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कोरोना से जंग जीते लोगों पर अब 'सीएमवी' का हमला - lucknow health department

कोरोना से ठीक हुए मरीजों के लिए परेशानी बढ़ गई है. कोविड को मात देकर अस्पताल से लौटे मरीजों पर दूसरे वायरस हमला बोल रहे हैं. खासकर साइटोमगेलो वायरस (सीएमवी) आक्रामक रूप ले रहा है. डॉक्टर्स का कहना है कि इम्युनिटी कमजोर होने के चलते वायरस को हमला करने का मौका मिल गया.

कोरोना के बाद सीएमवी का हमला
कोरोना के बाद सीएमवी का हमला
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Published : Jul 16, 2021, 3:35 PM IST

लखनऊ : कोरोना संक्रमण के मामले थोड़े कम जरूर हुए हैं, लेकिन इससे होने वाले प्रभाव चिंता बढ़ा रहे हैं. कोरोना ने पहले ही मरीजों की इम्युनिटी को कमजोर कर रखा है. ऐसे में कोविड को मात देकर अस्पताल से लौटे मरीजों पर दूसरे वायरस हमला बोल रहे हैं. खासकर साइटोमगेलो वायरस (सीएमवी) आक्रामक रूप ले रहा है.

दिल्ली के बाद इस बीमारी ने यूपी में भी दस्तक दे दी है. वहीं वायरस की वजह से गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर भी संकट मंडरा रहा है. कोरोना की जंग जीत चुके लोग कई बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं. एक तरफ जहां ब्लैक फंगस, येलो फंगस, व्हाइट फंगस जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सीएमवी वायरल इंफेक्शन का कहर भी शुरू हो गया है. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हाल में ही पांच मरीजों में सीएमवी की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद अब यूपी के पोस्ट कोविड मरीजों में भी इस वायरस की पुष्टि होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

कोरोना के बाद सीएमवी का हमला

क्या है यह साइटोमेगलो वायरस

साइटोमेगालो वायरस एक सामान्य तरह का हर्पीज वायरस होता है. आमतौर पर इसके लक्षण दिखाई नहीं देते. यह वायरस खून, लार, मूत्र आदि द्रव्यों से भी हो सकता है. इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति में बुखार, पसीना, थकान, असहजता, गले में खराश, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, भूख कम लगना व वजन घटने जैसे आभास हो सकते हैं. खासकर गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के स्वास्थ्य पर यह भारी पड़ जाता है. ऐसे में पोस्ट कोविड मरीजों को यह अपना शिकार बना रहा है.

केजीएमयू में ओपीडी में आने वाले पोस्ट कोविड के मरीजों में बीमारी की आशंका होते ही माइक्रोबायोलॉजी लैब में सैम्पल भेजे गए. 50 मरीजों में सीएमवी की पुष्टि हुई. माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. सुरुचि शुक्ला के मुताबिक क्वीनमेरी में इलाज के लिए आई गर्भवती की भी टॉर्च स्क्रीनिंग की गई. इनमें वायरल इन्फेक्शन की जांच के लिए सैंपल लैब आये. इसमें 40 गर्भवती महिलाओं में भी सीएमवी की पुष्टि हुई. यह गर्भवती पोस्ट कोविड हैं. यानी इन्हें कोरोना होकर ठीक हो चुका है. यह वायरस आमतौर पर उन मरीजों में देखा जाता है जो कि HIV से ग्रसित हों, कैंसर संबंधित सर्जरी हुई हो. यानि जिन लोगों की इम्युनिटी वीक होती है उन लोगों पर इस वायरस को हमला करने का मौका मिल जाता है.

