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'लालू दादा' की नहीं लगी बोली, 49 हजार में बिका 'राजा'

यूपी के लखीमपुर खीरी जिले की बकरा मंडी में एक व्यापारी राजा और लालू दादा नाम के दो बकरे बेंचने के लिए आया था. व्यापारी का एक बकरा 49 हजार रुपये में बिका.

लालू दादा की नहीं लगी बोली 49 हजार में बिका राजा
लालू दादा की नहीं लगी बोली 49 हजार में बिका राजा
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Published : Jul 20, 2021, 10:58 PM IST

लखीमपुर खीरी : यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में बकरा मंडी में राजा और लालू दादा भी बिकने आए. ग्राहकों ने राजा को तो 49 हजार रुपये में खरीद लिया, वहीं दादा को खरीदार नहीं मिले. दरअसल, शहर के थर्वरनगंज मोहल्ले के बकरा बाजार में दो बकरे बिकने आए थे. इनमें से एक का नाम राजा तो दूसरे का नाम लालू दादा था. बाजार में बकरा बेचने आए व्यापारी सदरुद्दीन ने बताया कि बकरा लालू दादा पूरे मोहल्ले के बकरों का दादा है.

उन्होंने बताया कि यह बकरा पहाड़ी नश्ल का है, इसके सींग नहीं हैं. इस बकरे के सामने अन्य प्रकार के सभी बकरे हार मानते हैं. दोनों बकरे राजा और लालू दादा एक साथ ही रहते थे. एक व्यक्ति ने सदरुद्दीन से राजा को खरीद लिया. इसके लिए सदरुद्दीन को 49 हजार रुपये मिले, जबकि लालू दादा का कोई खरीदार नहीं मिला.

49 हजार में बिका राजा.

मंडी में बकरा खरीदने आए अब्दुल सलीम ने बताया कि इस बार बकरीद के पर्व पर कोरोना और महंगाई की मार साफ दिखाई दे रही है. बकरीद का पर्व निकट है और जेब खाली है. ऐसे में बाजार में रौनक भी कम दिखाई पड़ रही है. शहर की थर्वरनगंज बकरा मंडी में इस बार पिछले वर्षों की अपेक्षा रौनक नहीं है. अब्दुल सलीम का कहना है कि वह भी बकरा खरीदने आए थे. महंगाई की वजह से वह बकरा नहीं खरीद पाए हैं. खरीदारी में भी ग्राहकों को समझौता करना पड़ रहा है.

21 हजार की कीमत वाले बकरे को नहीं मिला ग्राहक

मंडी में बकरा बेचने आए अब्दुल रऊफ ने बताया कि उन्होंने अपने बकरे की कीमत 21 हजार रुपये लगाई है. उनके बकरे को खरीदने के लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं. अब्दुल रऊफ का कहना है कि वह काफी समय से ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं. इस बार बाजार में रौनक नहीं है. कोरोना संक्रमण के कारण लोगों का काम-धंधा बंद ठप हो गया है. इसलिए लोगों के पास पैसे की तंगी चल रही है. पेट्रोल-डीजल व तेल खरीदने में लोगों की हालत खस्ता हो रही है. ऐसे में बकरे के खरीदार बड़ी मुश्किल से मिल रहे हैं.

इसे पढ़ें- बकरीद पर प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी देने की अनुमति नहीं : एडीजी एलओ

लखीमपुर खीरी : यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में बकरा मंडी में राजा और लालू दादा भी बिकने आए. ग्राहकों ने राजा को तो 49 हजार रुपये में खरीद लिया, वहीं दादा को खरीदार नहीं मिले. दरअसल, शहर के थर्वरनगंज मोहल्ले के बकरा बाजार में दो बकरे बिकने आए थे. इनमें से एक का नाम राजा तो दूसरे का नाम लालू दादा था. बाजार में बकरा बेचने आए व्यापारी सदरुद्दीन ने बताया कि बकरा लालू दादा पूरे मोहल्ले के बकरों का दादा है.

उन्होंने बताया कि यह बकरा पहाड़ी नश्ल का है, इसके सींग नहीं हैं. इस बकरे के सामने अन्य प्रकार के सभी बकरे हार मानते हैं. दोनों बकरे राजा और लालू दादा एक साथ ही रहते थे. एक व्यक्ति ने सदरुद्दीन से राजा को खरीद लिया. इसके लिए सदरुद्दीन को 49 हजार रुपये मिले, जबकि लालू दादा का कोई खरीदार नहीं मिला.

49 हजार में बिका राजा.

मंडी में बकरा खरीदने आए अब्दुल सलीम ने बताया कि इस बार बकरीद के पर्व पर कोरोना और महंगाई की मार साफ दिखाई दे रही है. बकरीद का पर्व निकट है और जेब खाली है. ऐसे में बाजार में रौनक भी कम दिखाई पड़ रही है. शहर की थर्वरनगंज बकरा मंडी में इस बार पिछले वर्षों की अपेक्षा रौनक नहीं है. अब्दुल सलीम का कहना है कि वह भी बकरा खरीदने आए थे. महंगाई की वजह से वह बकरा नहीं खरीद पाए हैं. खरीदारी में भी ग्राहकों को समझौता करना पड़ रहा है.

21 हजार की कीमत वाले बकरे को नहीं मिला ग्राहक

मंडी में बकरा बेचने आए अब्दुल रऊफ ने बताया कि उन्होंने अपने बकरे की कीमत 21 हजार रुपये लगाई है. उनके बकरे को खरीदने के लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं. अब्दुल रऊफ का कहना है कि वह काफी समय से ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं. इस बार बाजार में रौनक नहीं है. कोरोना संक्रमण के कारण लोगों का काम-धंधा बंद ठप हो गया है. इसलिए लोगों के पास पैसे की तंगी चल रही है. पेट्रोल-डीजल व तेल खरीदने में लोगों की हालत खस्ता हो रही है. ऐसे में बकरे के खरीदार बड़ी मुश्किल से मिल रहे हैं.

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