लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में वार्षिक परीक्षाएं टलने के पूरे आसार हैं. परीक्षा आयोजन के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार की ओर से गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सभी विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने का सुझाव दिया है.
उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं का आयोजन जुलाई माह में कराने का फैसला प्रदेश सरकार ने किया था, लेकिन फैसले के साथ ही शिक्षक और छात्रों की ओर से इसका विरोध शुरू हो गया. प्रदेश सरकार ने इस सिलसिले में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की जो कमेटी गठित की थी, उसने भी अपनी रिपोर्ट में सरकार को सुझाव दिया है कि कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को देखते हुए परीक्षाओं का आयोजन कराना उचित नहीं है. ऐसे में सभी विद्यार्थियों को प्रोन्नत कर दिया जाना चाहिए.
इसके बाद सोमवार की शाम सत्ता के गलियारे में यह चर्चा तेज रही कि मुख्यमंत्री ने भी परीक्षाएं नहीं कराने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों और डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के साथ इस मुद्दे पर बैठक भी की.
बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में परीक्षा का आयोजन कराने के संबंध में 2 जुलाई को फैसला किया जाएगा. कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार की 1 जुलाई को गाइडलाइन आने की संभावना है, जिसके बाद ही कोई फैसला किया जाएगा.
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दूसरी ओर लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. विनीत वर्मा ने प्रदेश सरकार को परीक्षाएं टालने के फैसले को लेकर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों और विद्यार्थियों की जान को जोखिम में डालना तर्कसंगत नहीं है, इसलिए सभी को प्रोन्नत करने का फैसला ही उचित होगा.