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हाय रे सरकार! ये कैसी योजना, 5500 बुजुर्गों को नहीं मिली पेंशन - lucknow news

2021-22 के वित्तीय वर्ष में एक भी बार अभी तक वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension) जारी नहीं हुई है. हर माह जिला समाज कल्याण विभाग के द्वारा यह पेंशन जारी की जाती है, लेकिन इस बार बजट की कमी के चलते बुजुर्गों को पेंशन नहीं भेजी जा सकी है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Jun 23, 2021, 7:09 AM IST

लखनऊ: हम सभी जानते हैं कि पेंशन हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है और मुख्य रूप से पेंशन हमारे देश के वृद्ध लोगों को दी जाती है, लेकिन राजधानी लखनऊ में 5,500 बुजुर्ग व्यक्ति इन दिनों वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension) न मिलने के कारण परेशान हैं. सैकड़ों की संख्या में बुजुर्ग रोजाना पेंशन के लिए विकास भवन से लेकर ब्लॉक और तहसील का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन बजट के अभाव में उनकी पेंशन अटकी हुई है. पहले ग्रामीणों की पेंशन सत्यापन न होने के कारण अटकी हुई थी तो अब बजट की कमी हो गई है.

बता दें कि साल में तीन-तीन महीने की चार किस्तों में बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन दी जाती है. एक बार में 500 रुपये प्रति महीने के हिसाब से 1,500 रुपये की पेंशन मिलती है. इस वित्तीय वर्ष में पहली तिमाही की किस्त इस महीने के अंत तक भेजे जाने की बात जिला समाज कल्याण अधिकारी कह रहे हैं.

बजट के अभाव में अटकी 5,500 बुजुर्गों की पेंशन
राजधानी लखनऊ के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 5,500 बुजुर्गों को जनवरी से पेंशन नहीं मिली है. पेंशन के सहारे गुजारा करने वाले वृद्धजनों को अब मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. वह बैंक से लेकर तहसील और विकास भवन का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. 2021-22 के वित्तीय वर्ष में एक भी बार अभी तक वृद्धावस्था पेंशन जारी नहीं हुई है. हर माह जिला समाज कल्याण विभाग के द्वारा यह पेंशन जारी की जाती है, लेकिन इस बार बजट की कमी के चलते बुजुर्गों को पेंशन नहीं भेजी जा सकी है. जिला समाज कल्याण अधिकारी आकांक्षा दीक्षित ने बताया कि बजट के अभाव के चलते वृद्धावस्था पेंशन जारी नहीं हो सकी है. बजट मिलते ही इस माह के अंत में बुजुर्गों को पेंशन जारी कर दी जाएगी.

जानें क्या है वृद्धावस्था पेंशन योजना
वृद्धावस्था योजना हमारे देश के वरिष्ठ नागरिकों के विकास के लिए है. इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश में रहने वाले बुजुर्गों को प्रति माह 500 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है. योजना के शुभारंभ के पीछे का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों का कल्याण है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बुजुर्गों को पेंशन (Old Age Pension) देने के मामले में सबसे आगे है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में अब तक 51 लाख से अधिक बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ दिया गया है, जो केंद्र सरकार के 43.45 लाख लोगों को जोड़ने के लक्ष्य से करीब सात लाख अधिक है. इस योजना से जुड़ने के बाद बुजुर्गों को 500 रुपये प्रतिमाह मिल रहा है, जिसके चलते किसी जरूरत के लिए उन्हें अब परिवार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत सीधे लाभार्थियों के खाते में रकम भेजी रही है.

इसे भी पढ़ें:- यूपी में कक्षा 9 से 12 के स्कूल खोलने की कवायद, परिजनों से ली जा रही सहमति

उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन व निस्तारण किया जा रहा है, जिसके चलते लाभार्थी तेजी से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. यही कारण है कि सूबे में जहां 2017 के पहले 36 लाख वृद्धावस्था पेंशन धारक थे, वहीं अब 51 लाख बुजर्ग इस योजना का लाभ रहे हैं. बुजुर्गों को पेंशन के लिए सरकार 3 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है. हालांकि वृद्धावस्था पेंशन धारकों की संख्या भले की बढ़ गई है, लेकिन उनको समय से पेंशन नहीं मिल पा रही है, जिससे वह परेशान हैं.

