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कुशीनगर में 25 मई तक आना था नहरों में पानी, वाल्मीकि नगर बैराज पर तकनीकी दिक्कत से हो रही देरी - etv bharat up news

कुशीनगर में वाल्मीकिनगर बैराज पर कुछ तकनीकी कार्य किए जा रहे थे. इसकी वजह से नहर में पानी छोड़े जाने का समय बढ़ा दिया गया था. इसके चलते किसानों को काफी परेशीनी हुई थी. जिले के किसानों का इंतजार आज समाप्त हो सकता है. आज नहर में पानी छोड़ा जा सकता है.

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कुशीनगर की नहर में छोड़ा गया पानी
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Published : May 28, 2022, 5:36 PM IST

कुशीनगर : नहर में पानी आने के लिए जिले के किसानों का इंतजार आज समाप्त हो सकता है. विभाग ने नहर में पानी आने की उम्मीद जताई है. वाल्मीकिनगर बैराज पर कुछ तकनीकी कार्य किए जा रहे थे. इसकी वजह से पानी छोड़े जाने का समय बढ़ा दिया गया था. विभाग ने 25 मई तक पानी छोड़े जाने का दावा किया था.

पिछले सप्ताह हुई बारिश से किसानों को कुछ राहत मिली थी. प्रचंड गर्मी से गन्ना, मक्का, मूंग, उड़द व ढैंचा की फसल झुलस रही है. वही अब धान का बेहन गिराने का कार्य तेज हो गया है. विभाग ने भी दावा किया था कि 25 मई तक नहरों में पानी आ जाएगा. इधर दो दिनों से फिर धूप तेज होने लगी है. इस वजह से बेहन की क्यारियां सूखने लगी हैं. बेहन को बचाने और उसके बढ़ोतरी के लिए हर दूसरे दिन सिंचाई करनी पड़ रही है.

इसे भी पढ़े-नहर की खुदाई हुई शुरू...तीस वर्ष बाद फिर से आएगा नहर में पानी !

तेज धूप से नहर भी सुख चुकी है : डीजल के महंगे दाम और बेहन के लिए पानी की नियमित आवश्यकता पर सुखी नहर किसानों को बेहाल की हुई हैं. जिन किसानों ने पंपिगसेट के सहारे 15-20 दिन पहले बेहन गिरा दिए थे, उनके पौधे रोपाई के लिए तैयार हो गए हैं. सेखुई मिश्र के देवेश मिश्र, पिपरा बाजार के शैलेष तिवारी, भरवलिया के बैजनाथ मिश्र का कहना है कि अगर नहर में पानी नहीं आएगा तो धान की रोपाई में विलंब होगा.

15 जून से मानसून आने का समय हो जाएगा. अचानक बारिश होने लगी तो धान के पौधे डूब जाएंगे. सिंचाई विभाग के अधिशासी अधिकारी बी राम ने बताया कि कुशीनगर की नहरों में शनिवार तक पानी आने की उम्मीद है. वाल्मीकिनगर बैराज पर फाटक और पैनल का काम चलने की वजह से नहर में पानी आने के लिए देरी हो रही है.

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कुशीनगर : नहर में पानी आने के लिए जिले के किसानों का इंतजार आज समाप्त हो सकता है. विभाग ने नहर में पानी आने की उम्मीद जताई है. वाल्मीकिनगर बैराज पर कुछ तकनीकी कार्य किए जा रहे थे. इसकी वजह से पानी छोड़े जाने का समय बढ़ा दिया गया था. विभाग ने 25 मई तक पानी छोड़े जाने का दावा किया था.

पिछले सप्ताह हुई बारिश से किसानों को कुछ राहत मिली थी. प्रचंड गर्मी से गन्ना, मक्का, मूंग, उड़द व ढैंचा की फसल झुलस रही है. वही अब धान का बेहन गिराने का कार्य तेज हो गया है. विभाग ने भी दावा किया था कि 25 मई तक नहरों में पानी आ जाएगा. इधर दो दिनों से फिर धूप तेज होने लगी है. इस वजह से बेहन की क्यारियां सूखने लगी हैं. बेहन को बचाने और उसके बढ़ोतरी के लिए हर दूसरे दिन सिंचाई करनी पड़ रही है.

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तेज धूप से नहर भी सुख चुकी है : डीजल के महंगे दाम और बेहन के लिए पानी की नियमित आवश्यकता पर सुखी नहर किसानों को बेहाल की हुई हैं. जिन किसानों ने पंपिगसेट के सहारे 15-20 दिन पहले बेहन गिरा दिए थे, उनके पौधे रोपाई के लिए तैयार हो गए हैं. सेखुई मिश्र के देवेश मिश्र, पिपरा बाजार के शैलेष तिवारी, भरवलिया के बैजनाथ मिश्र का कहना है कि अगर नहर में पानी नहीं आएगा तो धान की रोपाई में विलंब होगा.

15 जून से मानसून आने का समय हो जाएगा. अचानक बारिश होने लगी तो धान के पौधे डूब जाएंगे. सिंचाई विभाग के अधिशासी अधिकारी बी राम ने बताया कि कुशीनगर की नहरों में शनिवार तक पानी आने की उम्मीद है. वाल्मीकिनगर बैराज पर फाटक और पैनल का काम चलने की वजह से नहर में पानी आने के लिए देरी हो रही है.

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