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अखिलेश यादव की सहमति से नगर पालिका चुनाव के लिए पर्यवेक्षक घोषित

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति के बाद नगर पालिका परिषद (Municipal Council) व नगर पंचायत के चुनावों की तैयारी के लिए पर्यवेक्षकों के नाम घोषित कर दिए गए हैं.

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अखिलेश यादव की स्वीकृति के बाद चुनावों की तैयारी के लिए पर्यवेक्षकों के नाम घोषित कर दिया गया
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Published : Aug 26, 2022, 10:45 PM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति से प्रदेश के नगर पालिका परिषद (Municipal Council) व नगर पंचायत के चुनावों की तैयारी के लिए विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के निर्वाचित विधायक व विधान सभा प्रत्याशी अपने विधान सभा क्षेत्र में नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत के पर्यवेक्षक के नाम नामित कर दिए गए हैं.

पर्यवेक्षकों द्वारा सीमा विस्तारित उच्चीकृत नवगठित नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत में वार्ड कक्ष का निर्धारण व परिसीमन कार्य को दुरूस्त कराने तथा पिछड़ी जाति की गणना के लिए रैपिड सर्वे के कार्य में हो रही गड़बड़ी को ठीक करायेंगे. इसके अलावा मतदाता सूची में नाम बढ़ाने, नाम कटवाने तथा नाम संशोधन का कार्य पार्टी के हित में करायेंगे. समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव के लिए मोबाइल नंबर 9452692715, 9935962904 जारी किए हैं. इनके जरिए संपर्क किया जा सकता है.

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (SP National President Akhilesh Yadav) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हैं. जनता स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्थाओं की लगातार शिकार हो रही है. मुख्यमंत्री के ताबड़तोड़ आदेशों-निर्देशों और स्वास्थ्य मंत्री जी के बार-बार शर्मिंदा होने के बावजूद हालात सुधर नहीं रहे हैं. ऐसी दुर्व्यवस्था पहले कभी नहीं देखी गई थी. सपा अध्यक्ष ने कहा कि कन्नौज के राजकीय मेडिकल कॉलेज में डिप्टी सीएम के निरीक्षण के दौरान पिता को पीठ पर ले जाकर इलाज के लिए बेटा भटकता रहा. सिद्धार्थनगर के जिला अस्पताल में मरीज को स्ट्रेचर ही नहीं मिल सका. गर्भवती महिलाएं वार्ड तक लगभग 100 मीटर पैदल चलने के लिए मजबूर हैं. भाजपा राज में हालत यह है कि गोंड़ा के जिला अस्पताल में बीमार को स्ट्रेचर न मिलने से बुजुर्ग की जान चला गई. बेटे ने गोद में दम तोड़ दिया. मृत्यु के बाद लोगों को शव वाहन भी नहीं मिल रहा है.

यह भी पढ़ें- नितिन अग्रवाल बोले, अखिलेश यादव सपने से बाहर आएं नहीं तो होगा पतन
उन्होंने कहा कि सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज का सपना उत्तर प्रदेश में सपना ही रह गया है. सरकारी अस्पतालों में बेड-वेंटिलेटर का खेल चल रहा है. मरीज हलकान होकर इधर से उधर भटकते रहते हैं. भाजपा सरकार की संवेदना जागती नहीं है. गरीब सड़क पर मरने को विवश हैं. मुख्यमंत्री जी के सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें-डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले, सपा गुंडों और मवालियों की पार्टी

लखनऊः समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति से प्रदेश के नगर पालिका परिषद (Municipal Council) व नगर पंचायत के चुनावों की तैयारी के लिए विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के निर्वाचित विधायक व विधान सभा प्रत्याशी अपने विधान सभा क्षेत्र में नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत के पर्यवेक्षक के नाम नामित कर दिए गए हैं.

पर्यवेक्षकों द्वारा सीमा विस्तारित उच्चीकृत नवगठित नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत में वार्ड कक्ष का निर्धारण व परिसीमन कार्य को दुरूस्त कराने तथा पिछड़ी जाति की गणना के लिए रैपिड सर्वे के कार्य में हो रही गड़बड़ी को ठीक करायेंगे. इसके अलावा मतदाता सूची में नाम बढ़ाने, नाम कटवाने तथा नाम संशोधन का कार्य पार्टी के हित में करायेंगे. समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव के लिए मोबाइल नंबर 9452692715, 9935962904 जारी किए हैं. इनके जरिए संपर्क किया जा सकता है.

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (SP National President Akhilesh Yadav) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हैं. जनता स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्थाओं की लगातार शिकार हो रही है. मुख्यमंत्री के ताबड़तोड़ आदेशों-निर्देशों और स्वास्थ्य मंत्री जी के बार-बार शर्मिंदा होने के बावजूद हालात सुधर नहीं रहे हैं. ऐसी दुर्व्यवस्था पहले कभी नहीं देखी गई थी. सपा अध्यक्ष ने कहा कि कन्नौज के राजकीय मेडिकल कॉलेज में डिप्टी सीएम के निरीक्षण के दौरान पिता को पीठ पर ले जाकर इलाज के लिए बेटा भटकता रहा. सिद्धार्थनगर के जिला अस्पताल में मरीज को स्ट्रेचर ही नहीं मिल सका. गर्भवती महिलाएं वार्ड तक लगभग 100 मीटर पैदल चलने के लिए मजबूर हैं. भाजपा राज में हालत यह है कि गोंड़ा के जिला अस्पताल में बीमार को स्ट्रेचर न मिलने से बुजुर्ग की जान चला गई. बेटे ने गोद में दम तोड़ दिया. मृत्यु के बाद लोगों को शव वाहन भी नहीं मिल रहा है.

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उन्होंने कहा कि सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज का सपना उत्तर प्रदेश में सपना ही रह गया है. सरकारी अस्पतालों में बेड-वेंटिलेटर का खेल चल रहा है. मरीज हलकान होकर इधर से उधर भटकते रहते हैं. भाजपा सरकार की संवेदना जागती नहीं है. गरीब सड़क पर मरने को विवश हैं. मुख्यमंत्री जी के सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं.

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