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राजधानी के अस्पतालों में बढ़े 30 फीसदी दमा के मरीज

लखनऊ के अस्पतालों में इस समय इमरजेंसी और ओपीडी में सांस की समस्या के मरीज ही ज्यादा आ रहे हैं. ज्यादातर ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें अस्थमा है. अस्थमा के मरीजों को इस समय इसलिए भी दिक्कत हो रही है क्योंकि इस समय मौसम ठंडा है और प्रदूषण भी काफी है. ऐसे में अस्थमा के मरीज जब भी बाहर निकलते हैं तो उन्हें सांस लेने में समस्या होना लाजिमी है.

दमा के मरीज
दमा के मरीज
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Published : Dec 29, 2021, 6:02 PM IST

लखनऊ: इन दिनों राजधानी लखनऊ की हवा बेहद खराब है. जिसके चलते धुंध छाई रहती है, इससे सांस के मरीजों को दिक्कत हो रही है. बुधवार को सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में सांस की तकलीफ के करीब 30 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं. शहर में प्रदूषण स्तर भी काफी ज्यादा बढ़ा है और साथ ही बीते 2 दिनों से लगातार रिमझिम बारिश भी हो रही है. इन दोनों के कारण ही दमा के मरीजों को खास दिक्कत हो रही है.

सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में मौजूद ईएमओ डॉ. सुनीता सिंह ने बताया कि इस समय इमरजेंसी और ओपीडी में सांस की समस्या के मरीज ही ज्यादा आ रहे हैं. ज्यादातर ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें अस्थमा है. अस्थमा के मरीजों को इस समय इसलिए भी दिक्कत हो रही है क्योंकि इस समय मौसम ठंडा है और प्रदूषण भी काफी है. ऐसे में अस्थमा के मरीज जब भी बाहर निकलते हैं तो उन्हें सांस लेने में समस्या होना लाजिमी है.

दमा के मरीज
दमा के मरीज


अस्पताल की ओपीडी में दमा के मरीज बढ़ गए हैं. अस्पतालों की ओपीडी में मेडिसिन, चेस्ट फिजिशियन के कमरों के बाहर सबसे ज्यादा इन मरीजों की कतारे लग रही हैं. इसमें 20 साल से लेकर बुजुर्ग मरीज शामिल हैं. बलरामपुर, सिविल, लोक बधु के अलावा रानी लक्ष्मी बाई व भाऊराव देवरस अस्पताल में बुधवार को तकरीबन 150-300 मरीज सिर्फ सांस की तकलीफ वाले देखे गए.

बलरामपुर अस्पताल में बढानी पड़ी दवा की खुराक

अस्पताल में सामान्य ओपीडी में करीब 100 मरीज आ रहे थे. दिवाली बाद दूसरे दिन ओपीडी में सोमवार को 150 से ज्यादा मरीज देखे गए थे. बुधवार को इससे ज्यादा मरीज आने की संभावना है क्योंकि 12:30 बजे तक ही ओपीडी में दमा के 78 मरीज आ चुके हैं. इनमें हर उम्र के मरीज शमिल हैं. मौसम में तब्दली के साथ धुएं और धुंध से सांस की तकलीफ बढ़ गई है. कुछ दमा के पुराने मरीज थे. जो बीते कई दिनों से दवा नही खा रहे थे. अब उन्हें दिक्कत होने पर फिर से अस्पताल आ रहे हैं. अब दवाओं की खुराक बढ़ायी जा रही है.

सिविल अस्पताल में खांसी और जकड़न के मरीज बढ़े
सांस की तकलीफ बढ़ने पर मरीजों को दवाओं की खुराक बढ़ानी पड़ रही है. यहां भी ओपीडी में 30 से 35 मरीज बढ़े हैं. इनमें करीब 15 से 20 मरीज कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. यह मरीज खांसी और जकड़न की समस्या से परेशान हैं. बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 150 से ज्यादा दमे के मरीज देखे गए हैं.

लोक बंधु अस्पताल में भी बढ़ी समस्या
अचानक से बदलते मौसम में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई हैं. बुधवार को कर्मचारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, लोक बंधु अस्पताल की ओपीडी में 121 मरीजों को देखा गया. इन्हें पटाखों के धुएं और धुंध के बाद से दिक्कत हुई है. अब दवा खाने की नौबत आ गई है. एक्सरे और खून की जांच करानी पड़ रही है. वर्तमान में राजधानी का प्रदूषण स्तर भी काफी बढ़ गया है. जिसके बाद से दमा के मरीजों को खास दिक्कत हो रही है.

