लखनऊः अभी संजय सिंह और पवन पाण्डेय के जमीन खरीद में घपलेबाजी के आरोपों पर बवाल चल ही रहा था कि अयोध्या जमीन विवाद का एक और मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. एक अन्य जमीन विवाद के मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में प्रशासन पर आवासीय भूमि को कृषि भूमि दिखाते हुए भूस्वामियों से लेने का आरोप लगा है. अब कोर्ट ने इन आरोपों पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
HC पहुंचा अयोध्या जमीन विवाद का एक और मामला
ये आदेश न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने अयोध्या निवासी दुर्गा प्रसाद यादव और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है. याचियों का कहना है कि साल 2010-11 में उन्होंने मकान बनाने के लिए आवासीय प्लॉट खरीदे थे. जो गैर-कृषि भूमि के तौर पर रिकॉर्ड में दर्ज थे. लेकिन बाद में श्री राम एयरपोर्ट बनाने के लिए प्रशासन द्वारा उस जमीन को ले लिया गया. लेकिन इस गैर कृषि भूमि का बैनामा कृषि भूमि के तौर पर करा लिया गया. कहा गया कि याचियों को भूमि के बदले में जो धनराशि दी गई है. वो कृषि भूमि के रेट के अनुसार दी गई है. ये भी आरोप लगाया गया कि इसके पांच महीने बाद याचियों की भूमि से लगी हुई दूसरी भूमि भी प्रशासन ने ले ली. लेकिन इसका भुगतान आवासीय प्लॉट के रेट के मुताबिक किया गया.
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याचियों की दलील थी कि रिकॉर्ड में सबकुछ इतना स्पष्ट है कि किसी जांच की भी आवश्यकता नहीं है. याचियों ने इस कार्रवाई को मनमाना बताते हुए कोर्ट से दखल की मांग की. याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई पर जबाव देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी.