लखनऊः कांग्रेस के अभय कांग्रेस संगठन का मकसद पांच प्रमुख कसौटियों पर खरा उतरना होगा. इनमें त्याग, करुणा, क्षमता, नीति और समाज की आखिरी उम्मीद शामिल है. प्रत्येक कांग्रेसजन को समाज की नैतिक जिम्मेदारी उठाने के लिए अपने आप को नैतिक आधार पर भी परिपक्व करना होगा.
प्रियंका गांधी का मानना है कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही संवेदनशील, सकारात्मक और रचनात्मक दिशा में समाज के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है. नफरत और बंटवारे की जो राजनीति पिछले तीन दशकों से उत्तर प्रदेश में गैर कांग्रेसी दलों की हावी रही. जिससे प्रदेश का सांस्कृतिक विकास और प्रदेश की राजनीति का भी मूल चरित्र विकृत हुआ है.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव का कहना है कि प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से कांग्रेसियों को राजनैतिक रूप से परिपक्व करने के साथ ही उसे अब ‘अभय कांग्रेसी’ के तौर पर नैतिक रूप से भी सशक्त करना होगा. ऐसा करके ही आरएसएस, भाजपा, सपा और बसपा जैसी विघटनकारी सोच, नफरत और बंटवारे की राजनीति की दमदार काट निकल सकेगी. उत्तर प्रदेश कांग्रेस संगठन को अब ‘अभय कांग्रेस संगठन’ और प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता को ‘अभय कांग्रेस के मजबूत सिपाही’ के तौर पर समाज में नई उर्जा और दिशा देने के लिए तैयार करना होगा.
प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि प्रियंका गांधी प्रशिक्षण शिविर में शामिल हो रहे एक-एक कार्यकर्ता का प्रपत्रों सहित भौतिक सत्यापन करवाने के साथ अपने कम्प्यूटर में उसका डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करवा रही हैं. वे चाहती हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ता समाज के हर जुल्म और ज्यादती के खिलाफ खड़े होने वाला सशक्त अभय कार्यकर्ता होना चाहिए. उसका मकसद केवल राजनीति मात्र सत्ता के लिए न होकर सामाजिक सेवा और जनमानस के प्रति सत्कार की सोच के साथ समाजिक उत्थान की होनी चाहिए. कांग्रेस कार्यकर्ता को वोट की राजनीति करने के साथ ही समाज के दबे कुचले तबके, महिलाओं, बच्चों एवं युवा पीढ़ी के प्रति संवेदनशीलता का भाव रखने वाला होना चाहिए.
प्रियंका गांधी का मकसद आगामी विधानसभा चुनाव से पहले-पहले सांगठनिक और वैचारिक तौर पर मजबूत अभय कांग्रेस खड़ी करनी है, जो आरएसएस और बीजेपी की तानाशाही रणनीति और विघटनकारी कुटिल चालों को मुंहतोड़ जवाब दे सके. कांग्रेसजनों को अपने आचार व्यवहार में और सोच के दायरे में व्यापक स्तर पर सुधार लाते हुए त्याग, करुणा, समता, नीति के साथ ही लोगों के बीच आखिरी उम्मीद के तौर पर जनविश्वास हासिल करने वाले नेता के रूप में अपनी इमेज को उभारना होगा.
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उन्होंने बताया कि कांग्रेस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नैतिक रूप से भी मजबूत करने के लिए कांग्रेस के महापुरुषों का गौरवशाली इतिहास उनके द्वारा निभाये गए सामाजिक दायित्वों उनके जनआंदोलनों के इतिहास का अध्ययन प्रशिक्षक करा रहे हैं.