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किसानों ने किया प्रदर्शन, बोले- नहीं चाहिए ये कृषि कानून - lakhimpur kheri farmers protest

यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों ने किसान बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. किसानों के समर्थन में तमाम राजनीतिक दलों ने भी प्रदर्शन किया. सपा के कई नेताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई.

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किसानों का विरोध प्रदर्शन.
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Published : Dec 14, 2020, 5:07 PM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में किसानों के समर्थन में तमाम राजनीतिक दलों ने प्रदर्शन किया. किसान आंदोलन के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कई नेताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई. पुलिस ने सपा और कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. किसानों ने प्रदर्शन में कृषि कानून को लेकर अपनी आशंकाएं भी ईटीवी भारत से साझा कीं.

दिल्ली में चल रहे किसान प्रदर्शन के 19वें दिन किसान नेता एक दिन के उपवास पर हैं. लखीमपुर खीरी जिले के किसानों ने आंदोनल के समर्थन में प्रदर्शन किया. समाजवादी पार्टी के नेताओं को रात में ही नजरबंद कर दिया गया. तमाम कार्यकर्ताओें की जगह-जगह गिरफ्तारी भी हुई.

प्रदर्शन में आए अरवेल सिंह ने कहा कि जो कृषि कानून हमने मांगा ही नहीं सरकार हम किसानों को क्यों जबरन देना चाहती है. सरकार कृषि कानून वापस ले. वहीं, किसान गुरदीप सिंह ने कहा कि बिल और कानून बनने के पहले ही इस साल धान 1000-1100 में बेचने को किसान मजबूर हैं. आगे की सोचकर भी खौफ लगता है.

किसान निर्मल सिंह कहते हैं किसानी का प्राइवेटाइजेशन सरकार करना चाह रही है. इससे किसानों का भारी नुकसान होगा. किसानों के बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा. निर्मल सिंह तर्क देते हुए कहते हैं कि मोदी सरकार की सभी योजनाएं हवा-हवाई हैं. किसान बीमा योजना में हमारा पैसा कट जाता है. हम किसानों की फसल बर्बाद होने पर मुआवजा कहां से लें, इसका कोई पता ही नहीं. इससे करोड़ों रुपये कॉरपोरेट ने कमा लिया, हम किसानों के हाथ मुसीबत में भी खाली ही होते हैं.

अरवेल सिंह कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जब 2014 में खीरी आए थे तो 14 दिन में पेमेंट का वादा किया था. उसके बाद भी 18-18 महीनों तक किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा. अभी यूपी में गन्ने का रेट तक तय नहीं हो सका है.

लखीमपुर खीरी: जिले में किसानों के समर्थन में तमाम राजनीतिक दलों ने प्रदर्शन किया. किसान आंदोलन के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कई नेताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई. पुलिस ने सपा और कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. किसानों ने प्रदर्शन में कृषि कानून को लेकर अपनी आशंकाएं भी ईटीवी भारत से साझा कीं.

दिल्ली में चल रहे किसान प्रदर्शन के 19वें दिन किसान नेता एक दिन के उपवास पर हैं. लखीमपुर खीरी जिले के किसानों ने आंदोनल के समर्थन में प्रदर्शन किया. समाजवादी पार्टी के नेताओं को रात में ही नजरबंद कर दिया गया. तमाम कार्यकर्ताओें की जगह-जगह गिरफ्तारी भी हुई.

प्रदर्शन में आए अरवेल सिंह ने कहा कि जो कृषि कानून हमने मांगा ही नहीं सरकार हम किसानों को क्यों जबरन देना चाहती है. सरकार कृषि कानून वापस ले. वहीं, किसान गुरदीप सिंह ने कहा कि बिल और कानून बनने के पहले ही इस साल धान 1000-1100 में बेचने को किसान मजबूर हैं. आगे की सोचकर भी खौफ लगता है.

किसान निर्मल सिंह कहते हैं किसानी का प्राइवेटाइजेशन सरकार करना चाह रही है. इससे किसानों का भारी नुकसान होगा. किसानों के बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा. निर्मल सिंह तर्क देते हुए कहते हैं कि मोदी सरकार की सभी योजनाएं हवा-हवाई हैं. किसान बीमा योजना में हमारा पैसा कट जाता है. हम किसानों की फसल बर्बाद होने पर मुआवजा कहां से लें, इसका कोई पता ही नहीं. इससे करोड़ों रुपये कॉरपोरेट ने कमा लिया, हम किसानों के हाथ मुसीबत में भी खाली ही होते हैं.

अरवेल सिंह कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जब 2014 में खीरी आए थे तो 14 दिन में पेमेंट का वादा किया था. उसके बाद भी 18-18 महीनों तक किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा. अभी यूपी में गन्ने का रेट तक तय नहीं हो सका है.

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