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Lakhimpur Kheri : सपा की आपत्ति खारिज, आरओ ने भाजपा प्रत्याशी को दी क्लीन चिट

आपत्ति ख़ारिज होने के बाद समाजवादी पार्टी ने अब इस मामले को अदालत में ले जाने का एलान किया है. निर्वाचन अधिकारी ने अब अध्यक्ष पद पर तीन प्रत्याशियों को हरी झंडी दे दी है.

Lakhimpur Kheri : सपा की आपत्ति खारिज, आरओ ने दी क्लीन चिट, अब तीन प्रत्याशी मैदान में
Lakhimpur Kheri : सपा की आपत्ति खारिज, आरओ ने दी क्लीन चिट, अब तीन प्रत्याशी मैदान में
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Published : Jun 27, 2021, 12:03 PM IST

Updated : Jun 27, 2021, 1:36 PM IST

लखीमपुर खीरी : जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की बीच रस्साकसी बढ़ गई है. सपा की ओर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ दी गई आपत्ति निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दी है. चुनाव मैदान में अब तीन प्रत्याशी हैं. तीन जुलाई को मतदान होगा.

आपत्ति ख़ारिज होने के बाद समाजवादी पार्टी ने अब इस मामले को अदालत तक ले जाने का ऐलान कर दिया है. निर्वाचन अधिकारी ने अब अध्यक्ष पद पर तीन प्रत्याशियों को हरी झंडी दे दी है. भारतीय जनता पार्टी से ओमप्रकाश भार्गव, समाजवादी पार्टी से अंजली भार्गव और निर्दलीय सुशीला भार्गव चुनाव मैदान में हैं.

भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी को लेकर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अंजली भार्गव ने आरओ को एक आपत्ति दी थी जिसमें भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश भार्गव को पत्नी की हत्या का दोषी और सजायाफ्ता बताया था. आपत्ति में कहा गया था कि भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश दहेज प्रतिषेध अधिनियम में सन् 2000 में आरोपी थे.

अध्यक्ष पद के प्रत्याशी ओमप्रकाश को 2003 में एडीजे अदालत ने दोषी पाया और 10 साल की सजा के साथ अर्थदंड भी सुनाया. आपत्ति में ये भी कहा गया कि भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश ने उक्त मुकदमे में धारा 304 बी को छिपाकर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव मितौली वार्ड-2 से झूठा शपथपत्र देकर छल से जीत लिया.

यह भी पढ़ें : भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ सपा ने दाखिल की आपत्ति, नामांकन खारिज करने की अपील की

इसलिए जिला पंचायत सदस्य का चुनाव ही अवैध है. सपा प्रत्याशी अंजली ने अपनी आपत्ति में ये भी लिखा कि सदस्य के चुनाव के वक्त भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश ने जो शपथपत्र प्रस्तुत किया, उसमें सजा कितनी हुई, कितने दिन कारावास में बिताए, का कोई जिक्र नहीं किया.

इसलिए सदस्य पद का चुनाव अवैध है. चूंकि भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश को 10 साल का आजीवन कारावास हुआ और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8/3 के तहत कोई भी दोषसिद्ध अपराधी चुनाव नहीं लड़ सकता जिसे दो साल से ज्यादा की सजा हुई हो. इसलिए ओमप्रकाश की सदस्यता रद्द की जाए.

जिला निर्वाचन अधिकारी ने अपने आदेश में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अंजली की आपत्तियों को खारिज करते हुए तर्क दिया कि चूंकि अंजली ने 10 साल के कारावास का आरोप लगाया है जबकि ओमप्रकाश ने जो प्रतिउत्तर दिया, उसमें कहा है कि 23 अप्रैल 2003 में एडीजे कोर्ट ने धारा 306 में दो साल नौ महीने की सजा और 100 रुपये का अर्थदंड दिया है जबकि धारा 498 ए में एक वर्ष व सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गयी थी.

वहीं, लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सजायाफ्ता व्यक्ति की सजा के बाद छह साल की अवधि पूरी होने के बाद उसे कोई भी चुनाव लड़ने और अपनी दावेदारी करने की पूरी छूट होती है. आरओ ने अपने आदेश में कहा कि आपत्तिकर्ता ने जो आपत्ति लगाई हैं, उसमें न्यायालय के आदेश की कॉपी नहीं है.

वहीं, सदस्य चुनाव में ओमप्रकाश ने जो शपथपत्र दिया है, उसकी प्रमाणित प्रति भी नहीं लगाई गयी है. इसलिए आपत्ति खारिज की जाती है. उधर, जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्यासी ओमप्रकाश के नामांकन पर दाखिल आपत्ति खारिज होने के बाद समाजवादी पार्टी अब इस मामले को अदालत की चौखट पर ले जाने का मन बना चुकी है.

