लखनऊ: नगर निकाय चुनाव 2023 में समाजवादी पार्टी अपने सहयोगी गठबंधन वाले दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी. इसमे जहां जो दल मजबूत होगा उसके अनुसार सीटों का बंटवारा किया जाएगा. इस बात की पुष्टि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को की है. उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी का भाजपा से सीधा मुकाबला है.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता को धोखा दिया है. नगरों में कूड़ा भरा पड़ा है. नालियों में गन्दगी है, सफाई नहीं है. सफाई न होने से नगरों में बड़े पैमाने पर डेंगू फैल रहा है, व्यापारी परेशान हैं. नगर निकाय चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी. कहा कि महंगाई, बेरोजगारी चरम सीमा पर है. दवाओं से लेकर खाने पीने की सब चीजों के दाम बढ़ गए हैं. बढ़ी महंगाई के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है.
भाजपा सरकार महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए नए-नए मुद्दे लाती है. एक अप्रैल से दवाइयां महंगी हो गईं. इलाज महंगा हो गया. लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है. अस्पताल में दवाएं नहीं हैं. बेरोजगारी के मामले में भाजपा झूठ बोलती है. यूपी की नकली ग्रोथ रेट दिखाती है. झूठ को सच दिखाने के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च कर अमेरिकी एजेंसी की मदद ली जा रही है.
अखिलेश यादव ने कहा कि ओलावृष्टि से किसानों की फसल तबाह हो गई, किसान बर्बाद हो गया. भाजपा ने फसल बीमा का प्रचार किया था लेकिन आज किसानों को कुछ नहीं मिल रहा है. भाजपा ने बीमा कम्पनियों का मुनाफा कराया लेकिन किसान की मदद नहीं हुई. आलू किसान बर्बाद हो गया. किसान को लागत भी नहीं मिल पा रही है. भाजपा सरकार किसानों की दुश्मन है. महंगाई बढ़ रही है, नौजवानों को बेरोजगार बना रही है.
उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ बड़े उद्योगपतियों और कारोबारियों की मदद करती है किसानों, नौजवानों की मदद नहीं करती. भाजपा ने अपने एक उद्योगपति मित्र को सरकारी संस्थाओं से पैसा दिलवाकर दुनिया में नम्बर दो बनाया था. लेकिन, एक रिपोर्ट आते ही उद्योगपति की पोल खुल गई और उसकी कम्पनियां डूबने लगीं. कम्पनी में लगाया गया सरकारी संस्थाओं का पैसा डूब रहा है. भाजपा सरकार जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा कि भाजपा सबसे बड़ी भ्रष्टाचारी पार्टी है. भाजपा ने पुलिस और अधिकारियों को भ्रष्टाचार की खुली छूट दे रखी है. भ्रष्टाचार से सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों की आय दोगुनी हो गयी है. किसान और आम जनता की आय घटती जा रही है. सरकार के पास गेहूं खरीद की कोई तैयारी नहीं है. न बोरा है और न अन्य इंतजाम. किसानों के धान, आलू की खरीद नहीं हुई, अब गेहूं के साथ भी वही हाल होगा.