लखनऊ: हम सभी जानते हैं कि पेंशन हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है और मुख्य रूप से पेंशन हमारे देश के वृद्ध लोगों को दी जाती है, लेकिन राजधानी लखनऊ में 5,500 बुजुर्ग व्यक्ति इन दिनों वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension) न मिलने के कारण परेशान हैं. सैकड़ों की संख्या में बुजुर्ग रोजाना पेंशन के लिए विकास भवन से लेकर ब्लॉक और तहसील का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन बजट के अभाव में उनकी पेंशन अटकी हुई है. पहले ग्रामीणों की पेंशन सत्यापन न होने के कारण अटकी हुई थी तो अब बजट की कमी हो गई है.

बता दें कि साल में तीन-तीन महीने की चार किस्तों में बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन दी जाती है. एक बार में 500 रुपये प्रति महीने के हिसाब से 1,500 रुपये की पेंशन मिलती है. इस वित्तीय वर्ष में पहली तिमाही की किस्त इस महीने के अंत तक भेजे जाने की बात जिला समाज कल्याण अधिकारी कह रहे हैं.

बजट के अभाव में अटकी 5,500 बुजुर्गों की पेंशन
राजधानी लखनऊ के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 5,500 बुजुर्गों को जनवरी से पेंशन नहीं मिली है. पेंशन के सहारे गुजारा करने वाले वृद्धजनों को अब मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. वह बैंक से लेकर तहसील और विकास भवन का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. 2021-22 के वित्तीय वर्ष में एक भी बार अभी तक वृद्धावस्था पेंशन जारी नहीं हुई है. हर माह जिला समाज कल्याण विभाग के द्वारा यह पेंशन जारी की जाती है, लेकिन इस बार बजट की कमी के चलते बुजुर्गों को पेंशन नहीं भेजी जा सकी है. जिला समाज कल्याण अधिकारी आकांक्षा दीक्षित ने बताया कि बजट के अभाव के चलते वृद्धावस्था पेंशन जारी नहीं हो सकी है. बजट मिलते ही इस माह के अंत में बुजुर्गों को पेंशन जारी कर दी जाएगी.

जानें क्या है वृद्धावस्था पेंशन योजना
वृद्धावस्था योजना हमारे देश के वरिष्ठ नागरिकों के विकास के लिए है. इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश में रहने वाले बुजुर्गों को प्रति माह 500 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है. योजना के शुभारंभ के पीछे का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों का कल्याण है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बुजुर्गों को पेंशन (Old Age Pension) देने के मामले में सबसे आगे है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में अब तक 51 लाख से अधिक बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ दिया गया है, जो केंद्र सरकार के 43.45 लाख लोगों को जोड़ने के लक्ष्य से करीब सात लाख अधिक है. इस योजना से जुड़ने के बाद बुजुर्गों को 500 रुपये प्रतिमाह मिल रहा है, जिसके चलते किसी जरूरत के लिए उन्हें अब परिवार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत सीधे लाभार्थियों के खाते में रकम भेजी रही है.

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उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन व निस्तारण किया जा रहा है, जिसके चलते लाभार्थी तेजी से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. यही कारण है कि सूबे में जहां 2017 के पहले 36 लाख वृद्धावस्था पेंशन धारक थे, वहीं अब 51 लाख बुजर्ग इस योजना का लाभ रहे हैं. बुजुर्गों को पेंशन के लिए सरकार 3 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है. हालांकि वृद्धावस्था पेंशन धारकों की संख्या भले की बढ़ गई है, लेकिन उनको समय से पेंशन नहीं मिल पा रही है, जिससे वह परेशान हैं.

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