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लखीमपुर खीरी: जंगल में भैंस चराने गए किसान पर बाघ ने किया हमला, मौत

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक बाघ ने जानवरों को चराने गए ग्रामीण पर हमला कर दिया. बाघ के हमले से ग्रामीण की मौत हो गई. वहीं वन विभाग ने ग्रामीणों को चेतावनी देते हुए उन्हें जंगल में जानवर चराने से मना किया है.

बाघ ने किया हमला
बाघ ने किया हमला
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Published : Oct 10, 2020, 10:23 AM IST

लखीमपुर खीरी: जिले की तिकोनियां कोतवाली इलाके के मझरा पूरब के रहने वाले प्यारे लाल यादव (50) अपनी भैंसों को चराने जंगल की तरफ गए थे. काफी देर तक जब वह नहीं लौटे तो घरवालों ने उनकी खोजबीन शुरू की. घरवाले जंगल की तरफ गए, जहां प्यारे लाल का शव बरामद हुआ. शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत था.

स्थानीय लोगों को समझते देर नहीं लगी कि किसी जंगली जानवर ने उन पर हमला किया है. इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दी गई, जिसके बाद पड़ताल शुरू की गई. वन विभाग के अफसरों ने शव को देख बाघ के हमले की पुष्टि की. इलाके के रेंजर दिनेश वडोला ने स्थानीय लोगों को जंगल में जानवर न चराने के निर्देश दिए हैं.

दुधवा बफर जोन के डीएफओ डॉ. अनिल कुमार पटेल ने कहा कि यह वारदात जंगल में हुई है. बाघ इस इलाके में है. यह इलाका कर्तनियाघाट वन्यजीव विहार से सटा है. ऐसे में बाघ और तेंदुए अक्सर जंगल से निकलकर गन्ने के खेतों में भी आ जाते हैं. लोगों को सावधान रहने को कहा गया है. टीमों को कॉम्बिंग के लिए लगाया गया है. डीएफओ ने सख्ती से कहा है कि अब जंगल में जानवर चराने जाने वालों पर वन एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.

बता दें कि करीब पांच दिन पहले ही मझरा रेलवे स्टेशन के आगे जंगल किनारे बाघ के हमले की सूचना मिली थी. बाघ ने इसके पहले रविवार को दलराजपुर के किसान ज्ञान सिंह को भी खा डाला था. बाघ के हमले से इलाके में अब खौफ का माहौल है.

लखीमपुर खीरी: जिले की तिकोनियां कोतवाली इलाके के मझरा पूरब के रहने वाले प्यारे लाल यादव (50) अपनी भैंसों को चराने जंगल की तरफ गए थे. काफी देर तक जब वह नहीं लौटे तो घरवालों ने उनकी खोजबीन शुरू की. घरवाले जंगल की तरफ गए, जहां प्यारे लाल का शव बरामद हुआ. शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत था.

स्थानीय लोगों को समझते देर नहीं लगी कि किसी जंगली जानवर ने उन पर हमला किया है. इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दी गई, जिसके बाद पड़ताल शुरू की गई. वन विभाग के अफसरों ने शव को देख बाघ के हमले की पुष्टि की. इलाके के रेंजर दिनेश वडोला ने स्थानीय लोगों को जंगल में जानवर न चराने के निर्देश दिए हैं.

दुधवा बफर जोन के डीएफओ डॉ. अनिल कुमार पटेल ने कहा कि यह वारदात जंगल में हुई है. बाघ इस इलाके में है. यह इलाका कर्तनियाघाट वन्यजीव विहार से सटा है. ऐसे में बाघ और तेंदुए अक्सर जंगल से निकलकर गन्ने के खेतों में भी आ जाते हैं. लोगों को सावधान रहने को कहा गया है. टीमों को कॉम्बिंग के लिए लगाया गया है. डीएफओ ने सख्ती से कहा है कि अब जंगल में जानवर चराने जाने वालों पर वन एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.

बता दें कि करीब पांच दिन पहले ही मझरा रेलवे स्टेशन के आगे जंगल किनारे बाघ के हमले की सूचना मिली थी. बाघ ने इसके पहले रविवार को दलराजपुर के किसान ज्ञान सिंह को भी खा डाला था. बाघ के हमले से इलाके में अब खौफ का माहौल है.

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