कुशीनगर: नारायणी नदी का जलस्तर घटने के साथ ही दियारा स्थित गांवों में कटान तेज हो गई है. नदी खेतों में लगी फसलों को काफी तेजी से काट रही है. कटान का रुख धीरे-धीरे गांवों की ओर बढ़ रहा है, जिससे खड्डा और तमकुहीराज तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों पर अस्तित्व का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि बाढ़ खंड के एसडीओ ने अधिशासी अभियंताओं को पत्र भेजकर कटान से ग्रामीणों मे व्याप्त भय और उनकी सुरक्षा के लिए प्रयास किए जाने के लिए निर्देशित किया है.
बताते चलें कि नेपाल की पहाड़ियों पर लगातार हो रही बारिश के बाद बाल्मीकि नगर बैराज से छोड़े गए पानी के कारण नारायणी नदी खड्डा और तमकुहीराज तहसील के गांवों को प्रभावित कर रहा है. पानी का जलस्तर उतरने के साथ तेज हुई कटान लोगों के लिए नई मुसीबत बन गई है. लोग बेबस होकर अपने खेतों में खड़े केला, गन्ना आदि फसलों को नदी की धारा में विलीन होते देख रहे हैं. शुक्रवार को ही नदी ने खड्डा तहसील के किसान नारायण, जयप्रकाश, सुभाष, बाड़ू, तूफानी, जितेंद्र, किशोर, विश्वनाथ, शिव, रामप्रवेश, शंकर और इंद्रजीत जैसे 50 से ज्यादा किसानों की फसलों को काटकर अपनी धारा में मिला लिया है
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पिछली बार कम हुआ था कटान
गांव वालों का कहना है कि पिछली बार नदी का कटान इस बार से बहुत कम था, क्योंकि पूरे सत्र में नदी ने लगभग 200 मीटर की कटान की थी. इस बार महज 1 दिन के कटान में नारायणी ने 40 मीटर तक की जमीन को अपनी धारा में मिला लिया है. अगर नदी का कटान कुछ दिन और इसी तरह चला तो वह गांवों को भी काटकर अपने में विलीन कर लेगी.
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विभाग को दिए गए जरूरी निर्देश
इस सम्बंध में एसडीएम खड्डा अरविंद कुमार ने बताया कि गांव के नजदीक गंडक नदी की तेज कटान चालू है और कटान को रोकने के लिए सम्बंधित विभाग को जरूरी निर्देश दिए गए हैं.