कोल्ड और पॉल्यूशन से ऐसे बचें

  • गर्म पानी का सेवन करें.
  • गर्म पानी से नहाएं.
  • बाहरी वातावरण अभी सही नहीं है पॉल्यूशन है उससे बचें. जितना हो सकें कम बाहर जाएं.
  • बाहर पॉल्यूशन में आंख पर चश्मा और मुंह पर मास्क जरूर लगाएं. पॉल्यूशन के कारण ही दमा मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है.
  • दमा के मरीज इन्हेलर अपने पास रखें. सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत इन्हेलर का इस्तेमाल करें.

इसे भी पढ़ें- सर्दियों के मौसम में अस्थमा रोगी दें स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

लखनऊ: इन दिनों राजधानी लखनऊ की हवा बेहद खराब है. जिसके चलते धुंध छाई रहती है, इससे सांस के मरीजों को दिक्कत हो रही है. बुधवार को सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में सांस की तकलीफ के करीब 30 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं. शहर में प्रदूषण स्तर भी काफी ज्यादा बढ़ा है और साथ ही बीते 2 दिनों से लगातार रिमझिम बारिश भी हो रही है. इन दोनों के कारण ही दमा के मरीजों को खास दिक्कत हो रही है.

सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में मौजूद ईएमओ डॉ. सुनीता सिंह ने बताया कि इस समय इमरजेंसी और ओपीडी में सांस की समस्या के मरीज ही ज्यादा आ रहे हैं. ज्यादातर ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें अस्थमा है. अस्थमा के मरीजों को इस समय इसलिए भी दिक्कत हो रही है क्योंकि इस समय मौसम ठंडा है और प्रदूषण भी काफी है. ऐसे में अस्थमा के मरीज जब भी बाहर निकलते हैं तो उन्हें सांस लेने में समस्या होना लाजिमी है.

दमा के मरीज
दमा के मरीज


अस्पताल की ओपीडी में दमा के मरीज बढ़ गए हैं. अस्पतालों की ओपीडी में मेडिसिन, चेस्ट फिजिशियन के कमरों के बाहर सबसे ज्यादा इन मरीजों की कतारे लग रही हैं. इसमें 20 साल से लेकर बुजुर्ग मरीज शामिल हैं. बलरामपुर, सिविल, लोक बधु के अलावा रानी लक्ष्मी बाई व भाऊराव देवरस अस्पताल में बुधवार को तकरीबन 150-300 मरीज सिर्फ सांस की तकलीफ वाले देखे गए.

बलरामपुर अस्पताल में बढानी पड़ी दवा की खुराक

अस्पताल में सामान्य ओपीडी में करीब 100 मरीज आ रहे थे. दिवाली बाद दूसरे दिन ओपीडी में सोमवार को 150 से ज्यादा मरीज देखे गए थे. बुधवार को इससे ज्यादा मरीज आने की संभावना है क्योंकि 12:30 बजे तक ही ओपीडी में दमा के 78 मरीज आ चुके हैं. इनमें हर उम्र के मरीज शमिल हैं. मौसम में तब्दली के साथ धुएं और धुंध से सांस की तकलीफ बढ़ गई है. कुछ दमा के पुराने मरीज थे. जो बीते कई दिनों से दवा नही खा रहे थे. अब उन्हें दिक्कत होने पर फिर से अस्पताल आ रहे हैं. अब दवाओं की खुराक बढ़ायी जा रही है.

सिविल अस्पताल में खांसी और जकड़न के मरीज बढ़े
सांस की तकलीफ बढ़ने पर मरीजों को दवाओं की खुराक बढ़ानी पड़ रही है. यहां भी ओपीडी में 30 से 35 मरीज बढ़े हैं. इनमें करीब 15 से 20 मरीज कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. यह मरीज खांसी और जकड़न की समस्या से परेशान हैं. बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 150 से ज्यादा दमे के मरीज देखे गए हैं.

लोक बंधु अस्पताल में भी बढ़ी समस्या
अचानक से बदलते मौसम में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई हैं. बुधवार को कर्मचारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, लोक बंधु अस्पताल की ओपीडी में 121 मरीजों को देखा गया. इन्हें पटाखों के धुएं और धुंध के बाद से दिक्कत हुई है. अब दवा खाने की नौबत आ गई है. एक्सरे और खून की जांच करानी पड़ रही है. वर्तमान में राजधानी का प्रदूषण स्तर भी काफी बढ़ गया है. जिसके बाद से दमा के मरीजों को खास दिक्कत हो रही है.

कोल्ड और पॉल्यूशन से ऐसे बचें

  • गर्म पानी का सेवन करें.
  • गर्म पानी से नहाएं.
  • बाहरी वातावरण अभी सही नहीं है पॉल्यूशन है उससे बचें. जितना हो सकें कम बाहर जाएं.
  • बाहर पॉल्यूशन में आंख पर चश्मा और मुंह पर मास्क जरूर लगाएं. पॉल्यूशन के कारण ही दमा मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है.
  • दमा के मरीज इन्हेलर अपने पास रखें. सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत इन्हेलर का इस्तेमाल करें.

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