लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि 'प्रदेश को आगामी पांच वर्षाें में ट्रिलियन डालर इकोनॉमी बनाये जाने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है. पशुपालकों की आय दोगुनी करने के संकल्प को गति मिली है. पशुधन मंत्री ने कहा कि विभाग की तरफ से वर्तमान वित्तीय वर्ष में लघु पशु योजनान्तर्गत पांच नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं. पशुधन मंत्री ने बताया कि 'प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिये गये हैं कि चारागाह की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए भूमि पर मनरेगा एवं अन्य सीएसआर मद का उपयोग करते हुए बहुवर्षीय हरा चारा (नैपियर घास आदि) का उत्पादन किया जाए. इसके लिए 11 जुलाई से 25 अगस्त तक 45 दिन का विशेष अभियान प्रारम्भ किया गया है.'
उन्होंने बताया कि 'बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से नस्ल सुधार की योजना है. इसके अलावा इटावा में स्थापित भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण केन्द्र को संचालित करते हुए प्रशिक्षण प्रदान किये जाने की योजना है. भेड़ और बकरी पालन की उपर्युक्त योजनाओं के संचालन से घुमंतु जातियों और चरवाहों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे. लाइव स्टाक मिशन के अन्तर्गत बकरी पालन, सुकर पालन की 19 परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं. कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि नस्ल सुधार के अन्तर्गत सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्रों पर 11 सीमन वितरण केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं, जहां से पशुपालकों को उन्नति नस्ल का सीमेन प्राप्त हो सकेगा. कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि पशुधन उत्थान वर्ण संकर केन्द्र, बरेली का संचालन प्रारम्भ कर दिया गया है. रहमानखेड़ा में 44 करोड़ रुपए की लागत से सेक्स सॉर्टेड सीमेन लैब की स्थापना की जा रही है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजनान्तर्गत नस्ल सवंर्धन के लिए 4 करोड़ रुपए प्रति परियोजना की दर से चार परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं, जिनमें 50 प्रतिशत की दर प्रति परियोजना रुपये दो करोड़ का अनुदान निहित है. उन्होंने बताया कि भेड़ पालन को बढ़ावा दिये जाने के लिए भेड़ बहुल क्षेत्रों में 20 भेड़ों और एक भेड़ की 1.70 लाख रुपए की योजना संचालित की जा रही है, जिसमें लाभार्थी का अंश मात्र 10 प्रतिशत है.'
पशुधन मंत्री ने बताया कि 'प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिये गये हैं कि चारागाह की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए भूमि पर मनरेगा एवं अन्य सीएसआर मद का उपयोग करते हुए बहुवर्षीय हरा चारा (नैपियर घास आदि) का उत्पादन किया जाए. इसके लिए 11 जुलाई से 25 अगस्त तक 45 दिन का विशेष अभियान प्रारम्भ किया गया है. उन्होंने सभी गोशालाओं में वृक्षारोपण करने की अपील भी की. बताया कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में विभाग की तरफ से 520 मोबाइल वेटनरी यूनिट का संचालन किया जा रहा है. योजनान्तर्गत पांच पैकेजों के पांच काल सेंटरों के माध्यम से टोल फ्री नंबर 1962 पर पशुपालकों के द्वार पर 29558 पशुओं को आकस्मिक पशु चिकित्सा सेवायें और 57928 पशुओं को टेलीमेडिसिन से पशु चिकित्सा सेवायें प्रदान करते हुए कुल 42116 पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है. निर्धारित रूटों पर चलने वाली मोबाइल वेटनरी यूनिटों द्वारा कुल 56800 ग्राम सभाओं को आच्छादित करते हुए 43814 शिविरों का आयोजन कर कुल 218259 पशुओं का उपचार किया गया है.' उन्होंने बताया कि 'अन्तरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी राहुल चौधरी को गोवंश सवंर्धन व डेयरी विकास का ब्रांड एम्बेसडर नामित किया गया है. अपील की जाएगी कि पशुपालक गोवंश को छुट्टा न छोड़ा जाए, जिससे निराश्रित गोवंश की संख्या में कमी आएगी.'
मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि 'प्रदेश को नन्द बाबा दुग्ध मिशन के द्वारा दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाये रखने के लिए गांवों में दुग्ध सहकारी समितियों की तरफ से दुग्ध उत्पादकों को उनके गांवों में ही दूध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के दुग्ध उत्पाद को बढ़ाने के लिए 220 दुग्ध समितियों के गठन और 450 दुग्ध समितियों के पुनर्गठन के लक्ष्य के सापेक्ष 220 समितियों का गठन एवं 100 समितियों का पुनर्गठन किया जा चुका है.'