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Kargil Vijay Diwas1999 : लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय में लगाई गई शस्त्रों की प्रदर्शनी

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राजधानी स्थित राज्य संग्रहालय में मौजूद शस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई गई. प्रदर्शनी के दौरान कारगिल वॉर (KARGIL WAR 1999) में शहिद हुए जवानों को याद किया गया.

विजय दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय में लगाई गई शस्त्रों की प्रदर्शनी
विजय दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय में लगाई गई शस्त्रों की प्रदर्शनी
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Published : Jul 26, 2021, 10:45 PM IST

लखनऊ : कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सोमवार को राजधानी स्थित राज्य संग्रहालय में मौजूद शस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई गई. प्रदर्शनी का उद्घाटन यूपी होमगार्ड के डीजी (Director General of Uttar Pradesh Home Guard) विजय कुमार ने किया. प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह का आरंभ कारगिल में शहीद हुए जवानो की श्रद्धांजलि के साथ किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद राज्य संग्रहालय के निदेशक डॉ.आनंद कुमार सिंह सहित तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों ने अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. प्रदर्शनी में ताम्र पाषाण काल के हथियारों से लेकर आधुनिक शस्त्र का प्रदर्शन रोचक ढंग से किया गया.

प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से पुराने शस्त्रों में धनुष-बाण, समसिरे पत्ता, जुल्फिकार, खड़क एवं खंडा, तलवार आदि का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम के दौरान यूपी होमगार्ड के डीजी विजय कुमार मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. होमगार्ड के डीजी विजय कुमार ने बताया कि कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है.

विजय दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय में लगाई गई शस्त्रों की प्रदर्शनी
विजय दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय में लगाई गई शस्त्रों की प्रदर्शनी

भारतीय सेना ने अपने पराक्रम से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाली पाकिस्तानी सेना को खदेड़कर 26 जुलाई 1999 को पूर्ण विजय प्राप्त की थी.तब से कारगिल के वीरों को सम्मान देने एवं उनकी स्मृति के लिए प्रतिवर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को शौर्य वीरता की भारतीय परंपरा से परिचित कराना है. इस प्रदर्शनी में इतिहास के विविध काल-खंडों में प्रस्तुत अस्त्र-शस्त्रों को प्रदर्शित किया गया है.

कारगिल विजय
कारगिल विजय

कारगिल वॉर में लखनऊ के कैप्टन मनोज पांडेय हुए थे शहीद

पूरे देश में आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. आज के दिन 22 साल पहले 26 जुलाई 1999 की वह तारीख जो हमारे देशवासियों को अपनी बहादुर सेना पर गर्व कराती है. इसी दिन हमारे देश के रणबांकुरों ने दुश्मन सेना को धूल चटाते हुए कारगिल में भारत का झंडा बुलंद कर दिया था. कारगिल वॉर में एक नाम था कैप्टन मनोज पांडेय का.

वह कारगिल वॉर (KARGIL WAR 1999) के ऐसे हीरो थे, जिनके बलिदान से इस युद्ध की इबारत लिखी गई थी. लखनऊ के अमर शहीद कैप्टन मनोज पांडेय की अलग ही कहानी है. अपनी वीरता से उन्होंने दुश्मन सेना के छक्के छुड़ा दिए. दुश्मन देश भी परमवीर चक्र विजेता (मरणोपरांत) मनोज पांडेय की वीरता के आगे नतमस्तक हो गया. कैप्टन मनोज पांडेय ने देश की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

इसे पढ़ें- कारगिल विजय दिवस: कैप्टन मनोज पांडेय के अदम्य साहस को सलाम, सिर पर गोली खाकर फहरायी थी विजय पताका

लखनऊ : कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सोमवार को राजधानी स्थित राज्य संग्रहालय में मौजूद शस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई गई. प्रदर्शनी का उद्घाटन यूपी होमगार्ड के डीजी (Director General of Uttar Pradesh Home Guard) विजय कुमार ने किया. प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह का आरंभ कारगिल में शहीद हुए जवानो की श्रद्धांजलि के साथ किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद राज्य संग्रहालय के निदेशक डॉ.आनंद कुमार सिंह सहित तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों ने अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. प्रदर्शनी में ताम्र पाषाण काल के हथियारों से लेकर आधुनिक शस्त्र का प्रदर्शन रोचक ढंग से किया गया.

प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से पुराने शस्त्रों में धनुष-बाण, समसिरे पत्ता, जुल्फिकार, खड़क एवं खंडा, तलवार आदि का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम के दौरान यूपी होमगार्ड के डीजी विजय कुमार मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. होमगार्ड के डीजी विजय कुमार ने बताया कि कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है.

विजय दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय में लगाई गई शस्त्रों की प्रदर्शनी
विजय दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय में लगाई गई शस्त्रों की प्रदर्शनी

भारतीय सेना ने अपने पराक्रम से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाली पाकिस्तानी सेना को खदेड़कर 26 जुलाई 1999 को पूर्ण विजय प्राप्त की थी.तब से कारगिल के वीरों को सम्मान देने एवं उनकी स्मृति के लिए प्रतिवर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को शौर्य वीरता की भारतीय परंपरा से परिचित कराना है. इस प्रदर्शनी में इतिहास के विविध काल-खंडों में प्रस्तुत अस्त्र-शस्त्रों को प्रदर्शित किया गया है.

कारगिल विजय
कारगिल विजय

कारगिल वॉर में लखनऊ के कैप्टन मनोज पांडेय हुए थे शहीद

पूरे देश में आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. आज के दिन 22 साल पहले 26 जुलाई 1999 की वह तारीख जो हमारे देशवासियों को अपनी बहादुर सेना पर गर्व कराती है. इसी दिन हमारे देश के रणबांकुरों ने दुश्मन सेना को धूल चटाते हुए कारगिल में भारत का झंडा बुलंद कर दिया था. कारगिल वॉर में एक नाम था कैप्टन मनोज पांडेय का.

वह कारगिल वॉर (KARGIL WAR 1999) के ऐसे हीरो थे, जिनके बलिदान से इस युद्ध की इबारत लिखी गई थी. लखनऊ के अमर शहीद कैप्टन मनोज पांडेय की अलग ही कहानी है. अपनी वीरता से उन्होंने दुश्मन सेना के छक्के छुड़ा दिए. दुश्मन देश भी परमवीर चक्र विजेता (मरणोपरांत) मनोज पांडेय की वीरता के आगे नतमस्तक हो गया. कैप्टन मनोज पांडेय ने देश की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

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