इसे भी पढ़ें-पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में 35 जवान कोरोना संक्रमित, कलेक्टर के आदेश पर सील


डॉ. सुरुचि शुक्ला के मुताबिक सीएमवी इंफेक्शन से व्यक्ति के लिवर, आंत में दिक्कत आ जाती है. उसमें सूजन बढ़ने लगती है. इसके बाद अन्य बीमारियां भी हावी हो जाती है. वहीं अगर यह वायरस गर्भवती महिला में है तो मां से बच्चे में भी जा सकता है. उसमें जन्मजात बीमारी का खतरा हो सकता है. गर्भस्थ शिशु पर होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर स्टडी की जा रही है.

लखनऊ : कोरोना संक्रमण के मामले थोड़े कम जरूर हुए हैं, लेकिन इससे होने वाले प्रभाव चिंता बढ़ा रहे हैं. कोरोना ने पहले ही मरीजों की इम्युनिटी को कमजोर कर रखा है. ऐसे में कोविड को मात देकर अस्पताल से लौटे मरीजों पर दूसरे वायरस हमला बोल रहे हैं. खासकर साइटोमगेलो वायरस (सीएमवी) आक्रामक रूप ले रहा है.

दिल्ली के बाद इस बीमारी ने यूपी में भी दस्तक दे दी है. वहीं वायरस की वजह से गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर भी संकट मंडरा रहा है. कोरोना की जंग जीत चुके लोग कई बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं. एक तरफ जहां ब्लैक फंगस, येलो फंगस, व्हाइट फंगस जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सीएमवी वायरल इंफेक्शन का कहर भी शुरू हो गया है. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हाल में ही पांच मरीजों में सीएमवी की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद अब यूपी के पोस्ट कोविड मरीजों में भी इस वायरस की पुष्टि होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

कोरोना के बाद सीएमवी का हमला

क्या है यह साइटोमेगलो वायरस

साइटोमेगालो वायरस एक सामान्य तरह का हर्पीज वायरस होता है. आमतौर पर इसके लक्षण दिखाई नहीं देते. यह वायरस खून, लार, मूत्र आदि द्रव्यों से भी हो सकता है. इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति में बुखार, पसीना, थकान, असहजता, गले में खराश, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, भूख कम लगना व वजन घटने जैसे आभास हो सकते हैं. खासकर गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के स्वास्थ्य पर यह भारी पड़ जाता है. ऐसे में पोस्ट कोविड मरीजों को यह अपना शिकार बना रहा है.

केजीएमयू में ओपीडी में आने वाले पोस्ट कोविड के मरीजों में बीमारी की आशंका होते ही माइक्रोबायोलॉजी लैब में सैम्पल भेजे गए. 50 मरीजों में सीएमवी की पुष्टि हुई. माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. सुरुचि शुक्ला के मुताबिक क्वीनमेरी में इलाज के लिए आई गर्भवती की भी टॉर्च स्क्रीनिंग की गई. इनमें वायरल इन्फेक्शन की जांच के लिए सैंपल लैब आये. इसमें 40 गर्भवती महिलाओं में भी सीएमवी की पुष्टि हुई. यह गर्भवती पोस्ट कोविड हैं. यानी इन्हें कोरोना होकर ठीक हो चुका है. यह वायरस आमतौर पर उन मरीजों में देखा जाता है जो कि HIV से ग्रसित हों, कैंसर संबंधित सर्जरी हुई हो. यानि जिन लोगों की इम्युनिटी वीक होती है उन लोगों पर इस वायरस को हमला करने का मौका मिल जाता है.

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डॉ. सुरुचि शुक्ला के मुताबिक सीएमवी इंफेक्शन से व्यक्ति के लिवर, आंत में दिक्कत आ जाती है. उसमें सूजन बढ़ने लगती है. इसके बाद अन्य बीमारियां भी हावी हो जाती है. वहीं अगर यह वायरस गर्भवती महिला में है तो मां से बच्चे में भी जा सकता है. उसमें जन्मजात बीमारी का खतरा हो सकता है. गर्भस्थ शिशु पर होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर स्टडी की जा रही है.

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