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यूपी में डेंगू का आतंक, आज मिले 110 मरीज

यूपी में डेंगू का प्रकोप नहीं थम रहा है. गुरुवार को प्रदेश में 110 डेंगू के नए मरीज मिले. वहीं लखनऊ में भी बीमारी नहीं थम रही है, जिले में 26 नए मरीज पाए गए हैं.

यूपी में डेंगू का आतंक
यूपी में डेंगू का आतंक
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Published : Nov 11, 2021, 10:36 PM IST

लखनऊ: यूपी में मच्छरों का आतंक कायम है. प्रदेश में डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. मुख्यालय पर जिलों से मरीजों की रिपोर्ट का आना जारी है. इसमें पुराने मरीजों का भी ब्योरा भेजा गया है. प्रदेश में पिछले 24 घंटे में डेंगी के 110 मरीज मिले.ऐसे में मरीजों की संख्या 22,400 से बढ़कर 24,819 पहुंच गई है. वहीं सिंगल डोनर प्लेटलेट (एसडीपी) किट का संकट छा गया है. केजीएमयू ने प्राइवेट अस्पतालों को एसडीपी देने पर फिलहाल रोक लगा दी.

लखनऊ में 26 नए मरीज मिले
यूपी में फिरोजाबाद और मथुरा में डेंगू कहर बरपा रहा है.वहीं लखनऊ में भी बीमारी आफत बनी हुई है. लखनऊ में गुरुवार को 26 नए केस मिले.इसके अलावा 30 घरों में मच्छरों का लार्वा मिलने पर नोटिस जारी की गई. फैजुल्लागंज में 8 मरीज पाए गए.

डेंगू का स्ट्रेन टू बरपा रहा कहर
इस वर्ष डेंगू का स्ट्रेन-टू कहर बरपा रहा है. यूपी में कुल डेंगू के केस में 90 फीसद में स्ट्रेन-टू मिला. इसका खुलासा आईसीएमआर ने किया। केजीएमयू की आईसीएमआर लैब की प्रभारी डॉ सुरुचि शुक्ला ने कहा कि बुखार को हल्के में न लें। इस समय कोविड, डेंगू व जीका के मामले आ रहे हैं. ऐसे में जांच अवश्य कराएं. कोविड के जहां 90 फीसद डेल्टा वायरस के केस मिल रहे है. वहीं डेंगू में 90 फीसद स्ट्रेन-टू मिल रहा है.


डेंगू के प्रकार

टाइप 1- सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.

टाइप 2- डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप 3- डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है. इससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.

ऐसे करें डेंगू से बचाव

घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.

इसे भी पढ़ें- भोजपुरी भाषियों से सीखें, कैसे अपनी बोली को सिर-माथे पर रखना चाहिए: मालिनी अवस्थी

खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी व तैलीय खाना न खाएं.

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लखनऊ: यूपी में मच्छरों का आतंक कायम है. प्रदेश में डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. मुख्यालय पर जिलों से मरीजों की रिपोर्ट का आना जारी है. इसमें पुराने मरीजों का भी ब्योरा भेजा गया है. प्रदेश में पिछले 24 घंटे में डेंगी के 110 मरीज मिले.ऐसे में मरीजों की संख्या 22,400 से बढ़कर 24,819 पहुंच गई है. वहीं सिंगल डोनर प्लेटलेट (एसडीपी) किट का संकट छा गया है. केजीएमयू ने प्राइवेट अस्पतालों को एसडीपी देने पर फिलहाल रोक लगा दी.

लखनऊ में 26 नए मरीज मिले
यूपी में फिरोजाबाद और मथुरा में डेंगू कहर बरपा रहा है.वहीं लखनऊ में भी बीमारी आफत बनी हुई है. लखनऊ में गुरुवार को 26 नए केस मिले.इसके अलावा 30 घरों में मच्छरों का लार्वा मिलने पर नोटिस जारी की गई. फैजुल्लागंज में 8 मरीज पाए गए.

डेंगू का स्ट्रेन टू बरपा रहा कहर
इस वर्ष डेंगू का स्ट्रेन-टू कहर बरपा रहा है. यूपी में कुल डेंगू के केस में 90 फीसद में स्ट्रेन-टू मिला. इसका खुलासा आईसीएमआर ने किया। केजीएमयू की आईसीएमआर लैब की प्रभारी डॉ सुरुचि शुक्ला ने कहा कि बुखार को हल्के में न लें। इस समय कोविड, डेंगू व जीका के मामले आ रहे हैं. ऐसे में जांच अवश्य कराएं. कोविड के जहां 90 फीसद डेल्टा वायरस के केस मिल रहे है. वहीं डेंगू में 90 फीसद स्ट्रेन-टू मिल रहा है.


डेंगू के प्रकार

टाइप 1- सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.

टाइप 2- डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप 3- डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है. इससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.

ऐसे करें डेंगू से बचाव

घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.

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खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी व तैलीय खाना न खाएं.

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