प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज और मैनपुरी के पुलिस हेड कांस्टेबलों के वेतनमान में कटौती कर वसूली करने के अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने नरेंद्र बहादुर तिवारी व 53 अन्य, दयानंद सिंह व 4 अन्य व शिवराज की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता कैलाश प्रकाश पांडेय ने बहस की. याची का कहना है कि उनकी नियुक्ति 1984 में पुलिस कांस्टेबल पद पर की गई. 2 दिसंबर 2000 के शासनादेश के तहत उन्हें 14 साल की सेवा के बाद प्रथम प्रोन्नति वेतनमान एवं 24 साल की सेवा के बाद द्वितीय प्रोन्नत वेतनमान पाने का हक है, लेकिन उन्हें नहीं दिया गया. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रोन्नत वेतनमान नहीं दिया गया तो अवमानना याचिका दायर की. इसके बाद उन्हें द्वितीय प्रोन्नत वेतनमान दिया गया.
4 मई 2010 के शासनादेश से एसीपी लागू की गई, जिसके तहत 30 नवंबर 2008 पे बैंड वालों को पुराना वेतनमान का हकदार माना गया है. 12 साल बाद अचानक 7 जुलाई 2020 को अपर पुलिस महानिदेशक ने रुपये 14,430 वेतनमान को घटाकर रुपये 13,500 कर दिया और सितंबर 2020 से अधिक वेतन भुगतान की वेतन से कटौती शुरू की गई है, जिसे याचिका में चुनौती दी गई है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि किस शासनादेश के तहत याचियों का वेतन घटाया गया है और वेतन से कटौती की जा रही है.
इस मामले में आबकारी आयुक्त को निर्णय लेने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आबकारी आयुक्त प्रयागराज को इटावा व मैनपुरी के जिलाधिकारियों के बीच विदेशी शराब के ठेके के विवाद का दो हफ्ते में निपटारा करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी और न्यायमूर्ति डॉ. वाई. के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने इटावा के महेश चंद्र की याचिका पर दिया है. याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाहा ने प्रतिवाद किया.
मालूम हो कि इटावा में डुमिला तिराहा पर मैनपुरी जिले के बार्डर से पांच किमी दूरी पर याची की विदेशी शराब की दूकान है. मैनपुरी के जिलाधिकारी ने अपने जिले में विपक्षी को भी विदेशी शराब की दुकान का लाइसेंस देने के लिए इटावा के जिलाधिकारी से अनुमति मांगी तो इटावा के डीएम ने आबकारी आयुक्त को यह कहते हुए प्रकरण भेजा कि मैनपुरी के डीएम को अनुमति न दें, जो विचाराधीन है.