समाजवादी पार्टी के एमएलसी शशांक यादव ने कहा कि वह अब इस मामले में को अदालत में चुनौती देंगे. शशांक यादव ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र को सत्तापक्ष और अफसर मिलकर धूमिल कर रहे. अब वो आपत्ति को लेकर अदालत में अर्जी दायर करेंगे.

लखीमपुर खीरी : जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की बीच रस्साकसी बढ़ गई है. सपा की ओर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ दी गई आपत्ति निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दी है. चुनाव मैदान में अब तीन प्रत्याशी हैं. तीन जुलाई को मतदान होगा.

आपत्ति ख़ारिज होने के बाद समाजवादी पार्टी ने अब इस मामले को अदालत तक ले जाने का ऐलान कर दिया है. निर्वाचन अधिकारी ने अब अध्यक्ष पद पर तीन प्रत्याशियों को हरी झंडी दे दी है. भारतीय जनता पार्टी से ओमप्रकाश भार्गव, समाजवादी पार्टी से अंजली भार्गव और निर्दलीय सुशीला भार्गव चुनाव मैदान में हैं.

भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी को लेकर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अंजली भार्गव ने आरओ को एक आपत्ति दी थी जिसमें भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश भार्गव को पत्नी की हत्या का दोषी और सजायाफ्ता बताया था. आपत्ति में कहा गया था कि भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश दहेज प्रतिषेध अधिनियम में सन् 2000 में आरोपी थे.

अध्यक्ष पद के प्रत्याशी ओमप्रकाश को 2003 में एडीजे अदालत ने दोषी पाया और 10 साल की सजा के साथ अर्थदंड भी सुनाया. आपत्ति में ये भी कहा गया कि भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश ने उक्त मुकदमे में धारा 304 बी को छिपाकर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव मितौली वार्ड-2 से झूठा शपथपत्र देकर छल से जीत लिया.

यह भी पढ़ें : भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ सपा ने दाखिल की आपत्ति, नामांकन खारिज करने की अपील की

इसलिए जिला पंचायत सदस्य का चुनाव ही अवैध है. सपा प्रत्याशी अंजली ने अपनी आपत्ति में ये भी लिखा कि सदस्य के चुनाव के वक्त भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश ने जो शपथपत्र प्रस्तुत किया, उसमें सजा कितनी हुई, कितने दिन कारावास में बिताए, का कोई जिक्र नहीं किया.

इसलिए सदस्य पद का चुनाव अवैध है. चूंकि भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश को 10 साल का आजीवन कारावास हुआ और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8/3 के तहत कोई भी दोषसिद्ध अपराधी चुनाव नहीं लड़ सकता जिसे दो साल से ज्यादा की सजा हुई हो. इसलिए ओमप्रकाश की सदस्यता रद्द की जाए.

जिला निर्वाचन अधिकारी ने अपने आदेश में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अंजली की आपत्तियों को खारिज करते हुए तर्क दिया कि चूंकि अंजली ने 10 साल के कारावास का आरोप लगाया है जबकि ओमप्रकाश ने जो प्रतिउत्तर दिया, उसमें कहा है कि 23 अप्रैल 2003 में एडीजे कोर्ट ने धारा 306 में दो साल नौ महीने की सजा और 100 रुपये का अर्थदंड दिया है जबकि धारा 498 ए में एक वर्ष व सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गयी थी.

वहीं, लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सजायाफ्ता व्यक्ति की सजा के बाद छह साल की अवधि पूरी होने के बाद उसे कोई भी चुनाव लड़ने और अपनी दावेदारी करने की पूरी छूट होती है. आरओ ने अपने आदेश में कहा कि आपत्तिकर्ता ने जो आपत्ति लगाई हैं, उसमें न्यायालय के आदेश की कॉपी नहीं है.

वहीं, सदस्य चुनाव में ओमप्रकाश ने जो शपथपत्र दिया है, उसकी प्रमाणित प्रति भी नहीं लगाई गयी है. इसलिए आपत्ति खारिज की जाती है. उधर, जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्यासी ओमप्रकाश के नामांकन पर दाखिल आपत्ति खारिज होने के बाद समाजवादी पार्टी अब इस मामले को अदालत की चौखट पर ले जाने का मन बना चुकी है.

समाजवादी पार्टी के एमएलसी शशांक यादव ने कहा कि वह अब इस मामले में को अदालत में चुनौती देंगे. शशांक यादव ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र को सत्तापक्ष और अफसर मिलकर धूमिल कर रहे. अब वो आपत्ति को लेकर अदालत में अर्जी दायर करेंगे.

Last Updated : Jun 27, 2021, 1:36 PM IST
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