लखनऊ: आजकल एक्टर्स वेब सीरीज में काम करने के मौके तलाशने लगे हैं. बड़े से बड़े कलाकार भी वेब सीरीज में काम कर रहे हैं. हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज द रेड लैंड में नजर आए टीवी एक्टर शालीन भनोट प्रमोशन के सिलसिले में लखनऊ आए थे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत की.
शालीन लखनऊ के बारे में कहते हैं कि मैं यहां जब से आया हूं मुझे तभी से इस शहर से प्यार हो गया है. इस शहर के बारे में जितना सुना है उससे भी ज्यादा खूबसूरत यह नजर आ रहा है. यहां आकर मैंने यह प्लान भी कर लिया है कि यहां मैं खाने-पीने की चीजों की लिस्ट चेक करूंगा. साथ ही अपनी मां के लिए शॉपिंग भी करूंगा.
आगे शालीन बताते हैं कि टीवी धारावाहिक से निकलकर एक वेब सीरीज के लिए शूटिंग करना मेरे लिए यादगार अनुभव रहा. ये मेरी पहली वेब सीरीज है, जिसमें में लीड एक्टर के तौर पर नजर आ रहा हूं. मेरे लिए यह एक बड़ी बात है और इसकी शूटिंग के दौरान बिताए लम्हे मेरे लिए हमेशा खास रहेंगे.
शालीन कहते हैं कि धारावाहिक में काम करने और वेब सीरीज में काम करने का तरीका बिल्कुल अलग है. धारावाहिक लगातार चलते रहते हैं और उसके हिसाब से उसकी स्क्रिप्ट भी बदलती रहती है. वहीं वेब सीरीज की बात की जाए तो हमें पहले से पता होता है कि हमारा पहला और आखिरी सीन क्या होगा. इसलिए हमारे दिमाग में वह ग्राफ बना रहता है कि हमें पहले दिन से आखिरी दिन तक क्या शूट करना है. इसे शूट करते हुए थोड़ा सा एक्सपीरियंस नया और मजेदार रहा.
द रेड लैंड पॉलिटिकल बैकग्राउंड पर आधारित वेब सीरीज है इसकी. शूटिंग बनारस में की गई है. आगे शालीन कहते हैं कि आउटडोर शूटिंग करना मेरे लिए काफी रोमांचित कर देने वाला था. मैंने इससे पहले कभी पॉलिटिकल बेस्ड सीरियल या सीरीज में काम नहीं किया है. इसलिए मुझे यह काफी एडवेंचरस लग रहा था. इसके अलावा मुझे इस वेब सीरीज में यूपी की पॉलिटिक्स भी देखने को मिली.
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अपने करेंट प्रोजेक्ट के बारे में शालीन ने बताया कि वह नागिन के चौथे सीजन में नजर आ रहे हैं. इसके अलावा राम सिया के लव कुश में वह रावण का किरदार भी निभा रहे हैं. एक्टिंग में ग्रे शेड निभाने के सवाल पर शालीन कहते हैं कि हर आदमी के दो किरदार होते हैं. किसी को वह सकारात्मक नजर आता है और किसी को नकारात्मक. मुझे भी अलग-अलग तरह के किरदार मिले हैं. वह पॉजिटिव भी रहे हैं और नेगेटिव भी. जब भी मेरे पास कोई किरदार आता है तो मैं उसके बारे में एक क्राफ्ट बनाता हूं और उसके बाद मेरे डायरेक्टर तय करते हैं कि इस किरदार का प्रारूप क्या होना है. ऐसे में मुझे लगता है कि चाहे पॉजिटिव, नेगेटिव हो या फिर ग्रे शेड, मुझे बस एक्टिंग करनी है और यह मेरे लिए महत्वपूर्ण है.