लखनऊ : देश और उत्तर प्रदेश से ब्राह्मणों को एकजुट करके अपनी मांगों को उठाने के लिए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया. यहां देशभर से साधु संत और ब्राह्मण समाज के प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए, जिसमें सबसे बड़ी मांग ब्राह्मणों की रक्षा के लिए विप्र आयोग बनाने की की गई, जिसके जरिए ब्राह्मणों पर जगह-जगह हो रहे अत्याचारों को रोकने की बात कही गई. इस सम्मेलन के दौरान अनेक लोगों ने फरसा का खुलेआम प्रदर्शन किया. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी शामिल हुए. जिन्होंने सभी लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी और सरकार के स्तर से ब्राह्मण समुदाय के सहयोग में कोई कमी नहीं छोड़ा जाएगा.
विप्र आयोग के गठन की मांग : अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की ओर से आयोजित इस महासम्मेलन में अध्यक्ष राजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि 'विप्र आयोग का गठन उत्तर प्रदेश में बहुत अधिक महत्वपूर्ण है. जगह-जगह ब्राह्मणों पर अत्याचार के समाचार सामान्य हो चुके हैं, कहीं भी ब्राह्मण की कोई सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए सरकार पर समाज की ओर से यह दबाव बनाया जाएगा की हर हाल में ब्राह्मणों के संरक्षण के लिए विप्र आयोग का गठन किया जाए. चित्रकूट से आए धर्माचार्य ने मांग की कि समय-समय पर उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस के अपमान की घटनाएं सामने आ रही हैं. बिहार में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था. इन सारी चीजों को रोकने की बहुत जरूरत है. मेरठ से आई सामाजिक कार्यकर्ता सोनम पंडित ने कहा कि ब्राह्मणों पर अत्याचार अब नहीं सहा जाएगा और समाज हर कदम उठाने के लिए तैयार है.'
'ब्राह्मण के सम्मान में कोई कमी नहीं' : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस मौके पर कहा कि 'सरकार समाज के हर वर्ग के संरक्षण में लगी हुई है. इसके साथ ही ब्राह्मण के सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही. भारतीय जनता पार्टी की ओर से हर स्तर पर समाज के हर वर्ग को बराबर प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है और सरकार कहीं भी अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी.'
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