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लखीमपुर: 2000 रुपये किलो बिक रही है यह सब्जी, खरीदारों की नहीं है कमी - etv bharat special

लखीमपुर खीरी का बाजार इन दिनों कटरुआ सब्जी से गुलजार है. यह सब्जी सिर्फ मानसून में ही मिलती है. यह दो हजार रुपये किलो तक बिकता है. तराई क्षेत्रों के लोग इसे काफी पसंद करते हैं.

कटरुआ सब्जी के लिए लगी लोगों की भीड़.
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Published : Jul 8, 2019, 6:29 PM IST

लखीमपुर: जब आलू-प्‍याज 30 या 40 रुपये किलो बिकने लगता है तो लोग परेशान हो जाते हैं. वहीं जिले में एक ऐसी सब्‍जी की उपज होती है, जो सामान्‍य तौर पर बाजार में दो हजार रुपये प्रति किलो बिक रही है, जिसे खरीदने के लिए लोग टूटे पड़े हैं. इस सब्‍जी का नाम है कटरुआ. इन दिनों कटरुआ सब्जी से बाजार गुलजार है. इस सब्जी की खासियत है कि यह सिर्फ मानसून के समय में ही मिलती है.

दो हजार रुपये बिक रही यह सब्जी.
मानसून के समय में मिलती है ये सब्जी-
  • कटरुआ एक वाइल्ड मशरूम होता है.
  • यह तराई जगहों जैसे लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बहराइच के जंगलों में मिलता है.
  • यह सब्जी तराई क्षेत्रों के लोगों की पहली पसंद है.
  • यह दो हजार रुपये किलो तक बिकता है.
  • कटरुआ ऊपर से काला मटमैला दिखने वाला कटर और अंदर से बिल्कुल सफेद होता है.

कटरुआ की सब्जी इतनी स्वादिष्ट बनती है कि इसके चाहने वाले साल भर इसके आने का इंतजार करते रहते हैं. सब्जी खरीदने आईं स्वाति पाण्डेय ने कहा कि हम लोग साल भर इसके आने का इंतजार करते हैं. बाजार में आ गया तो फिर दामों की फिक्र नहीं चाहे 300 रुपये पाव मिले या फिर 500 रुपये पाव.

लखीमपुर: जब आलू-प्‍याज 30 या 40 रुपये किलो बिकने लगता है तो लोग परेशान हो जाते हैं. वहीं जिले में एक ऐसी सब्‍जी की उपज होती है, जो सामान्‍य तौर पर बाजार में दो हजार रुपये प्रति किलो बिक रही है, जिसे खरीदने के लिए लोग टूटे पड़े हैं. इस सब्‍जी का नाम है कटरुआ. इन दिनों कटरुआ सब्जी से बाजार गुलजार है. इस सब्जी की खासियत है कि यह सिर्फ मानसून के समय में ही मिलती है.

दो हजार रुपये बिक रही यह सब्जी.
मानसून के समय में मिलती है ये सब्जी-
  • कटरुआ एक वाइल्ड मशरूम होता है.
  • यह तराई जगहों जैसे लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बहराइच के जंगलों में मिलता है.
  • यह सब्जी तराई क्षेत्रों के लोगों की पहली पसंद है.
  • यह दो हजार रुपये किलो तक बिकता है.
  • कटरुआ ऊपर से काला मटमैला दिखने वाला कटर और अंदर से बिल्कुल सफेद होता है.

कटरुआ की सब्जी इतनी स्वादिष्ट बनती है कि इसके चाहने वाले साल भर इसके आने का इंतजार करते रहते हैं. सब्जी खरीदने आईं स्वाति पाण्डेय ने कहा कि हम लोग साल भर इसके आने का इंतजार करते हैं. बाजार में आ गया तो फिर दामों की फिक्र नहीं चाहे 300 रुपये पाव मिले या फिर 500 रुपये पाव.

Intro:एंकर-आपने दो हजार रुपए किलो की सब्जी खाई है क्या। शायद न खाई हो। पर लखीमपुर खीरी जिले में एक सब्जी 2000 रुपए किलो तक बिक रही। आइए आपको भी दिखाते हैं।


Body:लखीमपुर-लखीमपुर खीरी जिले में इन दिनों ये काली काली गोले नुमा सब्जी छोटे छोटे बोरों में बेचते आपको लोग दिख जाएंगे। ये है कटरुआ। जी हाँ, कटरुआ बाजार इन दिनों गुलजार है। खरीदार कटरुआ खरीदने को टूटे पड़े हैं। ये खास सब्जी है जो सिर्फ और सिर्फ मानसून की शुरआत में ही मिलती है। आप दाम सुनेंगे तो शायद आपके होश उड़ जाएंगे ₹2000 किलो जी हां सही सुना आपने ₹2000 किलो तक बिकता है यह कटरुआ। कटरुआ दरसल एक वाइल्ड मशरूम होता है। जो तराई के लखीमपुर खीरी,पीलीभीत,बहराइच के जँगलो में मिल जाता है। साल फारेस्ट में मिलने वाला ये मशरूम तराई के लोगों की पहली पसंद है। मानसून की शुरुआत में जँगलो से निकालकर बाजार तक कटरुआ के पहुंचने की कहानी बड़ी रोमांचक होती है। बाघों के घरों में से चोरी छिपे कटरुआ बाजार तक लाया जाता है।ऐसे में इसका रेट दो हजार रुपए किलो तक पहुंच जाता है। बाइट दुकानदार-


Conclusion:ऊपर से काला मटमैला दिखने वाला कटर हुआ अंदर से बिल्कुल सफेद होता है कटरुआ की सब्जी इतनी स्वादिष्ट बनती है कि इसके चाहने वाले साल भर इसके आने का इंतजार करते रहते हैं। स्वाति पांडे भी आज कटरुआ खरीदने आई हैं छठ छठ का दिन बैंकर कटे हुए खरीद रही हैं पूछने पर कहते हैं किस से ज्यादा क्या कहें कि हम लोग साल भर कटे हुए का आने का इंतजार करते हैं और बाजार में आ गया तो फिर दामों की फिक्र नहीं चाहे ₹300 पाव मिले या फिर ₹500 रुपए पाव। बाइट-स्वाति पाण्डेय पीटीसी-प्रशान्त पाण्डेय ----------------- प्रशान्त पाण्डेय लखीमपुर खीरी 9984152598
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