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कुशीनगरः बिना डॉक्टर और दवाई के कैसे होगा मरीजों का इलाज - patients are not getting facilities at kushinagar hospital

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र विभागीय अव्यवस्था के कारण बदहाल पड़ा है. स्वास्थ्य केन्द्र में पड़ताल के दौरान दवाओं की भारी कमी दिखी. जिसमें लगभग 43 दवाओं के आगे साफ तौर पर नहीं होने की बात लिखी मिली.

अस्पताल में लड़खड़ाती स्वास्थ्य सेवाएं.
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Published : Jul 11, 2019, 1:13 PM IST

कुशीनगर: जिले के फाजिलनगर कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की पड़ताल में कई खामियां नजर आई है. स्वास्थ्य केन्द्र पर मरीज बेहाल दिखे वहीं दवा की साफ तौर पर कमी भी दिखी. लेकिन प्रभारी चिकित्सक सवालों के जवाब के क्रम में तत्काल दवा मंगवाने की बात कह कर अपना बचाव करते नजर आए.

अस्पताल में लड़खड़ाती स्वास्थ्य सेवाएं.

मरीजों को नहीं मिल रही सुविधाएं

  • सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र विभागीय अव्यवस्था के कारण खुद ही बदहाल हो गया है.
  • स्वयं जिम्मेदारों ने दीवारों पर अंकित दवाओं में से ज्यादातर के नहीं होने की बात लिख रखी है.
  • अस्पताल की दीवार पर कुल 84 दवाओं के नाम अंकित किए गए हैं.
  • ईटीवी भारत की पड़ताल के दौरान उनमें से 43 दवाओं के आगे साफ तौर पर नहीं होने की बात लिखी मिली.
  • इलाज कराने आए मरीजों ने बताया कि डॉक्टरों के बैठने का कोई समय नहीं है.
  • अस्पताल में कई घण्टे परेशान होने के बाद जब डॉक्टर मिले तो उन्होंने बाहर से जांच और अल्ट्रासाउंड कराने की बात कही.

मरीजों की परेशानी के साथ-साथ अस्पताल में दवा की बड़े पैमाने पर कमी दिखी. इस बाबत जब ईटीवी भारत ने सीएचसी प्रभारी डॉ. यूएन गुप्ता से बात की तो उन्होंने सब ठीक होने का दावा किया. उन्होंने जल्द ही दवा उपलब्ध कराने की बात भी कही, लेकिन कैमरा बन्द होते ही वो खबर को ही नहीं चलाने की बात कहने लगे.

कुशीनगर: जिले के फाजिलनगर कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की पड़ताल में कई खामियां नजर आई है. स्वास्थ्य केन्द्र पर मरीज बेहाल दिखे वहीं दवा की साफ तौर पर कमी भी दिखी. लेकिन प्रभारी चिकित्सक सवालों के जवाब के क्रम में तत्काल दवा मंगवाने की बात कह कर अपना बचाव करते नजर आए.

अस्पताल में लड़खड़ाती स्वास्थ्य सेवाएं.

मरीजों को नहीं मिल रही सुविधाएं

  • सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र विभागीय अव्यवस्था के कारण खुद ही बदहाल हो गया है.
  • स्वयं जिम्मेदारों ने दीवारों पर अंकित दवाओं में से ज्यादातर के नहीं होने की बात लिख रखी है.
  • अस्पताल की दीवार पर कुल 84 दवाओं के नाम अंकित किए गए हैं.
  • ईटीवी भारत की पड़ताल के दौरान उनमें से 43 दवाओं के आगे साफ तौर पर नहीं होने की बात लिखी मिली.
  • इलाज कराने आए मरीजों ने बताया कि डॉक्टरों के बैठने का कोई समय नहीं है.
  • अस्पताल में कई घण्टे परेशान होने के बाद जब डॉक्टर मिले तो उन्होंने बाहर से जांच और अल्ट्रासाउंड कराने की बात कही.

मरीजों की परेशानी के साथ-साथ अस्पताल में दवा की बड़े पैमाने पर कमी दिखी. इस बाबत जब ईटीवी भारत ने सीएचसी प्रभारी डॉ. यूएन गुप्ता से बात की तो उन्होंने सब ठीक होने का दावा किया. उन्होंने जल्द ही दवा उपलब्ध कराने की बात भी कही, लेकिन कैमरा बन्द होते ही वो खबर को ही नहीं चलाने की बात कहने लगे.

Intro:Intro - P2C

योगी सरकार के मंशानुरूप कुशीनगर जिले में स्वास्थ्य महकमा काम करता नही दिख रहा है. जिले के फाजिलनगर कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की पड़ताल में ऐसी ही बात सामने आयी है. स्वास्थ्य केन्द्र पर मरीज जहाँ बेहाल दिखे वहीं दवा की साफ तौर पर कमी भी दिखी लेकिन प्रभारी चिकित्सक सवालों के जवाब के क्रम में तत्काल दवा मंगवाने की बात कह कर अपना बचाव करते नजर आए


Body:VO - जिले के फाजिलनगर विधान सभा मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र विभागीय अव्यवस्था के कारण खुद ही बीमार हो गया है, दीवाल पर अंकित दवाओं में से ज्यादातर के नही होने की बात खुद जिम्मेदारों ने ही लिख रखा है

शासन की व्यवस्था के अनुसार प्रवेश द्वार के दीवाल पर कुल 84 दवाओं के नाम अंकित किए गए हैं लेकिन ईटीवी भारत के पड़ताल के दौरान उनमें से 43 दवाओं के आगे साफ तौर पर नही होने की बात लिखी मिली

परिसर में एक चिकित्सक से अपनी पत्नी का ईलाज कराने आए मुन्ना कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि मरीज को देखकर डॉक्टर ने तीन चार खून का जाँच लिखकर पास बैठे एक लड़के को मेरे साथ लगाकर बाहर के एक लैब पर भेज दिया लेकिन उतना पैसा मेरे पास नही था, इसलिए ईलाज नही हो सका

बाइट - मुन्ना कुमार, मरीज के परिजन

बाहर बेंच पर अपनी दो बेटियों के ईलाज के लिए आयी एक महिला आसमां ने बताया कि डॉक्टरों के बैठने का कोई समय नही है, कई घण्टे परेशान होने के बाद डॉक्टर मिले तो उन्होंने बाहर से जाँच और अल्ट्रासाउंड करवाया है

बाइट - आसमां, परेशान महिला

मरीजों की परेशानी के साथ अस्पताल में दवा की बड़े पैमाने पर दिखी कमी के बावत जब सीएचसी प्रभारी डा. यू एन गुप्ता से बात की गयी तो उन्होंने सब ठीक होने का दावा करते हुए जल्द दवा की उपलब्धता की बात कही लेकिन कैमरा बन्द होते ही वो खबर को ही नही चलाने की बात कहने लगे

बाइट - डा. यू एन गुप्ता, प्रभारी , सीएचसी फाजिलनगर




Conclusion:VO - मात्र तीन दिन पहले जिले में सीएम योगी ने अपने दौरे के दौरान जिला अस्पताल जाकर खुद मरीजों से बात कर सुविधाओं की जानकारी ली थी और फिर बाद मे जिले के सीएमओ के विरुद्ध कार्यवाही भी सुनिश्चित की गयी, इसके बावजूद अस्पतालों की व्यवस्था अभी भी लड़खड़ाती ही नजर आ रही है, इसे जिम्मेदारों का मनबढ़ रवैया ही माना जा सकता है क्योंकि प्रयास केवल कागजी आंकड़ों तक ही सीमित दिख रहा है

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
9984001450
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