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एक सप्ताह के अंदर सभी पुलिस थाने होंगे सीसीटीवी से लैस, मुख्यमंत्री ने जारी किए निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सेफ सिटी परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि 'व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, चौक-चौराहों, सरकारी व निजी अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाए जाएं.'

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 25, 2023, 6:37 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 'सेफ सिटी परियोजना' की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि 'व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, चौक-चौराहों, सरकारी व निजी अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाए जाएं. आमजन, व्यापारियों, संस्थान संचालकों को जागरूक कर उन्हें क्राइम कंट्रोल में सीसीटीवी के महत्व को बताया जाए और कैमरे लगाने के लिए प्रेरित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि 'लोग अपनी सुविधानुसार अपने सीसीटीवी फुटेज का डेटा अपने पास ही सुरक्षित रख सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जरूरत पड़ने पर फुटेज केवल पुलिस को ही उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा जहां आवश्यकता हो, वहां नगर निगम, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट या स्थानीय प्रशासन व पुलिस की तरफ से सीसीटीवी लगाए जाएंगे.' मुख्यमंत्री ने अगले एक सप्ताह के अंदर सभी पुलिस थानों को सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश जारी किए गए हैं.




मुख्यमंत्री ने कहा कि 'महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन सुनिश्चित करने के संकल्प की पूर्ति में "सेफ सिटी परियोजना" उपयोगी सिद्ध हो रही है. उत्तर प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के तहत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में मदद मिली है. अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए पहले चरण में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को 'सेफ सिटी' के रूप में विकसित किया जाना है, जबकि दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाए. ऐसे सभी नगरों के प्रवेश द्वार पर 'सेफ सिटी' का बोर्ड लगाकर इसकी विशिष्ट ब्रांडिंग भी की जानी चाहिए. उत्तर प्रदेश सर्वाधिक सेफ सिटी वाला देश पहला राज्य हो सकेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में सेफ सिटी परियोजना महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित है. इसे विस्तार देते हुए बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगजनों की सुरक्षा से भी जोड़ना चाहिए. सेफ सिटी के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांग जनों के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित व सशक्त वातावरण बनाने की मुहिम को तेजी मिलेगी.'

बैठक में विभिन्न संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव ने सेफ सिटी परियोजना को लेकर अब तक की प्रगति की जानकारी भी दी. मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि 'अब तक आगरा, अलीगढ़, बरेली, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर व वाराणसी स्मार्ट सिटी में पुलिस ने 9396 स्थानों को सीसीटीवी लगाए जाने के लिए चिन्हित किया है, इसमें से अब तक 3489 जगहों पर कैमरे लगाए जा चुके हैं. अयोध्या, गोरखपुर, फिरोजाबाद, मथुरा-वृंदावन, शाहजहांपुर, मेरठ और गाजियाबाद में चिन्हित 7600 से अधिक जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं.' बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 'सेफ सिटी के लिए सार्वजनिक परिवहन वाले वाहन के चालकों का सत्यापन आवश्यक है. ऐसे में टैक्सी, ई-रिक्शा, ऑटो, टेम्पो के चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन जरूर कराएं.'

यह भी पढ़ें : डिजिटल इंडिया अभियान में सबकुछ ऑनलाइन, वाटर टैक्स जमा करने में जलकल ऑफलाइन

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 'सेफ सिटी परियोजना' की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि 'व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, चौक-चौराहों, सरकारी व निजी अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाए जाएं. आमजन, व्यापारियों, संस्थान संचालकों को जागरूक कर उन्हें क्राइम कंट्रोल में सीसीटीवी के महत्व को बताया जाए और कैमरे लगाने के लिए प्रेरित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि 'लोग अपनी सुविधानुसार अपने सीसीटीवी फुटेज का डेटा अपने पास ही सुरक्षित रख सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जरूरत पड़ने पर फुटेज केवल पुलिस को ही उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा जहां आवश्यकता हो, वहां नगर निगम, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट या स्थानीय प्रशासन व पुलिस की तरफ से सीसीटीवी लगाए जाएंगे.' मुख्यमंत्री ने अगले एक सप्ताह के अंदर सभी पुलिस थानों को सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश जारी किए गए हैं.




मुख्यमंत्री ने कहा कि 'महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन सुनिश्चित करने के संकल्प की पूर्ति में "सेफ सिटी परियोजना" उपयोगी सिद्ध हो रही है. उत्तर प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के तहत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में मदद मिली है. अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए पहले चरण में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को 'सेफ सिटी' के रूप में विकसित किया जाना है, जबकि दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाए. ऐसे सभी नगरों के प्रवेश द्वार पर 'सेफ सिटी' का बोर्ड लगाकर इसकी विशिष्ट ब्रांडिंग भी की जानी चाहिए. उत्तर प्रदेश सर्वाधिक सेफ सिटी वाला देश पहला राज्य हो सकेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में सेफ सिटी परियोजना महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित है. इसे विस्तार देते हुए बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगजनों की सुरक्षा से भी जोड़ना चाहिए. सेफ सिटी के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांग जनों के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित व सशक्त वातावरण बनाने की मुहिम को तेजी मिलेगी.'

बैठक में विभिन्न संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव ने सेफ सिटी परियोजना को लेकर अब तक की प्रगति की जानकारी भी दी. मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि 'अब तक आगरा, अलीगढ़, बरेली, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर व वाराणसी स्मार्ट सिटी में पुलिस ने 9396 स्थानों को सीसीटीवी लगाए जाने के लिए चिन्हित किया है, इसमें से अब तक 3489 जगहों पर कैमरे लगाए जा चुके हैं. अयोध्या, गोरखपुर, फिरोजाबाद, मथुरा-वृंदावन, शाहजहांपुर, मेरठ और गाजियाबाद में चिन्हित 7600 से अधिक जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं.' बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 'सेफ सिटी के लिए सार्वजनिक परिवहन वाले वाहन के चालकों का सत्यापन आवश्यक है. ऐसे में टैक्सी, ई-रिक्शा, ऑटो, टेम्पो के चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन जरूर कराएं.'

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