लखनऊ: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच (एडीआर) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के बाद 403 में से 393 नवनिर्वाचित विधायकों के चुनाव खर्च के विवरण का विश्लेषण रिपोर्ट जारी की है. इन विधायकों ने चुनावों में खर्च की गई औसत राशि 18.88 लाख है, जो खर्च सीमा का 47 प्रतिशत है. यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 10 विधायकों के चुनाव खर्च के शपथपत्र स्पष्ट न होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं किया है.
एडीआर यूपी इलेक्शन वाच के राज्य संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने जारी रिपोर्ट में कहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान विधायकों के लिए चुनाव खर्च की सीमा 40 लाख रुपये थी. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 78 के अनुसार चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव के परिणाम की घोषणा की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपने चुनाव खर्चों की एक प्रतिलिपि सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करनी होती है. इन चुनाव खर्च दस्तावेजों में सार्वजनिक बैठकों और जुलूसों, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार करना, कार्यकताओं के अभियान पर खर्च, वाहनों का खर्च और अभियान सामग्री पर होने वाले खर्च का विवरण भी शामिल है.
222 विधायकों ने 50 फीसद से कम खर्च किया
यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 393 में से 222 (56 प्रतिशत) विधयाकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव खर्च सीमा से 50 प्रतिशत से कम चुनाव खर्च घोषित किया है. वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा के 393 विधायकों के चुनाव खर्च घोषणाओं के आधार पर, चुनावों में उनके द्वारा खर्च की गई औसत राशि 18.88 लाख है, जो खर्च सीमा का 47 प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी के 274 विधायकों का औसतन खर्च 21.08 लाख (चुनाव खर्च सीमा का 52.7 प्रतिशत) है. सामाजवादी पार्टी के 109 विधायकों का औसत चुनाव खर्च 14.88 लाख (चुनाव खर्च सीमा का 37.2 प्रतिशत) है. काग्रेंस के 2 विधायकों का औसत चुनाव खर्च रू 22.66 लाख (चुनाव खर्च सीमा का 56.7 प्रतिशत) है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी के 1 विधायक का चुनाव खर्च रू 9.43 लाख (चुनाव खर्च सीमा का 23.6 प्रतिशत) है.
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3 विधायकों ने 90 फीसद खर्च कियाः चुनाव में अधिकतम खर्च घोषित करने वाले शीर्ष 3 विधायकों में अपना दल (सोनेलाल) के जय कुमार सिंह है, जो जनपद फतेहपुर के बिन्दकी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. इन्होंने कुल चुनाव खर्च का 90 प्रतिशत पैसा चुनाव में खर्च किया है. दूसरे स्थान पर जौनपुर के शाहगंज निर्वाचन क्षेत्र के रमेश हैं, जिन्होंने ने भी 90 प्रतिशत पैसा चुनाव में खर्च किया है. वहीं तीसरे स्थान पर चन्दौली के सैयदराजा निर्वाचन क्षेत्र के सुशील सिंह है, जिन्होंने 89 प्रतिशत कुल खर्च सीमा का किया है.
319 विधायकों ने स्टार प्रचारकों, सार्वजनिक बैठकों और जुलूसों पर धन खर्च किया
यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 393 में से 319 (81 प्रतिशत) विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने स्टार प्रचारकों के साथ सार्वजनिक बैठकों, जुलूसों आदि पर धन खर्च किया है. 74 (19 प्रतिशत) विधायकों ने घोषण की है कि स्टार प्रचारकों के साथ सार्वजनिक बैठकों, जुलूसों आदि पर कोई धन खर्च नहीं किया है. 374 (88 प्रतिशत) विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने स्टार प्रचारकों के बिना सार्वजनिक बैठकों, जुलूसों आदि पर धन खर्च किया है और 46 (12 प्रतिशत) विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने स्टार प्रचारकों के बिना सार्वजनिक बैठकों, जुलूसों आदि पर कोई धन खर्च नहीं किया है. 254 (65 प्रतिशत) विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने इलेक्टॉनिक, प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार पर धन खर्च किया है. 139 (35 प्रतिशत) विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने इलेक्ट्रानिक प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार पर कोई धन खर्च नहीं किया. यूपी इलेक्शन वॉच के मुख्य संयोजक संजय सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में चुनकर आये माननीय विधायकों ने अपनी निधार्रित खर्च सीमा से 47 प्रतिशत खर्च करके चुनाव जीत लिया है.