लखीमपुर खीरी: झुलस भरी गर्मी के बीच बारिश (Rain) की राह तक रहे लोगों का इंतजार रविवार को तो बादलों ने खत्म कर दिया, लेकिन जब बादल बरसे तो नगर पालिका (Municipality) की पोल खुल गई. जी, हां चार घंटे की बारिश में ही खीरी शहर पानी-पानी हो गया. नाले-नालियों से पानी निकल कर सड़कों पर आ गया. कहीं पानी दुकानों में घुसा तो कहीं घरों को सराबोर कर दिया. अब स्थानीय लोग नगर पालिका की पानी निकासी और सफाई व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं. ये हाल कहीं और का नहीं, बल्कि हार्ट ऑफ द सिटी (heart of the city) में नजर आया है. नगर पालिका अध्यक्ष कह रहीं हैं कि यह बारिश का महीना है. बरसात का मौसम है तो पानी तो बरसेगा ही. साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष दावा कर रही हैं कि सफाई व्यवस्था का कार्य पूर्ण कर लिया गया है.
ईटीवी भारत की टीम ने बारिश के दौरान शहर के कुछ इलाकों और मुख्य सड़कों का जायजा लिया तो नजारे सामने थे. आपको बता दें कि लखीमपुर (Lakhimpur) की सबसे व्यस्त खीरी रोड पर जलभराव (Water logging) से सड़क पर पानी समुद्र (Sea) की तरह हिलोरे मार रहा है. सड़कें दरिया में बदली नजर आ रही हैं. पैदल चलने वाले राहगीर डिवाइडर को सड़क बनाकर चल रहे हैं. डॉन बॉस्को स्कूल (Don Bosco School) से लेकर सौजन्या चौक पूरी तरह पानी से चोक रहा. शहर में स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले आनन्द सचदेवा कहते हैं कि 'पानी कहां है सड़क कहां है' पता नहीं चल रहा. सफाई व्यवस्था ध्वस्त है सब पानी-पानी है. बुरा हाल है.
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शहर की खपरैल बाजार रविवार लॉकडाउन के चलते बन्द है. तेज बारिश ने बाजार स्थित दुकानों पर पानी भर दिया. इतनी ही नहीं नगर पालिका अध्यक्ष निरुपमा बाजपेई के घर के बाहर जलभराव की स्थिति है. शहर की डीसी रोड पर भी कॉलोनी तालाब बन गई है. शहर निवासी अशोक कुमार ने बताया कि सीवर टैंक का पानी भी सड़क तक जा पहुंचा है, जिससे बदबू से लोग परेशान हैं. अब नगर पालिका पंप सेट के जरिए पानी निकाल कर शहरवासियों को राहत देने की कोशिश कर रहा है.
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नगर पालिका बारिश से पूर्व नाला सफाई के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च करती है, लेकिन बारिश होते ही शहर की सड़कों का बुरा हाल हो जाता है. आलम ऐसा होता है कि नाले-नालियां उफनाकर सड़क पर बहने लगती हैं. कुछ लोग इसका कारण अतिक्रमण बताते हैं. कुछ लोग शहर क्षेत्र स्थित तालाबों के पटने को भी इसका कारण बताते हैं. कारण जो भी हो शहर के लोग हर बार बारिश में पानी से दो-चार होते हैं.