्ती प्रक्रिया में कई लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिनमें से करीब 1 लाख 40 हजार पास हुए. अभ्यर्थियों की मांग है कि 1,37,500 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए. 68500 शिक्षक भर्ती की रिक्त 22000 सीटों को 69,000 शिक्षकों की भर्ती में जोड़ा जाए.
उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में इन अभ्यर्थियों की ओर से 22000 रिक्त पदों को भी इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल किए जाने की मांग उठाई जा रही है. इनका कहना है कि हजारों बीएड, बीटीसी छात्र बेरोजगार भटक रहे हैं. इन पदों को भर्ती प्रक्रिया में जोड़ने से उन्हें नौकरी पाने का अवसर मिल जाएगा. हालांकि सरकार की तरफ से भी जल्द ही दूसरी भर्ती प्रक्रिया भी लाने की घोषणा की जा चुकी है.
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यूपी राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था कि प्राथमिक शिक्षकों के 51 हजार से अधिक पद रिक्त हैं और जल्द ही भर्ती दी जाएगी एवं शिक्षामित्रों को एक और मौका दिया जाएगा. उनका कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग में पिछले 2 वर्षों से कोई नई भर्ती नहीं हुई है. जो 68500 और 69000 शिक्षकों की भर्ती हुई है, वह सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने की वजह से हुई है. आरटीआई से प्राप्त डाटा के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में अब भी डेढ़ लाख से ज्यादा पद खाली हैं.
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