लखनऊ: मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में एसजीपीजीआई की गवर्निंग बॉडी की 92वीं बैठक में एडवांस्ड डायबिटीज सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. यह सेंटर डिपार्टमेंट ऑफ इंडोक्रिनोलॉजी के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा. इस सेंटर में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों का उच्चस्तरीय इलाज किया जाएगा. यह सेंटर अत्याधुनिक सुविधाओं एवं प्रशिक्षित मैन पावर से लैस होगा. इसके अलावा इस सेंटर में पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
सेंटर में उच्च स्तरीय इलाज की सभी सुविधाएं होंगी
मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने कहा कि देश एवं विदेश में स्थापित अच्छे केंद्रों को भी स्टडी कर लिया जाए. बेहतर प्रैक्टिसेज को एडॉप्ट किया जाए. उन्होंने कहा कि इस सेंटर में उच्च स्तरीय इलाज की सभी सुविधाएं हों और सेंटर सभी आधुनिक इक्विपमेंट से लैस हो. सेंटर में तैनात चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ अच्छे से प्रशिक्षित होने चाहिए. मुख्य सचिव ने उक्त सेंटर की स्थापना के लिए शीघ्र विस्तृत डीपीआर तैयार कराने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि डीपीआर में भवन, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ आदि जरूरी चीजों का समावेश हो.
एम्स के अनुसार हो व्यवस्था
मुख्य सचिव ने कहा कि मैन पावर आउटसोर्सिंग करने के स्थान पर सर्विसेज को आउट सोर्स किया जाए. जेम पोर्टल के माध्यम से सर्विसेज ली जाएं. नान फैकल्टी ऑफिसर्स एवं कर्मचारियों के कैडर रिस्ट्रक्चरिंग में उन्होंने एम्स के नार्म्स व वित्त विभाग की गाइडलाइन के अनुसार प्रस्ताव तैयार करने को कहा है.
एम्स के मानक पर होगा चयन
फैकल्टी मेंबर्स के प्रमोशन एवं चीफ लाइब्रेरियन के पद पर चयन के संबंध में एम्स के मानक को प्राप्त करने का निर्णय लिया गया है. इससे पूर्व एसजीपीजीआई के निदेशक ने एजेंडा के बिंदुवार आख्या प्रस्तुत की. इस पर उपस्थित सदस्यों ने गहन चर्चा की. बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आलोक कुमार, पीजीआई के निदेशक आरके धीमान समेत समिति के सदस्य उपस्थित थे.