लखनऊ : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के द्वारा मई 2021 से 6 माह के लिए एस्मा एक्ट लगाया गया है. एस्मा एक्ट (ESMA- Essential Services Maintenance Act) लगा होने के बावजूद भी 108 व 102 एंबुलेंस का चक्का जाम करने, हड़ताल में शामिल होने व कर्मचारियों को भड़काने के आरोपों के तहत मंगलवार को पुलिस ने कर्मचारी संघ के अध्यक्ष समेत 11 कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा एक्ट (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) के तहत मामला दर्ज किया है. यह मुकदमा सेवा प्रदाता कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट टीवीएसके रेड्डी की शिकायत पर दर्ज किया गया है.
पुलिस के मुताबिक, 108 व 102 सेवा प्रदाता कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट टीवीएसके रेड्डी ने कर्मचारी संघ के हनुमान पांडेय, निवासी महाराजगंज, बस्ती के सुशील पांडे, सीतापुर निवासी अभिषेक मिश्रा, मऊ के बृजेश कुमार मिश्रा, मेरठ के शरद यादव, हरदोई के सलिल अवस्थी, लखनऊ के सुनील सचान, हापुड़ के मधुर मिश्रा, कानपुर नगर निवासी राघवेंद्र तिवारी, श्रावस्ती निवासी रितेश शुक्ला और हरियाणा में अंबाला निवासी दिनेश कौशिक को नामजद किया है. इन पर एंबुलेंस का चक्का जाम करने व हड़ताल में शामिल होने व कर्मचारियों को भड़काने के आरोप हैं.
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सहमति बनने के बाद भी जारी रखा हड़ताल
सेवा प्रदाता कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट का कहना है कि 108 व 102 के कर्मचारी 3 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते 26 जुलाई को कर्मचारियों द्वारा 108 और 102 सेवाओं को हड़ताल कर संचालन ठप कर दिया गया. जिसके बाद मिशन निदेशक और नेशनल हेल्थ मिशन ने कर्मचारियों की समस्याएं सुनी और उसके निराकरण के लिए आश्वस्त किया. इसके बाद कर्मचारी संघ के द्वारा 26 जुलाई की रात से हड़ताल समाप्त करने का आश्वासन दिया गया, लेकिन बाद में कर्मचारी संघ द्वारा हड़ताल जारी रखा गया.
जबकि, कोरोना संक्रमण के चलते मई 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में 6 माह के लिए एस्मा एक्ट (आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम) लागू किया था, जिसके तहत हड़ताल और प्रदर्शन पर रोक लगाई गई थी. बावजूद इसके कर्मचारी संघ 108 और 102 कर्मचारियों को चक्का जाम करने व हड़ताल के लिए उकसा रहा है.