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बड़ी खतरनाक है 'COPD' की बीमारी....विश्व में प्रतिवर्ष 30 लाख व्यक्तियों की हो जाती है मौत - टीबी से अधिक खतरनाक है सीओपीडी की बीमारी

प्रत्येक वर्ष नवंबर माह के तीसरे बुधवार को मनाया है 'WORLD COPD' दिवस. टीबी से सात गुना अधिक सीओपीडी से हो रही लोगों की मौत. लखनऊ स्थित केजीएमयू के डॉक्टरों ने ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(COPD) के बारे में साझा की जानकारी.

केजीएमयू में मनाया गया ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(COPD) दिवस
केजीएमयू में मनाया गया ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(COPD) दिवस
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Published : Nov 16, 2021, 6:01 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 6:10 AM IST

लखनऊ : क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(COPD) स्वस्थ्य जीवन पर भारी पड़ रहा है. श्वशन नलिका से जुड़ी बीमारी नजरअंदाज करने पर जानलेवा बन जाती है. इस समस्या से निपटने के लिए विश्व भर में प्रत्येक वर्ष नवंबर माह के तीसरे बुधवार को वर्ल्ड क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(COPD) दिवस मनाया जाता है. COPD दिवस का उद्देश्य फेफड़े से संबंधित रोगों के बारे में जागरुकता बढ़ाना है. इस वर्ष विश्व COPD दिवस 17 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा.

COPD दिवस के मौके पर लखनऊ स्थित केजीएमयू के डॉक्टरों ने ईटीवी भारत की टीम से महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि दुनिया भर में हर साल 30 लाख व्यक्तियों की मौत सीओपीडी(COPD) के कारण हो रही है.

सीओपीडी दिवस के मौके पर डॉक्टरों ने साझा की जानकारी

सीओपीडी से होने वाली मौत का यहा आंकड़ा टीबी से होने वाली मौत के आंकड़े से साढ़े सात गुना ज्यादा है. डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक, 60 फीसद मरीजों में सीओपीडी स्मोकिंग की वजह से होती है. वहीं 40 फीसद मरीजों में सीओपीडी के दूसरे कारण हैं. सीओपीडी होने का एयर पॉल्यूशन के साथ इंडोर पॉल्यूशन भी जिम्मेदार है. इंडोर पॉल्यूशन में बायोमास फ्यूल, मच्छर मारने की क्वॉयल, डस्ट आदि शामिल हैं.

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सीओपीडी(COPD) के मरीजों को होता है हार्ट अटैक का खतरा

केजीएमयू के डॉ. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक, सीओपीडी से पीड़ित व्यक्ति को बीमारी से मुक्त नहीं किया जा सकता. लेकिन, आधुनिक इलाज से बीमारी के प्रकोप को रोका जा सकता है. इस बीमारी का नए इनहेलर और इनहेलर डिवाइस से इलाज आसान हो गया है. सीओपीडी की बीमारी सिर्फ फेफड़े तक सीमित नहीं रहती है.

इस बीमारी से मांस-पेशियों संबंधी बीमारी भी हो जाती है. खासकर सीओपीडी के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. केजीएमयू के पूर्व चिकित्सक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का कहना है कि विश्व में 35 करोड़ लोग सीओपीडी से पीड़ित हैं. इसमें 5.5 करोड़ भारत के रोगी हैं. यह बीमारी गांव में कम, शहरों में ज्यादा है. इस बीमारी से महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा प्रभावित हैं. इसका प्रमुख कारण धूमपान करना है. इसके अलावा इंडोर व आउटडोर पॉल्युशन भी जिम्मेदार है.


सीओपीडी(COPD) के लक्षण

  • सांस फूलना.
  • खांसी आना.
  • अधिक बलगम आना.
  • सांस आने से सांय-सांय की आवाज आना.

इसे पढ़ें- यूपी के 5 जिलों में मिले कोरोना के 9 मरीज...घर-घर में कोविड की वैक्सीन लगाने पर दिया जा रहा जोर

लखनऊ : क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(COPD) स्वस्थ्य जीवन पर भारी पड़ रहा है. श्वशन नलिका से जुड़ी बीमारी नजरअंदाज करने पर जानलेवा बन जाती है. इस समस्या से निपटने के लिए विश्व भर में प्रत्येक वर्ष नवंबर माह के तीसरे बुधवार को वर्ल्ड क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज(COPD) दिवस मनाया जाता है. COPD दिवस का उद्देश्य फेफड़े से संबंधित रोगों के बारे में जागरुकता बढ़ाना है. इस वर्ष विश्व COPD दिवस 17 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा.

COPD दिवस के मौके पर लखनऊ स्थित केजीएमयू के डॉक्टरों ने ईटीवी भारत की टीम से महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि दुनिया भर में हर साल 30 लाख व्यक्तियों की मौत सीओपीडी(COPD) के कारण हो रही है.

सीओपीडी दिवस के मौके पर डॉक्टरों ने साझा की जानकारी

सीओपीडी से होने वाली मौत का यहा आंकड़ा टीबी से होने वाली मौत के आंकड़े से साढ़े सात गुना ज्यादा है. डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक, 60 फीसद मरीजों में सीओपीडी स्मोकिंग की वजह से होती है. वहीं 40 फीसद मरीजों में सीओपीडी के दूसरे कारण हैं. सीओपीडी होने का एयर पॉल्यूशन के साथ इंडोर पॉल्यूशन भी जिम्मेदार है. इंडोर पॉल्यूशन में बायोमास फ्यूल, मच्छर मारने की क्वॉयल, डस्ट आदि शामिल हैं.

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सीओपीडी(COPD) के मरीजों को होता है हार्ट अटैक का खतरा

केजीएमयू के डॉ. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक, सीओपीडी से पीड़ित व्यक्ति को बीमारी से मुक्त नहीं किया जा सकता. लेकिन, आधुनिक इलाज से बीमारी के प्रकोप को रोका जा सकता है. इस बीमारी का नए इनहेलर और इनहेलर डिवाइस से इलाज आसान हो गया है. सीओपीडी की बीमारी सिर्फ फेफड़े तक सीमित नहीं रहती है.

इस बीमारी से मांस-पेशियों संबंधी बीमारी भी हो जाती है. खासकर सीओपीडी के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. केजीएमयू के पूर्व चिकित्सक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का कहना है कि विश्व में 35 करोड़ लोग सीओपीडी से पीड़ित हैं. इसमें 5.5 करोड़ भारत के रोगी हैं. यह बीमारी गांव में कम, शहरों में ज्यादा है. इस बीमारी से महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा प्रभावित हैं. इसका प्रमुख कारण धूमपान करना है. इसके अलावा इंडोर व आउटडोर पॉल्युशन भी जिम्मेदार है.


सीओपीडी(COPD) के लक्षण

  • सांस फूलना.
  • खांसी आना.
  • अधिक बलगम आना.
  • सांस आने से सांय-सांय की आवाज आना.

इसे पढ़ें- यूपी के 5 जिलों में मिले कोरोना के 9 मरीज...घर-घर में कोविड की वैक्सीन लगाने पर दिया जा रहा जोर

Last Updated : Nov 17, 2021, 6:10 AM IST
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