लखनऊ: राजधानी के मोहनलालगंज ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी फील्ड में काम करने वाली आशा बहुओं को अभी तक मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं कराया गया है. बिना मास्क के ही आशा बहुए कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ रही हैं. इस दौर में कोरोना वॉरियर्स को खाली हाथ ही जंग के मैदान में लड़ने के लिए भेज दिया गया है.
10 दिनों में 7 लोगों की हो चुकी मौतें
मामला मोहनलालगंज सीएचसी के अंतर्गत काम करने वाली आशा बहुओं का है, जिन्हें गांव-गांव जाकर लोगों की मदद करने के आदेश तो दे दिए गए हैं, लेकिन मास्क और सैनिटाइजर अब तक उपलब्ध नहीं कराए जा सका हैं. आपको बता दें कि मोहनलालगंज क्षेत्र के मऊ गांव में पिछले 10 दिनों में करीब 7 मौतें हो चुकी हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मऊ गांव के 21 लोगों की कोरोना वायरस जांच के लिए सैंपल लिए हैं, जिनकी रिपोर्ट शुक्रवार को आएगी. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली आशा बहुओं को अब तक कोई सुविधा नहीं मिली है.
ईटीवी भारत से की बात
ईटीवी भारत से बात करते हुए आशा बहुओं ने बताया कि उन्हें फील्ड में दिन-रात काम करना पड़ रहा है. इसके साथ ही बाहर से जो लोग आए हुए हैं, उन्हें चिन्हित भी करना पड़ता है. वहीं लोगों तक मदद भी पहुंचाई जा रही है, लेकिन उन्हें सीएचसी की तरफ से न तो अब तक मास्क उपलब्ध कराया जा सका है और न ही सैनिटाइजर. आरोप है कि ये लोग मुंह पर दुपट्टे को बांधकर बिना किसी सेफ्टी के दिन रात गांव-गांव घूमकर लोगों की परेशानियों को दूर करने में लगी हुई हैं.
सभी आशा संगिनी को मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जा चुका है. अगर अब तक आशा बहुओं को मास्क और सैनिटाइजर नहीं मिल पाया है तो इस मामले की जांच की जाएगी.
डॉ. ज्योति कामले, सीएचसी अधीक्षक