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गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, गोरक्षा हो हिंदुओं का मौलिक अधिकार : HC

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि गाय (Cow) का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है. गाय को भारत देश में मां के रूप में जाना जाता है और देवताओं की तरह उसकी होती पूजा है. इसलिए गाय को राष्ट्रीय पशु (National animal) का दर्जा दिया जाना चाहिए.

राष्ट्रीय पशु गाय
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Published : Sep 2, 2021, 6:49 AM IST

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high court) ने वैदिक, पौराणिक, सांस्कृतिक महत्व और सामाजिक उपयोगिता को देखते हुए गाय (Cow) को राष्ट्रीय पशु (National animal) घोषित करने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है. कोर्ट ने कहा कि भारत में गाय (Cow) को माता मानते हैं. यह हिंदुओं की आस्था का का विषय है.आस्था पर चोट करने से देश कमजोर होता है. हाईकोर्ट ने सुझाव देते हुए यह भी कहा कि जीभ के स्वाद के लिए जीवन छीनने का अधिकार नहीं है.

इससे पहले राजस्थान उच्च न्यायालय भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सुझाव दे चुका है. राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह केंद्र सरकार के साथ समन्वय में गाय को राष्ट्रीय पशु (National animal) घोषित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए.

कोर्ट ने कहा कि गाय (Cow) के संरक्षण को हिंदुओं का मौलिक अधिकार में शामिल किया जाए. भारतीय शास्त्रों, पुराणों व धर्मग्रंथ में गाय के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कोर्ट ने कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों के नेताओं और शासकों ने भी हमेशा गो संरक्षण की बात की है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 48 में भी कहा गया है कि गाय नस्ल को संरक्षित करेगा और दुधारू और भूखे जानवरों सहित गो हत्या पर रोक लगाएगा. भारत के 29 राज्यों में से 24 में गो हत्या पर प्रतिबंध है.

कोर्ट (Allahabad high court) ने कहा कि गाय के संरक्षण, संवर्धन का कार्य मात्र किसी एक मत, धर्म या संप्रदाय का नहीं है बल्कि गाय भारत की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का काम देश में रहने वाले हर एक नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म की उपासना करने वाला हो, की जिम्मेदारी है. कोर्ट ने कहा कि हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं जब हम अपनी संस्कृति को भूले हैं तब विदेशियों ने हम पर आक्रमण कर गुलाम बनाया है. आज भी हम न चेते तो अफगानिस्तान पर निरंकुश तालिबानियों का आक्रमण और कब्जे को हमें भूलना नहीं चाहिए.

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high court) ने वैदिक, पौराणिक, सांस्कृतिक महत्व और सामाजिक उपयोगिता को देखते हुए गाय (Cow) को राष्ट्रीय पशु (National animal) घोषित करने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है. कोर्ट ने कहा कि भारत में गाय (Cow) को माता मानते हैं. यह हिंदुओं की आस्था का का विषय है.आस्था पर चोट करने से देश कमजोर होता है. हाईकोर्ट ने सुझाव देते हुए यह भी कहा कि जीभ के स्वाद के लिए जीवन छीनने का अधिकार नहीं है.

इससे पहले राजस्थान उच्च न्यायालय भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सुझाव दे चुका है. राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह केंद्र सरकार के साथ समन्वय में गाय को राष्ट्रीय पशु (National animal) घोषित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए.

कोर्ट ने कहा कि गाय (Cow) के संरक्षण को हिंदुओं का मौलिक अधिकार में शामिल किया जाए. भारतीय शास्त्रों, पुराणों व धर्मग्रंथ में गाय के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कोर्ट ने कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों के नेताओं और शासकों ने भी हमेशा गो संरक्षण की बात की है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 48 में भी कहा गया है कि गाय नस्ल को संरक्षित करेगा और दुधारू और भूखे जानवरों सहित गो हत्या पर रोक लगाएगा. भारत के 29 राज्यों में से 24 में गो हत्या पर प्रतिबंध है.

कोर्ट (Allahabad high court) ने कहा कि गाय के संरक्षण, संवर्धन का कार्य मात्र किसी एक मत, धर्म या संप्रदाय का नहीं है बल्कि गाय भारत की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का काम देश में रहने वाले हर एक नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म की उपासना करने वाला हो, की जिम्मेदारी है. कोर्ट ने कहा कि हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं जब हम अपनी संस्कृति को भूले हैं तब विदेशियों ने हम पर आक्रमण कर गुलाम बनाया है. आज भी हम न चेते तो अफगानिस्तान पर निरंकुश तालिबानियों का आक्रमण और कब्जे को हमें भूलना नहीं चाहिए.

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